वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

संयुक्त राष्ट्र है, मानवता के लिए एक ‘अडिग मशाल’, जोसेप बोरेल

योरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल ने मंगलवार को, सुरक्षा परिषद में राजदूतों को सम्बोधित करते हुए कहा, UNRWA की महत्ता पर भी ज़ोर दिया. (मार्च 2024).
UN Photo/Eskinder Debebe
योरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल ने मंगलवार को, सुरक्षा परिषद में राजदूतों को सम्बोधित करते हुए कहा, UNRWA की महत्ता पर भी ज़ोर दिया. (मार्च 2024).

संयुक्त राष्ट्र है, मानवता के लिए एक ‘अडिग मशाल’, जोसेप बोरेल

शान्ति और सुरक्षा

योरोपीय संघ (EU) के एक शीर्ष अधिकारी जोसेप बोरेल ने, वैश्विक चुनौतियों से निपटने में संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका को अतुलनीय क़रार दिया है, और इस विश्व संगठन को, मानवता के लिए "अडिग मशाल" बताया है.

योरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल ने मंगलवार को, सुरक्षा परिषद में राजदूतों को सम्बोधित करते हुए कहा, "संयुक्त राष्ट्र, उथल-पुथल के हालात में, एक मील का पत्थर बना हुआ है, घने कोहरे में एक लालटेन है, जिसकी रौशनी में हम हर दिन अपना रास्ता खोजते हैं, समाधान खोजने की कोशिश करते हैं - यह प्रकाश की एक किरण है, आशा का संकेत है." 

उन्होंने वर्तमान वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिम्बित करने के लिए, सुरक्षा परिषद और अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया: "भविष्य तो वैसे भी आएगा ही, इसलिए, आइए हम भविष्य को, अपने अन्धकारमय वर्तमान से, कम अन्धकारमय बनाने का प्रयास करें."

यूक्रेन में युद्ध

जोसेप बोरेल ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध की तरफ़ ध्यान आकर्षित किया और रूस द्वारा एक सम्प्रभु देश के ख़िलाफ़ आक्रामण करके युद्ध में, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन किए जाने का ज़िक्र किया.

उन्होंने कहा, "यह युद्ध यूएन चार्टर पर एक हमला है और इस युद्ध की शुरुआत के बाद से ही, यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के साथ अपनी पूरी एकजुटता दिखाई है और उसे असाधारण आर्थिक, वित्तीय और सैन्य सहायता दी है."

उन्होंने कहा कि यूक्रेन को ब्लॉक का सदस्य बनाने के लिए, योरोपीय संघ की प्रतिबद्धता के ज़रिए व्यक्त किया गया समर्थन जारी रहेगा.

ग़ाज़ा युद्ध में भीषण विनाश हुआ है.
© UNRWA

ग़ाज़ा में युद्ध

योरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख ने, ग़ाज़ा की स्थिति पर भी गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि यह "लगभग एक सदी से इसराइलियों और फ़लस्तीनियों के बीच चल रहे एक असाधारण गम्भीर टकराव का सिरा मात्र है."

उन्होंने इसराइली समुदायों पर 7 अक्टूबर के हमलों की निन्दा की और इसराइल के आत्मरक्षा के अधिकार के बारे में कहा कि यह अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का पूर्ण पालन करते हुए किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, "मैं आपमें से किसी को भी यह नहीं सिखाना चाहता कि ग़ाज़ा में क्या हो रहा है. यह मानवीय संकट - यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है...यह मानव निर्मित है." 

उन्होंने कहा कि ज़मीनी रास्तों से सहायता वितरण को "कृत्रिम रूप से बन्द किया जा रहा है, और खाद्य अभाव और भुखमरी को युद्ध के (एक हथियार) के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है."

UNRWA, फ़लस्तीनियों की ज़रूरतों का एक उत्तर

जोसेप बोरेल ने ज़ोर देकर कहा कि ग़ाज़ा में, संयुक्त राष्ट्र के मानवीय राहत मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA), विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP), और फ़लस्तीनी शरणार्थियों की सहायता के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) जैसी संयुक्त राष्ट्र संस्थाएँ, बहुत से लोगों के लिए "अन्तिम जीवन रेखा" हैं.

उन्होंने कहा, "हाँ, UNRWA, आरोपों का सामना कर रही है, लेकिन आरोपों को साबित किया जाना होगा - यही कारण है कि वे आरोप हैं."

उन्होंने कहा कि योरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र के अन्तरराष्ट्रीय निगरानी सेवा कार्यालय (OIOS) की जाँच, योरोपीय संघ की व्यवस्थागत जाँच, और कैथरीन कोलोना के नेतृत्व में स्वतंत्र समीक्षा के निष्कर्षों की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहा है.

“लेकिन मैं एक बात याद दिलाना चाहता हूँ, यूएनआरडब्ल्यूए अस्तित्व में है क्योंकि फ़लस्तीनी शरणार्थी मौजूद हैं. यह फ़लस्तीनियों के लिए कोई उपहार नहीं है, यह उनकी ज़रूरतों का जवाब है.”

उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कोई भी शक्ति, यूएनआरडब्ल्यूए को ग़ायब करके, फ़लस्तीनी शरणार्थियों को ग़ायब नहीं कर सकती.

जोसेप बोरेल ने दो-देश समाधान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि वास्तव में, यूएनआरडब्ल्यूए को ग़ायब करने का एकमात्र तरीक़ा, उन शरणार्थियों को एक फ़लस्तीनी देश का नागरिक बनाना है, जो एक इसराइली देश के साथ सह-अस्तित्व में रह सके.  

हेती में गैंग टकराव ने, देश को अस्थिर कर दिया है.
© UNICEF/U.S. CDC/Roger LeMoyne

टकरावों के अन्य स्थल

योरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि ने सूडान, सोमालिया, अफ़ग़ानिस्तान, म्याँमार, हेती और साहेल सहित, अन्य अनेक संकटग्रस्त स्थानों के बारे में भी चिन्ता व्यक्त की.

उन्होंने, हेती के बारे में इस बात पर ज़ोर दिया कि पिछले सप्ताहों में, आपराधिक गिरोहों द्वारा की गई आसमान छूती हिंसा ने ,देश को तबाही के कगार पर पहुँचा दिया है, जिसकी क़ीमत, हेती के आम लोगों को चुकानी पड़ रही है.