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ग़ाज़ा: जोखिमों से घिरे फ़लस्तीनियों को, युद्धविराम का बेसब्री से इन्तज़ार

कई महीनों से जारी बमबारी की वजह से उत्तरी ग़ाज़ा में भीषण बर्बादी हुई है.
© WFP/Ali Jadallah
कई महीनों से जारी बमबारी की वजह से उत्तरी ग़ाज़ा में भीषण बर्बादी हुई है.

ग़ाज़ा: जोखिमों से घिरे फ़लस्तीनियों को, युद्धविराम का बेसब्री से इन्तज़ार

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायताकर्मियों ने, इसराइल से ग़ाज़ा में अपनी सैन्य कार्रवाई पर संयम बरते जाने की अन्तरराष्ट्रीय पुकार और बुधवार को हुए उसके घातक हमलों के बीच, युद्ध के विनाशकारी असर पर गहरा क्षोभ प्रकट किया है. उन्होंने हिंसाग्रस्त इलाक़ों में फँसे लोगों तक जल्द से जल्द मानवीय राहत पहुँचाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है.

फ़लस्तीन के लिए विश्व खाद्य कार्यक्रम के देशीय निदेशक मैथ्यू हॉलिंगवर्थ ने डेयर अल बालाह के एक स्कूल से जानकारी देते हुए कहा कि यहाँ रहने वाले कुल परिवारों में एक-तिहाई के पास, पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं और अनेक नवजात शिशु हैं.  

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) द्वारा संचालित इस स्कूल में बड़ी संख्या में फ़लस्तीनियों ने शरण ली हुई है. 

यूएन एजेंसी के अधिकारी ने सोशल मीडिया मंच X, पर अपने एक वीडियों में बताया कि इन बच्चों को स्कूल, स्वच्छ जल, और अधिक स्थिरता की ज़रूरत है. “उन्हें एक सामान्य जीवन की आवश्यकता है.”

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UNRWA ने इन्हीं चिन्ताओं को दोहराते हुए कहा कि युद्ध की शुरुआत से अब तक उसके केन्द्रों पर 360 हमले हो चुके हैं. 

हज़ारों लोग हताहत हुए हैं, महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को क्षति पहुँची है, जिनमें ख़ान यूनिस शहर में यूएन एजेंसी द्वारा संचालित एक जल कुँआ भी है.

स्कूलों में शरण

केन्द्रीय ग़ाज़ा पट्टी में अल क़स्तल स्कूल में अब 2,400 परिवारों ने शरण ली हुई है, जो पिछले सात महीनों से जारी ग़ाज़ा युद्ध के कारण अपने घर से विस्थापित हुए हैं.

मैथ्यू हॉलिंगवर्थ ने कहा कि ग़ाज़ा के हर इलाक़े से लोग यहाँ पहुँचे हैं, ग़ाज़ा सिटी, ख़ान यूनिस समेत अलग-अलग इलाक़ों से, जहाँ युद्ध के कारण लोगों पर असर हुआ है.

इस बीच ग़ाज़ा से प्राप्त अपुष्ट ख़बरों के अनुसार, बीती रात रफ़ाह में स्थित एक घर पर इसराइली कार्रवाई में दो बच्चों की मौत हुई है. वहीं ग़ाज़ा सिटी में एक आवासीय परिसर पर हमले में कई लोगों के मारे जाने की ख़बर है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, दक्षिणी छोर पर स्थित रफ़ाह में इसराइली सेनाओं द्वारा धावा बोले जाने की आशंका पर चेतावनी जारी की थी कि कार्रवाई का इस तरह से स्तर बढ़ना असहनीय होगा.

सहायता मार्ग में अवरोध पर हताशा

यूएन मानवतावादी कार्यालय (OCHA) ने बताया कि इसराइल सरकार की तरफ़ से, संयुक्त राष्ट्र के समन्वय में होने वाले राहत मिशन के रास्ते में अवरोध खड़े किए जा रहे हैं. क़रीब तीन चौथाई मिशन के लिए मार्ग या तो अवरुद्ध कर दिया गया या फिर उसमें लम्बी देरी हुई. 

“इनमें से एक मिशन, इसराइल के साथ पूर्ण समन्वय में उत्तरी ग़ाज़ा गया, लेकिन उत्तरी इलाक़े की ओर जाते समय और वापिस रफ़ाह लौटते हुए टीम को कुल 9 घंटों से अधिक समय तक प्रतीक्षा के लिए मजबूर किया गया.”

यूएन कार्यालय ने ध्यान दिलाया कि ऐसी देरी की वजह से मानवीय सहायता मिशन के लिए जोखिम पैदा होता है और मानवीय सहायताकर्मियों के लिए ख़तरा बढ़ता है, चूँकि फ़लस्तीनी हथियारबन्द गुटों और इसराइली सेना के बीच लड़ाई अक्सर सीमा चौकियों के पास होती है.

पश्चिमी तट से अपडेट

उधर, यूएन मानवतावादी कार्यालय ने इसराइल के क़ब्ज़े वाले पश्चिमी तट से नए आँकड़े प्रकाशित किए हैं, जिसके अनुसार फ़लस्तीनी सम्पत्तियों को ध्वस्त किए जाने और लोगों के विस्थापित होने की घटनाएँ जारी हैं.

यूएन कार्यालय के अनुसार, ये रुझान दर्शाता है कि वृहद मध्य पूर्व क्षेत्र में भी हालात विस्फोटक हैं और बद से बदतर हो रहे हैं. OCHA ने बताया कि 22 अप्रैल तक, पश्चिमी तट के इलाक़ों में 380 से अधिक ढाँचों को ध्वस्त किया गया है जिससे 650 लोग विस्थापित हुए हैं. 

संगठन के अनुसार यदि यह विध्वंस इसी रफ़्तार से जारी रहा तो इस वर्ष के अन्त तक, डेढ़ हज़ार सम्पत्तियों को ध्वस्त की जा सकती हैं, जोकि एक रिकॉर्ड होगा.

येरूशेलम गवर्नरेट में सबसे अधिक नुक़सान देखा गया है, जहाँ 80 इमारतों को ध्वस्त किया गया है और 115 लोग विस्थापित हुए हैं.

बढ़ती मृतक संख्या

ग़ाज़ा में स्वास्थ्य प्रशासन के अनुसार, 7 अक्टूबर से अब तक इसराइली युद्धक कार्रवाई में 34 हज़ार 568 फ़लस्तीनियों की मौत हुई है और 77 हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं. 

हमास व अन्य हथियारबन्द गुटों के हमलों में क़रीब 1,200 इसराइलियों की जान गई थी, और 250 से अधिक लोगों को बन्धक बना लिया गया था. 

इनमें से अनेक लोग अब भी ग़ाज़ा में बन्धक बनाकर रखे गए हैं. 

अमेरिकी विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन

इस बीच, अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित कोलम्बिया विश्वविद्यालय में ग़ाज़ा युद्ध के विरोध में जारी प्रदर्शनों के बीच, सैकड़ों पुलिकर्मियों द्वारा मंगलवार देर रात प्रदर्शनकारियों को हटाए जाने की ख़बर है. 

विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुरोध पर, पुलिस ने वहाँ से प्रदर्शनकारी छात्रों को हटाया है, जो कॉलेज परिसर की एक इमारत में जमा हो गए थे. 

वहीं लॉस ऐंजिलिस स्थित कैलीफ़ोर्निया विश्वविद्यालय (CULA) में भी प्रदर्शनकारी छात्रों के परस्पर विरोधी गुटों के बीच झड़पों की ख़बर है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के प्रमुख वोल्कर टर्क ने अमेरिका में कॉलेज छात्रों के विरोध प्रदर्शनों से निपटते समय सख़्त क़दम उठाए जाने और अत्यधिक बल प्रयोग के विरुद्ध सचेत किया है.