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अपने नवजात शिशु के टीकाकरण के बाद प्रसन्न राजेश्वरी.

भारत: स्वास्थ्य सेवा का डिजिटलीकरण, टीकाकरण क्षेत्र में क्रान्ति

UNDP India/ Gaurav Menghaney
अपने नवजात शिशु के टीकाकरण के बाद प्रसन्न राजेश्वरी.

भारत: स्वास्थ्य सेवा का डिजिटलीकरण, टीकाकरण क्षेत्र में क्रान्ति

स्वास्थ्य

भारत में टीकाकरण के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के उपयोग से क्रान्तिकारी परिवर्तन देखने को मिला है. eVINU-WIN और Co-WIN जैसे डिजिटल मंचों की मदद से, अभूतपूर्व गति से टीकाकरण सम्भव हुआ है. इस पहल की शुरुआत से ही संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने अहम भूमिका निभाई है. विश्व टीकाकरण सप्ताह के अवसर पर टीकाकरण के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से बदलते परिदृश्य पर एक नज़र.

अपने स्मार्टफोन के ज़रिए हज़ारों लोगों के टीकाकरण का प्रबन्धन करने वाली 43 वर्षीय नर्स आरती देवी मुस्कुराते हुए बताती हैं, "यह उतना ही आसान है, जितना किसी ऐप के ज़रिए टैक्सी बुलाना." 

आरती देवी, केवल कुछ बटन दबाकर ही, जम्मू और कश्मीर के एक गाँव सनूरा के लिए अगली तिमाही का टीकाकरण कार्यक्रम तय कर देती हैं – यह कोई मामूली काम नहीं है, ख़ासतौर पर इसलिए क्योंकि इसमें दसियों हज़ार प्रविष्टियाँ शामिल होती हैं. 

आरती देवी अपने स्मार्टफोन पर eVIN ऐप का इस्तेमाल कर रही हैं.
UNDP India/ Gaurav Menghaney

यह भारत के स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक नई सहूलियत की तरह है, जिससे हर साल लगभग 2 करोड़ 70 लाख नवजात शिशुओं और 3 करोड़ गर्भवती महिलाओं को कुशलता से टीके लगाने के लिए, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया जा रहा है.

आरती, इस काम के लिए इलैक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क यानि eVIN ऐप का उपयोग करती है. eVIN ऐप, इलैक्ट्रॉनिक मंच पर वैक्सीन आपूर्ति की निगरानी के लिए, भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इससे टीकों की उपलब्धि, संग्रहण और देश के अन्तिम कोने तक वितरण में क्रान्तिकारी परिवर्तन आया है.

eVIN ने सम्पूर्ण वैक्सीन आपूर्ति श्रृँखला का डिजिटलीकरण कर दिया है.
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 eVIN के ज़रिए, लगभग 2 लाख सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में टीकों की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, हज़ारों कोल्ड चेन बिन्दुओं से आँकड़े एकीकृत किए जाते हैं.

भारत में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) व GAVI द्वारा समर्थित eVIN ऐप, भारत सरकार ने 2014 में शुरू किया था. इसके ज़रिए बड़े पैमाने पर आँकड़ों को कुशलतापूर्वक प्रबन्धित करना सम्भव हुआ है. इसकी मुफ़्त संरचना, इसे एक टिकाऊ एवं विस्तार करने योग्य समाधान बनाती है.

ऐप के ज़रिए आलेखन

भारत ने, आपूर्ति श्रृंखला के प्रबन्धन से परे टीकाकरण के लिए एक ‘फ्रंट-एंड’ डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म भी निर्मित किया है, जो गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पंजीकरण व निगरानी में सहायक होता है. 

U-WIN, यानि ‘यूनिवर्सल इम्यूनाइज़ेशन विन’, वर्तमान में पायलट चरण में है, जिसमें 4 करोड़ से अधिक लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है और वैक्सीन की 12.5 करोड़ ख़ुराकों की आपूर्ति दर्ज हो चुकी है.

U-WIN, टीकाकरण के मामलों की निगरानी का डिजिटल ऐप है.
UNDP India/ Gaurav Menghaney

जैसे-जैसे यू-विन का विस्तार हो रहा है और पूरे भारत में इसे अपनाया जा रहा है, माना जा रहा है कि यह जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा इलैक्ट्रॉनिक टीकाकरण दस्तावेज़ बन जाएगा, जिससे लाखों लोगों को लाभ पहुँचेगा. 

यह अनूठी प्रणाली, लाभार्थियों की व्यक्तिगत ट्रैकिंग और वास्तविक समय में टीकाकरण विवरण अपडेट होने के साथ, भारत में नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण प्रबंधन के तरीक़े को बदल देगी, जिससे न केवल उच्च टीकाकरण कवरेज हासिल होगा, बल्कि अन्ततः शिशु मृत्यु दर में भी कमी आने की उम्मीद है.

U-WIN में, एक लाख 85 हज़ार से अधिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को एकीकृत किया गया है, जो स्वास्थ्य कर्मियों को आगामी टीकाकरणों की निगरानी व उसके अनुसार योजना बनाने में मदद करता है - फिर चाहे वो पास में हों या दूरदराज़ के क्षेत्रों में. इसके व्यापक डेटाबेस के ज़रिए, भारत में कहीं भी ‘समय लेकर टीकाकरण के लिए बुकिंग’ की जा सकती है. 

भारत के टीकाकरण कार्यक्रम के तहत, सालाना लगभग 2 करोड़ 70 लाख नवजात शिशुओं का टीकाकरण किया जाता है.
UNDP India/ Gaurav Menghaney

यह ख़ासतौर पर प्रवासी श्रमिकों के लिए बहुत अहम साबित हो सकता है. भारत के पूर्वी तट से सुदूर अंडमान द्वीप की 25 वर्षीय राजेश्वरी, एक ऐसी ही माँ है, जिन्हें इससे लाभ मिला है.

वह बताती हैं, "मैं रोज़गार के लिए एक बड़े शहर में जाने की योजना बना रही हूँ. लेकिन अपने बच्चे के टीकाकरण को जारी रखने को लेकर बेहद चिन्तित थी. इसके ज़रिए अगर कहीं भी टीकाकरण करवाना सम्भव है, तो इससे बहुत बड़ी मदद मिलेगी."

U-WIN को भारत की परस्पर जुड़ी स्वास्थ्य प्रणालियों के प्रभावशाली डिजिटल दायरे में एकीकृत किया जाएगा, जिसमें आयुष्मान भारत, eVIN और प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य पोर्टल शामिल हैं. 

इससे चिकित्सक, एक ही जगह पर मरीज़ों का पूरा स्वास्थ्य रिकॉर्ड देख सकेंगे, जिससे सरकारी देखभाल एवं स्वास्थ्य सेवाओं में दक्षता आएगी.

कोविड-19 टीकाकरण की सफलता

इस डिजिटल मंच से न केवल पारम्परिक टीकाकरण की दिशा में सफलता मिली है, बल्कि Co-WIN ऐप के ज़रिए, कोविड-19 महामारी के दौरान देश ने  केवल 18 महीनों के भीतर, दो अरब से अधिक कोविड-19 टीके लगाने में सफलता हासिल की थी.

भारत ने 18 महीने से भी कम समय में, 2 अरब से अधिक कोविड-19 टीके लगाने में सफलता हासिल की है.
UNDP India/ Gaurav Menghaney

Co-WIN ने देश को आश्चर्यजनक गति से टीके लगाने में सक्षम बनाया, जिससे उसने अमेरिका, ब्राज़ील, इंडोनेशिया और जापान के संयुक्त टीकाकरण प्रयासों को भी पीछे छोड़ दिया. एक समय, देश भर में हर मिनट 14 हज़ार लोगों को टीके लगाए जा रहे थे.

भारत ने, विशाल स्तर पर प्रौद्योगिकी-समर्थित स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों की सफलता देखते हुए 2024 में एक और मंच,  TB-WIN जारी किया है, जोकि तपेदिक की बीमारी की रोकथाम के लिए एक वैक्सीन प्रबन्धन प्रणाली है. इसके तहत, वयस्कों में BCG टीकाकरण के असर के अध्ययन हेतु एक पायलट कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है.

भारत का डिजिटल समाधान इस बात का उदाहरण है कि किस तरह प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा वितरण में क्रान्ति ला सकती है, देश के हर कोने तक पहुँच सकती है और यह सुनिश्चित कर सकती है कि कोई भी पीछे न छूट जाए.

यह मंच भी, टैक्सी बुक करने की तरह, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच को सरल बनाते हुए, लाखों लोगों के जीवन पर गहरा प्रभाव डालने में सक्षम है.