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इसराइल और हमास से, गुटेरेश की युद्ध ख़त्म करने की अपील

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, ग़ाज़ा स्थिति के बारे में, मुख्यालय में मीडिया के साथ बातचीत करते हुए.(30 अप्रैल 2024)
UN Photo/Eskinder Debebe
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश, ग़ाज़ा स्थिति के बारे में, मुख्यालय में मीडिया के साथ बातचीत करते हुए.(30 अप्रैल 2024)

इसराइल और हमास से, गुटेरेश की युद्ध ख़त्म करने की अपील

शान्ति और सुरक्षा

ग़ाज़ा हर दिन हालात बद से बदतर होने के बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, मंगलवार को एक बार फिर इसराइल और हमास से युद्धविराम के लिए सहमति की अपील की है. गुटेरेश की यह अपील ऐसे समय में जारी की गई है जब इसराइल और हमास के दरम्यान इस समय युद्धविराम समझौते के लिए बातचीत चल रही है.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने न्यूयॉर्क में पत्रकारों से बातचीत में कहा, “ग़ाज़ा के लोगों की भलाई के लिए, इसराइल से बन्धक बनाए गए लोगों और उनके परिवारों की ख़ातिर और पूरे क्षेत्र व व्यापक विश्व की भलाई के लिए, मैं इसराइल सरकार और हमास के नेतृत्व से, समझौता करने की अपील करता हूँ.”

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एंतोनियो गुटेरेश ने भय व्यक्त किया कि अगर युद्धविराम समझौता नहीं किया गया तो, “ये युद्ध ग़ाज़ा में चौतरफ़ा विनाश और भीषण परिणामों के साथ, पूरे क्षेत्र में और भी भयंकर नतीजों के साथ फैल जाएगा.”

रफ़ाह में आशंकित युद्ध नहीं होने दें

ग़ाज़ा में मौजूदा युद्ध 7 अक्टूबर (2023) को उस समय भड़का था, जब हमास ने इसराइल के दक्षिणी इलाक़े में घातक हमला किया था जिसमें लगभग 1200 लोग मारे गए थे और 250 से अधिक लोगों को बन्धक बना लिया गया था. 

उसके बाद ग़ाज़ा में इसराइल के भीषण हमलों में 34 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 73 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं, जिनमें अधिकतर महिलाएँ और बच्चे हैं.

हाल के सप्ताहों में ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े रफ़ाह में, इसराइली हवाई हमलों में तेज़ी देखी गई है जहाँ, अन्य स्थानों से जान बचाकर आए लगभग 12 लाख लोग पनाह लिए हुए हैं. 

इन लोगों को भोजन, चिकित्सा देखभाल और अन्य सुविधाएँ बहुत कम मात्रा में उपलब्ध हैं और उनके पास किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर जाने का विकल्प भी नहीं है.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि रफ़ाह में कोई सैनिक हमला, “एक असहनीय युद्धक स्थिति होगी जिसमें हज़ारों और आम लोग मारे जाएंगे और लाखों अन्य लोगों को वहाँ से भागना पड़ेगा.”

उससे भी अधिक, ग़ाज़ा में फ़लस्तीनी जन पर इस युद्ध का बहुत भीषण प्रभाव पड़ेगा, साथ ही इसराइल के क़ब्ज़े वाले पश्चिमी तट में और उससे भी आगे पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में, इस युद्ध के गम्भीर परिणाम होंगे.

उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों ने और बहुत से अन्य देशों की सरकारों ने भी रफ़ाह में इस तरह के किसी आक्रमण के विरोध में अपने मुखर विचार व्यक्त किए हैं. “मैं इसराइल पर प्रभाव रखने वाले देशों से, इस हमले को रोकने के लिए अपने सम्पूर्ण प्रभाव का प्रयोग करने की अपील करता हूँ.”

‘मानव-निर्मित अकाल को टालें’

यूएन प्रमुख ने ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़ों में बहुत ही भीषण हालात की तरफ़ भी ध्यान खींचा जहाँ लोग खाद्य अभाव और बीमारों से मौत का शिकार हो रहे हैं. 

इस सन्दर्भ में उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से, इस मानव निर्मित अकाल को रोकने के लिए हर सम्भाव उपाय करने का आग्रह किया है जो पूर्ण रूप से रोका जा सकता है.

उन्होंने इसराइल से पूरे ग़ाज़ा में मानवीय सहायता की आपूर्ति बिना किसी बाधा के होने की अनुमति देने और फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA को भी निर्बाध अपना कार्य करने की इजाज़त दिए जाने का आग्रह किया है.

सामूहिक क़ब्रें और जवाबदेही

यूएन महासचिव ने हाल की ख़बरों का ज़िक्र करते हुए कहा कि ग़ाज़ा के केवल नासेर अस्पताल से ही, 390 से अधिक शव बरामद किए गए हैं और इस तरह की अनेक सामूहिक क़ब्रें होने के बारे में ख़बरें आ रही हैं. इनमें इस तरह के गम्भीर आरोप भी हैं कि इन सामूहिक क़ब्रों से जिन लोगों के शव मिले हैं, उनमें से कुछ को ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से मारा गया.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि यह बहुत आवश्यक है कि स्वतंत्र अन्तरराष्ट्रीय फ़ोरेंसिक जाँचकर्ताओं को इन स्थलों तक पहुँचने के लिए तत्काल पहुँच सुनिश्चित की जाए ताकि वो उन परिस्थितियों की सटीक जाँच कर सकें कि इन सैकड़ों फ़लस्तीनियों की ज़िन्दगियाँ किन हालात में ख़त्म हुईं और उन्हें क़ब्रों से निकाला और फिर दफ़नाया गया.

उन्होंने कहा, “मृतकों और लापता लोगों के परिवारों को वास्तविकता जानने का अदिकार है, और इन घटनाओं में अगर अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का कोई उल्लंघन हुआ है तो उसकी जवाबदेही निर्धारित की जानी होगी.”

UNRWA को समर्थन बढ़ाने का आग्रह

ग़ाज़ा में इसराइली बमबारी में बुनियादी ढाँचे और इमारतों को विशाल पैमाने पर नुक़सान हुआ है जिसके पुनर्निर्माण में वर्षों का समय और भारी धन लगेगा.
© UNICEF/Tess Ingram

एंतोनियो गुटेरेश ने UNRWA की तरफ़ यह कहते हुए ध्यान आकर्षित किया कि ग़ाज़ा, पश्चिमी तट, जॉर्डन, सीरिया और लेबनान में, लाखों फ़लस्तीनियों को जीवनरक्षक सहायता मुहैया कराने में, इस एजेंसी की असाधारण भूमिका को नज़रअन्दाज़ नहीं किया जा सकता.

इस बीच जिन देशों ने जनवरी में UNRWA को अपनी दान राशि को स्थगित करने की घोषणा की थी, उनमें से अधिकतर देशों ने एजेंसी को ये सहायता बहाल कर दी है.

यूएन महासचिव इस सन्दर्भ में आशा व्यक्त की है कि अन्य देश भी इस एजेंसी को वित्तीय सहायता बहाल कर देंगे.

इसके अतिरिक्त कुछ नए देशों ने भी इस एजेंसी को पहली बार वित्तीय सहायता देनी शुरू की है, साथ ही कुछ निजी दानदाताओं ने भी UNRWA को वित्तीय सहायता देनी शुरू की है.

मगर इस एजेंसी द्वारा फ़लस्तीनियों को मुहैया कराई जाने वाली सहायता ज़रूरतों और धन की उपलब्धता के बीच भारी अन्तर के सन्दर्भ में, यूएन प्रमुख ने सदस्य देशों और दानदाताओं से, इसे उदार वित्तीय सहायता देने का आग्रह भी किया है.