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अफ़ग़ानिस्तान में कोविड-19 के कारण लागू तालाबन्दी में 15 लाख ख़ानाबदोश लोग भुखमरी और अन्य मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
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15 लाख अफ़ग़ान ख़ानाबदोशों पर मुसीबत

अफ़ग़ानिस्तान में तालाबन्दी तीन महीनों के लिए और बढ़ा दी गई है, जिससे वहाँ के ख़ानाबदोश लोगों के स्वास्थ्य और आजीविका के लिए एक बड़ा ख़तरा पैदा हो गया है. आवाजाही पर प्रतिबन्ध लगने के कारण वो शहरों के बाज़ारों में अपने उत्पाद बेचने के लिये नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में कृषि विकास के लिए अन्तरराष्ट्रीय कोष (आईएफ़एडी) और सामुदायिक पशुधन व कृषि परियोजना (सीएलएपी) की एक संयुक्त परियोजना के तहत घी जैसे भण्डार योग्य उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने में मदद कर रही है, जिसे बाज़ार खुलने पर ज़्यादा बेचा जा सकता है. इसके अलावा कोविड-19 की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं और परिवारों को मास्क व साबुन सहित स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा किट भी प्रदान किए गए हैं...

खाद्य सामग्री की ख़रीदारी व भण्डारण
WFP India

खाद्य सुरक्षा: ख़रीदारी, गुणवत्ता आश्वासन और भण्डारण

ये वीडियो विश्व खाद्य कार्यक्रम की एक परियोजना के लिए विकसित किये गए हैं, जो भारत सरकार की मिड-डे मील योजना के तहत पका हुआ, गरम भोजन तैयार करने वाले रसोइयों और कार्यकर्ताओं के बीच खाद्य सुरक्षा और साफ़-सफ़ाई बेहतर बनाने के लिए हैं. ये वीडियो स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों/समुदाय आधारित संगठनों के लिए "खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता" पर बुनियादी मार्गदर्शन के रूप में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान कर रहे हैं, जो प्रवासी मज़दूरों, दैनिक मज़दूरी श्रमिकों, सड़क विक्रेताओं और अन्य कमज़ोर समूहों के लोगों को सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन प्रदान करते हैं.

 

इस वीडियो में – भोजन सामग्री की ख़रीद, गुणवत्ता आश्वासन और कच्चे माल के उचित भण्डारण के बारे में जानकारी...

किचन व बर्तनों की साफ़-सफ़ाई
WFP India

खाद्य सुरक्षा: रसोईघर और बर्तनों की सफ़ाई

ये वीडियो विश्व खाद्य कार्यक्रम की एक परियोजना के लिए विकसित किये गए हैं, जो भारत सरकार की मिड-डे मील योजना के तहत पका हुआ, गरम भोजन तैयार करने वाले रसोइयों और कार्यकर्ताओं के बीच खाद्य सुरक्षा और साफ़-सफ़ाई बेहतर बनाने के लिए हैं. ये वीडियो स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों/समुदाय आधारित संगठनों के लिए "खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता" पर बुनियादी मार्गदर्शन के रूप में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान कर रहे हैं, जो प्रवासी मज़दूरों, दैनिक मज़दूरी श्रमिकों, सड़क विक्रेताओं और अन्य कमज़ोर समूहों के लोगों को सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन प्रदान करते हैं.

 

इस वीडियो में – रसोईघर व बर्तनों की सफ़ाई के बारे में जानकारी...

खाद्य सुरक्षा: किचन कचरे का प्रबन्धन
WFP India

खाद्य सुरक्षा: रसोईघर के कूड़े का उचित प्रबन्धन

ये वीडियो विश्व खाद्य कार्यक्रम की एक परियोजना के लिए विकसित किये गए हैं, जो भारत सरकार की मिड-डे मील योजना के तहत पका हुआ, गरम भोजन तैयार करने वाले रसोइयों और कार्यकर्ताओं के बीच खाद्य सुरक्षा और साफ़-सफ़ाई बेहतर बनाने के लिए हैं. ये वीडियो स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों/समुदाय आधारित संगठनों के लिए "खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता" पर बुनियादी मार्गदर्शन के रूप में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान कर रहे हैं, जो प्रवासी मज़दूरों, दैनिक मज़दूरी श्रमिकों, सड़क विक्रेताओं और अन्य कमज़ोर समूहों के लोगों को सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन प्रदान करते हैं.

 

इस वीडियो में – रसोईघर के कूड़े के उचित प्रबन्धन – पर जानकारी...

 

भोजन पकाते समय पोषक तत्वों को बचाए रखना भी बहुत अहम है.
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खाद्य सुरक्षा: भोजन पकाते समय पोषक तत्व बनाए रखना

ये वीडियो विश्व खाद्य कार्यक्रम की एक परियोजना के लिए विकसित किये गए हैं, जो भारत सरकार की मिड-डे मील योजना के तहत पका हुआ, गरम भोजन तैयार करने वाले रसोइयों और कार्यकर्ताओं के बीच खाद्य सुरक्षा और साफ़-सफ़ाई बेहतर बनाने के लिए हैं. ये वीडियो स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों/समुदाय आधारित संगठनों के लिए "खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता" पर बुनियादी मार्गदर्शन के रूप में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान कर रहे हैं, जो प्रवासी मज़दूरों, दैनिक मज़दूरी श्रमिकों, सड़क विक्रेताओं और अन्य कमज़ोर समूहों के लोगों को सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन प्रदान करते हैं.

 

इस वीडियो में – भोजन में पोषक तत्वों को बचाए रखने के तरीक़ें के बारे में जानकारी...

खाद्य सुरक्षा: भोजन पकाते समय साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखना
WFP India

खाद्य सुरक्षा और साफ़-सफ़ाई की अहमियत

ये वीडियो विश्व खाद्य कार्यक्रम की एक परियोजना के लिए विकसित किये गए हैं, जो भारत सरकार की मिड-डे मील योजना के तहत गरम, पका हुआ भोजन तैयार करने वाले रसोइयों और कार्यकर्ताओं के बीच खाद्य सुरक्षा और साफ़-सफ़ाई बेहतर बनाने के लिए हैं. ये वीडियो स्थानीय ग़ैर-सरकारी संगठनों/समुदाय आधारित संगठनों के लिए "खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता" पर बुनियादी मार्गदर्शन के रूप में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान कर रहे हैं, जो प्रवासी मज़दूरों, दैनिक मज़दूरी श्रमिकों, सड़क विक्रेताओं और अन्य कमज़ोर समूहों के लोगों को सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन प्रदान करते हैं...

भोजन को दूषित होने से कैसे बचाएँ
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खाद्य सुरक्षा: भोजन दूषित होने से कैसे बचाएँ?

ये वीडियो विश्व खाद्य कार्यक्रम की एक परियोजना के लिए विकसित किये गए हैं, जो भारत सरकार की मिड-डे मील योजना के तहत पका हुआ, गरम भोजन तैयार करने वाले रसोइयों और कार्यकर्ताओं के बीच खाद्य सुरक्षा और साफ़-सफ़ाई बेहतर बनाने के लिए हैं. ये वीडियो स्थानीय गैर-सरकारी संगठनों/समुदाय आधारित संगठनों के लिए "खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता" पर बुनियादी मार्गदर्शन के रूप में बहुत उपयोगी जानकारी प्रदान कर रहे हैं, जो प्रवासी मज़दूरों, दैनिक मज़दूरी श्रमिकों, सड़क विक्रेताओं और अन्य कमज़ोर समूहों के लोगों को सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन प्रदान करते हैं.

 

इस वीडियो में – भोजन को दूषित होने से कैसे बचाएँ – पर जानकारी...

सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन, 25 अप्रैल - 26 जून 1945: भारत ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर किए.
UN

यूएन में भारत के कुछ ऐतिहासिक पल...

26 जून 1945 को संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर हस्ताक्षर करने वाले 50 देशों में से एक भारत भी था. दूसरे विश्व युद्ध के बाद, सभी राष्ट्र पहली बार एकजुट हुए. सभी राष्ट्र, आने वाली पीढ़ियों को युद्ध की विभीषिका से बचाने, मानवाधिकारों और पुरुषों व महिलाओं के समान अधिकारों के प्रति दोबारा विश्वास क़ायम करने व बड़े और छोटे राष्ट्रों के लिए समान रूप से, न्यायसंगत शर्तें स्थापित कर तथा स्वतन्त्र रूप से सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध थे.



ऐतिहासिक सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व, रामास्वाराई मुदालियर ने किया, जिन्होंने चार्टर पर हस्ताक्षर भी किए. फिर 15 अगस्त, 1947 को, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आज़ाद भारत का झंडा फहराया गया और 54 देशों के बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र में अपना यथोचित स्थान हासिल किया. 

 

कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र के चार्टर की प्रतियाँ न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में प्रदर्शित कीं
UN Photo/Amanda Voisard

यूएन चार्टर: रहनुमा

 विश्व में मौजूद चुनौतियों के सामने डटकर खड़ा होना तो ज़रूरी है, मगर समस्याओं का हल निकलाना भी उतना ही ज़रूरी है. और ये रहनुमाई मुहैया कराता है संयुक्त राष्ट्र चार्टर जिस पर 75 वर्ष पहले दस्तख़त किये गए थे. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने 26 जून को यूएन चार्टर दिवस के मौक़े पर वीडियो सन्देश में कहा है कि चार्टर के सिद्धान्त आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं...

सीरिया के रेगिस्तानी पूर्वोत्तर इलाक़े अल-होल में शरणार्थियों के लिये बनाए गए एक शिविर में बैठा एक लड़का. (जुलाई 2019)
© UNICEF/Delil Souleiman

शरणार्थियों को समर्पित इमोजी

आइवरी कोस्ट के एक युवा कलाकार और डिज़ाइनर गैब्रे ओ'प्लेरुओ ने विविधता व एकजुटता का संगम दिखाने के लिए अदभुत इमोजी बनाई हैं. उन्होंने शरणार्थियों की तकलीफ़ों को बयान करने वाली 365 इमोजी भी बनाई हैं, यानि साल में हर दिन के लिए एक इमोजी. गैब्रे का कहना है कि उनके परिवार के जानने वाले बहुत से लोगों को शरणार्थी बनना पड़ा इसलिए वो शरणार्थियों के हालात के बारे में जागरूकता फैलाने में इच्छुक हैं...