अफ़ग़ानिस्तान: आधी से अधिक आबादी के लिये ‘संकट’ या ‘आपात’ स्तर की खाद्य असुरक्षा
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, अफ़ग़ानिस्तान में दो करोड़ 30 लाख लोग, यानि अफ़ग़ान आबादी का क़रीब 55 फ़ीसदी हिस्सा, अभी से लेकर अगले वर्ष मार्च तक, संकटपूर्ण या फिर आपातकालीन स्तर की खाद्य असुरक्षा का सामना करने के लिये मजबूर है.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को बताया कि छिटपुट झड़पों और हिंसा के कारण आमजन प्रभावित हुए हैं और इसके परिणामस्वरूप, इस सप्ताह भी देश भर में लोगों का हताहत होना जारी रहा.
जलालाबाद के नान्गरहार प्रान्त में, 1 नवम्बर को तालेबान प्रशासन को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी की घटना में दो बच्चों की मौत हो गई.
इसके दो दिन बाद, बुधवार को, सड़क किनारे रखे एक विस्फोटक (आईईडी) के ज़रिये किये गए विस्फोट में भी दो आम नागरिक मारे गए हैं.
🚨Afghanistan Weekly Humanitarian Update➡️Winterisation assessment started in Hilmand➡️Over 187,000 people receive food assistance in the North-east ➡️Returnees in need of shelter and humanitarian assistance in the WestRead the full report:↘️https://t.co/rnHGLirHdU pic.twitter.com/gabWYopvRu
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गुरूवार को, बामयान प्रान्त में सशस्त्र झड़पों के दौरान पाँच लोगों के घायल होने की ख़बरें मिली हैं, जिनमें एक आम नागरिक है.
मानवीय राहत कार्यों में समन्वय के लिये यूएन कार्यालय (OCHA) ने अपनी नवीतनम रिपोर्ट में सशर्त मानवीय राहत कार्यों के प्रति चिन्ता जताई है.
संगठन के मुताबिक़, मानवीय राहत सहायता का इस्तेमाल राजनैतिक उद्देश्यों के लिये करने का प्रयास किया जा रहा है.
मानवीय सहायता प्रयास
दानदाताओं ने, मानवीय राहत अभियानों के लिये वित्तीय लेनदेन और अन्य ज़रूरी गतिविधियों को प्रतिबन्धों के दायरे से दूर रखे जाने की माँग की है, ताकि इन प्रयासों को बेरोकटोक जारी रखा जा सके.
अफ़ग़ानिस्तान में मानवीय संकट पर जवाबी कार्रवाई और प्रभावितों तक राहत पहुँचाने के लिये, 60 करोड़ डॉलर की एक औचक अपील जारी की गई थी.
इस अपील के ज़रिये, वर्ष 2021 के अन्त तक एक करोड़ 10 लाख लोगों को मदद प्रदानी की जानी है, मगर फ़िलहाल 54 प्रतिशत धनराशि का ही इन्तज़ाम हो पाया है.
1 सितम्बर 2021 से अब तक, यूएन एजेंसियों और साझीदार संगठनों ने 48 हज़ार से अधिक बच्चों के लिये समुदाय-आधारित शिक्षा का इन्तज़ाम किया है.
इसके अतिरिक्त, 82 हज़ार लोगों के लिये आपात आश्रय व ग़ैर-खाद्य वस्तुओं की व्यवस्था की गई है. 41 लाख लोगों के लिये खाद्य सहायता सुनिश्चित की गई है.
पाँच लाख 80 हज़ार बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ मुहैया कराई गई हैं और पाँच वर्ष से कम उम्र के 85 हज़ार से अधिक बच्चों का कुपोषण के लिये इलाज किया गया है.
संकटपूर्ण हालात
अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर तालेबान का वर्चस्व स्थापित होने, और 15 अगस्त के घटनाक्रम से पहले भी देश में मानवीय हालात, बेहद ख़राब थे.
इस वर्ष के मध्य तक, लगभग एक करोड़ 84 लाख लोगों को मानवीय राहत व संरक्षण सहायता की आवश्यकता है.
आम लोगों के समक्ष सुरक्षा सम्बन्धी जोखिम भी रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रहे हैं, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों व विकलांगजन के लिये.
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने पतझड़ के मौसम के दौरान, देश के पूर्वी इलाक़े में बीज व उर्वरक वितरण मुहिम की शुरुआत की है.
कृषि उत्पादन के सर्वोत्तम तौर-तरीक़ों पर जानकारी साझा करने के लिये, तकनीकी प्रशिक्षण सत्र आयोजित किये गए हैं.
यूएन एजेंसी ने अफ़ग़ानिस्तान के नान्गरहार, कुनार, लघमान और नूरिस्तान प्रान्त में क़रीब एक लाख 40 हज़ार लोगों तक पहुँचने की उम्मीद जताई है.