वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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म्याँमार में मौजूदा राजनैतिक संकट के कारण, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) लाखों लोगों को भोजन व अन्य सहायता पहुँचा रहा है.
CERF/OCHA

म्यामाँर: राजनैतिक संकट के बीच, लोगों तक भोजन पहुँचाने की मुहिम

संयुक्त राष्ट्र का विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP), म्याँमार में मौजूदा राजनैतिक संकट के कारण उत्पन्न हालात के बीच खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे लाखों लोगों के लिये भोजन व अन्य सहायता पहुँचाने के प्रबन्ध करने में सक्रिय है. म्याँमार में यूएन खाद्य एजेंसी के उप निदेशक मारकस प्रायर ने यूएन न्यूज़ के साथ एक ख़ास बातचीत में बताया कि बैंकिग व्यवस्था चरमराने के कारण, लोगों को, भोजन असुरक्षा के साथ-साथ, भोजन ख़रीदने के लिये नक़दी का इन्तज़ाम करने की भी परेशानी भी हो रही है...

भारत के गुजरात में स्वच्छता और कोविड महामारी की रोकथाम के लिये एक सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एक बच्चे को सही ढंग से हाथ धोना सिखाते हुए.
UNICEF/Panjwani

कोविड-19: कुछ अहम सवाल-जवाब

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में, अप्रैल महीने में, कोविड-19 के संक्रमण की दूसरी लहर देखे जाने के मद्देनज़र, ऐहतियाती उपाय अपनाए जाने और उनके बारे में और ज़्यादा जागरूकता पर भी ख़ासा ज़ोर दिया है. जिनीवा से पेश किये गए इस कार्यक्रम की वीडियो प्रस्तुति...

वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण चरम मौसम की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है.
NOAA/Jerry Penry

जलवायु शिखर बैठक – ग्रह के लिये 'रैड ऐलर्ट', यूएन प्रमुख की चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण, दुनिया रसातल के कगार पर है और विश्व नेताओं को तत्काल कार्रवाई करते हुए, ग्रह को हरित मार्ग पर ले जाना होगा. यूएन प्रमुख ने गुरूवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जोसेफ़ बाइडेन द्वारा आयोजित एक वर्चुअल जलवायु शिखर बैठक को सम्बोधित करते हुए, पेरिस जलवायु समझौते में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिये महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई की पुकार लगाई है.

अन्तरराष्ट्रीय माँ पृथ्वी दिवस हर वर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाता है.
Credit English (NAMS)

अन्तरराष्ट्रीय माँ पृथ्वी दिवस – ग्रह की पुनर्बहाली के संकल्प की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरुवार, 22 अप्रैल, को ‘अन्तरराष्ट्रीय माँ पृथ्वी दिवस’ (International Mother Earth Day) के अवसर पर जारी अपने सन्देश में ज़ोर देकर कहा है कि पृथ्वी के संसाधनों के लापरवाह दोहन को रोका जाना होगा. महासचिव गुटेरेश ने प्रकृति के साथ शान्तिपूर्ण सम्बन्ध स्थापित करने, वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को सीमित करने और जैव-विविधता की रक्षा करने का आहवान किया है.

पेरिस जलवायु समझौते के तहत महत्वाकांक्षी कार्रवाई के ज़रिये जलवायु परिवर्तन का मुक़ाबला किया जा सकता है.
Screengrab/UN News

पेरिस जलवायु समझौते पर एक वीडियो नज़र...

पेरिस जलवायु समझौता, देशों को नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिये अपने स्वयं के रास्ते बनाने देता है. यह राष्ट्रों, व्यवसायों और लोगों के ऊपर है कि वे यह करने के नए तरीक़े खोजें. ऊर्जा उत्पादन से लेकर परिवहन, विनिर्माण और खेती तक. एक वीडियो परिचय...

अण्टार्कटिक क्षेत्र में हिमखण्ड.
WMO/Gonzalo Bertolotto

वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी के बीच दुनिया जलवायु ‘रसातल’ के कगार पर

संयुक्त राष्ट्र की मौसम विज्ञान एजेंसी (WMO) द्वारा सोमवार को जारी नई रिपोर्ट दर्शाती है कि पृथ्वी के तापमान में बढ़ोत्तरी बेरोकटोक जारी है, और साल 2020, अब तक के तीन सबसे गर्म वर्षों में दर्ज किया गया है. "State of the Global Climate" रिपोर्ट के मुताबिक़ वर्ष 2020 में वैश्विक औसत तापमान, औद्योगिक काल से पूर्व के स्तर की तुलना में 1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा, जोकि चिन्ताजनक है.

भारत में युवा महिलाएँ लैंगिक हिंसा के बारे में चर्चा करते हुए. विभिन्न यूएन एजेंसियाँ, इन मुद्दों पर जाकरूकता बढ़ाने में योगदान कर रही हैं.
© UNICEF/Vinay Panjwani

'शरीर मेरा है, मगर फ़ैसला मेरा नहीं' महिला सशक्तिकरण पर यूएन रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 57 विकासशील देशों की लगभग आधी महिलाओं को गर्भनिरोधक का उपयोग करने, स्वास्थ्य देखभाल की मांग करने या फिर अपनी कामुकता सहित अपने शरीर के बारे में निर्णय लेने का अधिकार नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोशष (UNFPA) की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में, लगभग आधी महिलाएँ अपने शरीरों पर ख़ुद के अधिकारों से वंचित हैं.
© UNICEF/Albert Gonzalez Farran

'मेरा शरीर, मेरा फ़ैसला’

संयुक्त राष्ट्र की एक नई प्रमुख रिपोर्ट में, व्यक्तियों की शारीरिक स्वायत्तता की पुकार लगाई गई है. इस मुद्दे पर पहली बार ध्यान केन्द्रित करते हुए, यूएन जनसंख्या कोष (UNFPA) की प्रमुख रिपोर्ट, ख़ुद के शरीर के बारे में, ख़ुद के निर्णय लेने की शक्ति और पसन्द की पुकार लगाती है. और ये शक्ति, हिंसा के डर के बिना, व किसी अन्य को ये फ़ैसला करने का अधिकार दिये बिना मिले.

यूएन जनसंख्या कोष (UNFPA) की वर्ष 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग आधी महिलाएँ अपने शरीरों पर अधिकार से वंचित हैं.
© UNICEF/Richard Humphries

करोड़ों महिलाएँ अन्य लोगों द्वारा नियंत्रित जीवन जीने को विवश

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 57 देशों में, तकरीबन आधी महिलाओं को, अपनी स्वास्थ्य देखभाल, गर्भ निरोधक प्रयोग करने या नहीं करने, या यौन जीवन के बारे में अपनी पसन्द से फ़ैसले करने की शक्ति हासिल नहीं है. 

 कोविड के ख़िलाफ़ जंग में महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है.
UNICEF/Vinay Panjwani

कोविड-19: समर्पण भाव से सेवारत स्वास्थ्यकर्मियों की सराहना

वैश्विक महामारी कोविड-19 पर जवाबी कार्रवाई में अग्रिम मोर्चे पर डटे स्वास्थ्यकर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. भारत में यूएन एजेंसियों ने बुधवार, 7 अप्रैल, को ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ के अवसर पर निस्वार्थ भाव से अपने कार्य में जुटे इन ‘नायकों’ का आभार व्यक्त किया है.