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यूएन शान्तिरक्षा के लिए, 91 देशों की प्रतिबद्धता बरक़रार

यूएन शान्तिरक्षा के प्रमुख जियाँ पियर लैक्रोआ, घाना मेंं 2023 के मंत्रीस्तरीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए.
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यूएन शान्तिरक्षा के प्रमुख जियाँ पियर लैक्रोआ, घाना मेंं 2023 के मंत्रीस्तरीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए.

यूएन शान्तिरक्षा के लिए, 91 देशों की प्रतिबद्धता बरक़रार

शान्ति और सुरक्षा

घाना में बुधवार को सम्पन्न हुए दो दिवसीय स्तरीय सम्मेलन में, 91 देशों ने, संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया. घाना के ऐकरा में, वर्ष 2023 के संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में, वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों व ज़रूरतों को पूरा करने के लिए, कर्मियों और प्रशिक्षण के बारे में नई प्रतिज्ञाएँ भी व्यक्त की गईं.

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यूएन शान्तिरक्षक, दुनिया के सबसे अस्थिर वातावरण में सेवा करते हैं और बढ़ते भू-राजनैतिक तनाव, अधिक जटिल संघर्ष और उनके व जिन समुदायों की वे सेवा करते हैं, उनके ख़िलाफ़ डिजिटल उपकरणों को हथियारों के रूप में प्रयोग किए जाने के साथ, उनके सामने आने वाले ख़तरे, पहले से कहीं अधिक बड़े हो गए हैं.

यूएन शान्तिरक्षा मिशनों को महत्वाकांक्षी शासनादेश भी दिए जा रहे हैं जो अक्सर पूरा करने की उनकी क्षमता से परे होते हैं.

समर्थन का वादा

कुल 91 देशों और तीन अन्तरराष्ट्रीय संगठनों ने, 2023 की मंत्रिस्तरीय बैठक में यूएन शान्तिरक्षा के लिए अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता और राजनैतिक समर्थन व्यक्त किया.

सत्तावन सदस्य देशों ने महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने और हिंसा को रोकने और अनिवार्य कार्यों को पूरा करने में प्रभावशीलता को मज़बूत करने के लिए नई प्रतिज्ञाओं की भी घोषणा की. इनमें नागरिकों की रक्षा करने व शान्तिरक्षा के शासनादेश शामिल हैं.

घाना के विदेश मामलों और क्षेत्रीय एकीकरण मंत्री शर्ली अयोरकोर बोचवे ने कहा, "इस ऐतिहासिक सम्मेलन से उत्पन्न ठोस प्रतिज्ञाएँ, संयुक्त राष्ट्र शान्ति अभियानों को वो मदद मुहैया कराएंगी जिनकी जटिल वातावरण में, जटिल जनादेशों को निष्पादित करने के लिए उन्हें आवश्यकता होती है."

राजनैतिक इच्छाशक्ति महत्वपूर्ण

संयुक्त राष्ट्र के शान्तिरक्षा अभियानों के अवर महासचिव, जियाँ-पियर लैक्रोआ ने इस सम्मेलन में कहा कि शान्तिरक्षा का अन्तिम उद्देश्य, टकरावों को हल करने में मदद के लिए, शान्ति समझौतों और सम्बन्धित राजनैतिक प्रक्रियाओं को सुरक्षित तरीक़े से लागू करना होता है.

उन्होंने कहा, "इस सम्बन्ध में, इसके 75 साल के इतिहास में इसकी सफलता को युद्ध के उस कोहरे में नहीं भुलाया जाना चाहिए, जो आज भी दुनिया के सबसे नाज़ुक देशों और आबादी को तबाह कर रहा है."

उन्होंने कहा, "लेकिन शान्तिरक्षा कोई जादू की छड़ी नहीं है और यह अकेले सफल नहीं हो सकती." स्थाई शान्ति हासिल करने के लिए राजनैतिक इच्छाशक्ति और सदस्य देशों की सक्रिय, एकजुट भागेदारी की आवश्यकता होती है.

पुकार पर ध्यान देना

इस सम्मेलन में शिरकत करने वाले प्रतिनिधियों ने मज़बूत राजनैतिक और परिचालन समर्थन के आहवान का जवाब दिया.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शहरयार अकबर खान ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा एक चौराहे पर है. हमलों में वृद्धि, जटिल शासनादेश, नए टकराव और पुराने विवादों की निरन्तरता का मतलब है कि इस चुनौती से निपटने के लिए, नए सिरे से प्रतिबद्धता और मज़बूत साझेदारी की आवश्यकता है और इसमें देशों के बीच साझेदारी होना भी शामिल है.”

91 देशों के प्रतिनिधियों ने, घाना में हुए सम्मेलन में, यूएन शान्तिरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की.
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चीन के प्रतिनिधि जनरल क़ाइलिंग शू ने "परिवर्तन और उथल-पुथल" से गुज़र रही दुनिया की चुनौतियों का समाधान करने के लिए "वास्तविक बहुपक्षवाद" का आहवान किया.

केनया के कैबिनेट सचिव ऐडेन बेअर डुआए ने कहा कि "विशाल और बढ़ रहीं" वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के बीच, मिशनों को अपना शासनादेश पूरा करने के लिए, संसाधनों और क्षमताओं की आवश्यकता है.

इस बीच, हंगरी के विदेश मामलों और व्यापार मंत्री, पीटर सिज्जार्तो ने वैश्विक शान्ति के लिए बढ़ते टकरावों और ख़तरों को देखते हुए, शान्ति निर्माण और क़ायम रखने में, संयुक्त राष्ट्र की बड़ी भूमिका का आहवान किया.

उन्होंने कहा, "अगर हम दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा क्षमता में सुधार कर सकते हैं, तो अधिक सशस्त्र टकराव नियंत्रण में आ जाएंगे, जिससे शान्तिपूर्ण समाधान की ओर बढ़त होगी और तीसरे विश्व युद्ध का ख़तरा कम हो जाएगा."

सम्मानपूर्वक सेवा करें

तैंतीस सदस्य देशों ने 110 से अधिक नई सैन्य और पुलिस इकाइयाँ उपलब्ध कराने का भी वादा किया, जबकि 45 देशों ने शान्तिरक्षा ख़ुफ़िया सेवा, नागरिकों की सुरक्षा, लिंग उत्तरदायित्व वाला नेतृत्व और यौन शोषण व दुर्व्यवहार को रोकने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विशेष प्रशिक्षण देने का वादा किया.

प्रबन्धन रणनीति, नीति और अनुपालन के लिए संयुक्त राष्ट्र की अवर महासचिव कैथरीन पोलार्ड ने कहा, “प्रत्येक शान्तिदूत को हमारे मानकों और पूरे संयुक्त राष्ट्र की छवि और विश्वसनीयता को बनाए रखते हुए, सम्मान के साथ सेवा करनी चाहिए.” 

घाना में हुए वर्ष 2023 के यूएन शान्तिरक्षा मंत्रिय स्तरीय सम्मेलन में, संगीत व नृत्य कार्यक्रम की प्रस्तुति.
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“ऐसा किया जाना, स्थानीय समुदायों द्वारा स्वीकृति और हमारे शासनादेश को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है."

“हमारे अधिकांश शान्तिरक्षक इस ज़िम्मेदारी को पूरा करते हैं. दुर्भाग्य से, एक छोटे से समूह के भयानक कार्यों ने बहुत से लोगों के सम्मानजनक कार्यों को ढक दिया, जिनमें से कुछ ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है.”

देशों ने पर्यावरण प्रबन्धन में सुधार करने और संयुक्त राष्ट्र शान्ति सेना की रणनैतिक संचार क्षमता को मज़बूत करने का भी वादा किया, जिसमें ग़लत सूचना और दुष्प्रचार का सामना करना भी शामिल है.

घाना के रक्षा मंत्री डोमिनिक नितिवुल ने सम्मेलन का समापन करते हुए कहा कि बनाए गए रिश्ते और की गई प्रतिबद्धताएँ क्षणिक नहीं होंगी. "वे एक अधिक शान्तिपूर्ण व सुरक्षित दुनिया के लिए बोए गए बीज हैं, जिनकी फ़सल हम आने वाले वर्षों में काटेंगे."

घाना में 2023 संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा मंत्रिस्तरीय सम्मेलन, अफ़्रीकी महाद्वीप पर आयोजित होने वाला पहला सम्मेलन था. पिछले सम्मेलन संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, कैनेडा और कोरिया गणराज्य में हुए थे.

अगली बैठक वर्ष 2025 में जर्मनी में आयोजित की जाएगी.