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नवीकरणीय ऊर्जा से, यूएन शान्तिरक्षकों की सुरक्षा बढ़ती है

दक्षिण सूडान में, संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा का एक दस्ता.
UN Photo/Martine Perret
दक्षिण सूडान में, संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा का एक दस्ता.

नवीकरणीय ऊर्जा से, यूएन शान्तिरक्षकों की सुरक्षा बढ़ती है

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी अतुल खरे ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र शान्ति मिशनों में, नवीकरणीय ऊर्जा की तरफ़ परिवर्तन से, क्षेत्र में सेवारत वर्दीधारी कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलती है.

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संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अवर महासचिव अतुल खरे ने, 2023 के संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में यह बात कही है. यह सम्मेलन मंगलवार को घाना के अकरा में शुरू हुआ, और बुधवार को समाप्त होगा.

85 से अधिक देशों के प्रतिनिधि इस दो दिवसीय सम्मेलन बैठक में शिरकत कर रहे हैं, जहाँ पहले दिन की चर्चा, शान्ति अभियानों में पर्यावरण प्रबन्धन और संयुक्त राष्ट्र ध्वज के तहत सेवा के लिए, अधिक महिलाओं को तैनात किए जाने पर केन्द्रित थी.

हरा-भरा और मददगार

अतुल खरे ने, पर्यावरण प्रबन्धन में सुधार पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र में हरित ऊर्जा की ओर बदलाव "केवल पर्यावरणीय पदचिह्न के बारे में नहीं है" क्योंकि यह ख़तरनाक सड़कों पर ईंधन परिवहन की आवश्यकता को कम करके, शान्ति सैनिकों की रक्षा करने में मदद करता है.

इसके अलावा, ईंधन की कमी का सामना करने के लिए परिचालन सहनशीलता भी बढ़ गई है, जिसका अर्थ है कि शान्ति मिशन, संकट के समय में भी मुख्य बुनियादी ढाँचे को चला सकते हैं, जब ईंधन की आपूर्ति किया जाना सम्भव नहीं हो.

अतुल खरे संयुक्त राष्ट्र के परिचालन सहायता विभाग के प्रमुख हैं. यह विभाग पिछले छह वर्षों से पर्यावरण प्रबन्धन पर एक रणनीति लागू करने में संयुक्त राष्ट्र मिशनों का समर्थन कर रहा है.

पुनर्चक्रण (Recycling) बढ़त पर, ईंधन के उपयोग में कमी

अतुल खरे ने, आज तक की प्रगति पर रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें रीसायकलिंग, कम्पोस्टिंग और भस्मीकरण के माध्यम से उपचारित कचरे के अनुपात में "एक बड़ा उछाल" शामिल है, जो 19 प्रतिशत से बढ़कर 65 प्रतिशत हो गया है.

इसके अतिरिक्त, बिजली उत्पादन में प्रति व्यक्ति प्रति दिन ईंधन का उपयोग 4.1 लीटर से घटकर 3.7 लीटर हो गया है.

उन्होंने कहा, "यह प्रति व्यक्ति आँकड़े के रूप में मामूली लग सकता है, लेकिन वास्तविक रूप से यह प्रति वर्ष 15 मिलियन लीटर डीज़ल या लगभग 40 हज़ार टन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी का प्रतिनिधित्व करता है."

राष्ट्रों की समर्थन रणनीति

अतुल खरे ने संयुक्त राष्ट्र मिशनों में सेवा के लिए सैनिकों और पुलिस अधिकारियों का योगदान देने वाले उन देशों को भी धन्यवाद दिया, जो पर्यावरण प्रबन्धन रणनीति के समर्थक रहे हैं.

उदाहरण के लिए, बांग्लादेश इस क्षेत्र में सौर फ़ोटोवोल्टिक (पीवी) प्रणाली तैनात करने वाला पहला देश था, जबकि पाकिस्तान हाल ही में मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में शान्ति मिशन - MINUSCA में संयुक्त राष्ट्र मिशन में एक नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली तैनात की थी.