फ़लस्तीनी पत्रकार, यूनेस्को प्रैस स्वतंत्रता सम्मान के विजेताओं में शामिल
ग़ाज़ा में विनाशकारी युद्ध की कवरेज करने वाले फ़लस्तीनी पत्रकारों को, यूनेस्को/गुइलरमो कैनो विश्व प्रैस स्वतंत्रता पुरस्कार के विजेताओं में चुना गया है.
ग़ाज़ा में विनाशकारी युद्ध की कवरेज करने वाले फ़लस्तीनी पत्रकारों को, यूनेस्को/गुइलरमो कैनो विश्व प्रैस स्वतंत्रता पुरस्कार के विजेताओं में चुना गया है.
मानवीय सहायता मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) का कहना है कि ग़ाज़ा पट्टी में पिछले सात महीनों से जारी युद्ध से बड़े पैमाने पर तबाही हुई है और मलबे के नीचे 10 हज़ार से अधिक लोगों के दबे होने की आशंका है. यूएन एजेंसी ने ग़ाज़ा में स्वास्थ्य प्रशासन से प्राप्त जानकारी के आधार पर यह बात कही है.
ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध और अनवरत इसराइली बमबारी ने फ़लस्तीन के सामाजिक-आर्थिक विकास को 20 वर्ष पीछे धकेल दिया है. गुरूवार को प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में संकटग्रस्त ग़ाज़ा में मौजूदा आर्थिक हालात का आकलन किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने, संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता हासिल करने के लिए, फ़लस्तीन का हाल का प्रयास नाकाम होने के मुद्दे पर, बुधवार को चर्चा की है.
संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों ने, इसराइल से ग़ाज़ा में अपनी सैन्य कार्रवाई पर संयम बरते जाने की अन्तरराष्ट्रीय पुकार और बुधवार को हुए उसके घातक हमलों के बीच, युद्ध के विनाशकारी असर पर गहरा क्षोभ प्रकट किया है. उन्होंने हिंसाग्रस्त इलाक़ों में फँसे लोगों तक जल्द से जल्द मानवीय राहत पहुँचाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है.
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने, संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ विश्वविद्यालयों में, ग़ाज़ा युद्ध के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों और प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग पर चिन्ता व्यक्त की है. ऐसे कुछ मामलों में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए अनेक कड़े उपायों का प्रयोग किए जाने की ख़बरें हैं.
ग़ाज़ा हर दिन हालात बद से बदतर होने के बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, मंगलवार को एक बार फिर इसराइल और हमास से युद्धविराम के लिए सहमति की अपील की है. गुटेरेश की यह अपील ऐसे समय में जारी की गई है जब इसराइल और हमास के दरम्यान इस समय युद्धविराम समझौते के लिए बातचीत चल रही है.
संयुक्त राष्ट्र के बाल मामलों पर विशेषज्ञों ने कहा है कि लेबनान में दक्षिणी सीमा पर इसराइल के साथ बढ़ती युद्धक गतिविधियों और मानवीय धन सहायता की भारी कमी के कारण मानवीय, बच्चों के लिए जोखिम वाले हालात उत्पन्न हो गए हैं जिनमें चार साल तक की उम्र के बच्चों को भी आय अर्जित करने के लिए काम करना पड़ रहा है.
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA ने कहा है कि ग़ाज़ा के ख़ान यूनिस इलाक़े में इसराइल के सम्भावित हमले की आशंका को देखते हुए, लोग अफ़रा-तफ़री के बीच बड़े पैमाने पर पलायन कर गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र में मत व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर विशेष रैपोर्टेयर इरीन ख़ान ने कहा है कि ग़ाज़ा पर इसराइल के युद्ध के विरोध में पूरे अमेरिका में खड़े हुए आईवी लीग विश्वविद्यालयों के कुछ प्रमुख लोगों को बर्ख़ास्त करने व छात्रों पर कारर्वाई करने की घटनाओं से, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े होते नज़र आ रहे हैं.