वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

के द्वारा छनित:

मध्य पूर्व

ग़ाज़ा युद्ध में हज़ारों बच्चे हताहत हुए हैं, घायल बच्चों के समुचित इलाज के लिए, पर्याप्त अस्पताल भी नहीं बचे हैं.
© WHO/Christopher Black

ग़ाज़ा: युद्ध से बच्चों के तालीम सपने तार-तार, स्कूल बने हमलों के सीधे निशाना

संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक विश्लेषण में कहा गया है कि ग़ाज़ा पट्टी में, लगभग छह महीने की इसराइली भीषण बमबारी में 212 स्कूलों को “सीधे रूप” में निशाना बनाया गया है. सैटेलाइट तस्वीरों में नज़र आता है कि 7 अक्टूबर 2023 को भड़के इस युद्ध में, कम से कम 53 स्कूल पूरी तरह तबाह हो गए हैं, जिससे बच्चों के शिक्षा सपने तार-तार होकर बिखर गए हैं. वीडियो...

WHO के अनुसार, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में स्थित अल-शिफ़ा अस्पताल की, इसराइली सेना ने दो सप्ताह तक घेराबन्दी की जिसमें यह अस्पताल, लगभग पूरी तरह तबाह हो गया.
UN News

ग़ाज़ा: सहायता कर्मियों पर इसराइली हवाई हमले की कड़ी निन्दा, 7 की मौत

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता अधिकारियों ने, ग़ाज़ा में इसराइली सेना के हवाई हमलों में, परोपकारी संगठन – वर्ल्ड सैंट्रल किचन के सात सहायता कर्मियों की मौत की कड़ी निन्दा की है. मंगलवार को ये चिन्ताएँ एक बार फिर दोहराई गई हैं कि ग़ाज़ा में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं है.

ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में स्थित अल-शिफ़ा अस्पताल, इसराइली हमलों में लगभग पूरी तरह तबाह हो चुका है.
© UNICEF/Sonia Silva

ग़ाज़ा युद्ध: अस्पतालों की सुरक्षा अत्यन्त ज़रूरी, WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि ग़ाज़ा पट्टी में अस्पतालों का संरक्षण बेहद ज़रूरी है. उन्होंने सभी पक्षों से युद्धविराम की मांग करने वाले, यूएन सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को लागू करने का आहवान भी किया है.

ग़ाज़ा युद्ध में मार्च (2024) के अन्त तक 32 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोगों की दैनिक ज़रूरतों के लिए विशाल संकट उत्पन्न हो गया.
© UNICEF/Eyad El Baba

ग़ाज़ा में अकाल के बीच, इसराइल का सहायता अवरोध जारी

इसराइल ने ग़ाज़ा में मानवीय सहायता आपूर्ति के लिए, संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष न्यायालय – ICJ और सुरक्षा परिषद द्वारा प्रस्ताव पारित किए जाने के बावजूद, ग़ाज़ा के अकाल प्रभावित उत्तरी इलाक़े में, सहायता आपूर्ति पहुँचने से रोकना जारी रखा हुआ है. इन संस्थाओं ने एक तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने और तमाम बन्धकों को रिहा किए जाने की भी मांग की है.