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सूडान में मानवीय संकट ख़त्म करने का आग्रह

सूडान में संघर्ष के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ती हुई.
© UNHCR
सूडान में संघर्ष के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ती हुई.

सूडान में मानवीय संकट ख़त्म करने का आग्रह

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र की आपदा मानवीय राहत एजेंसी – OCHA के मुखिया मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने रविवार को कहा है कि सूडान में छह महीने से जारी युद्ध ने, देश को हाल के इतिहास में सबसे भीषण मानवीय संकट में धकेल दिया है.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने, युद्ध से सम्बन्धित तमाम पक्षों को, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत अपनी तमाम ज़िम्मेदारियों का सम्मान करने का आग्रह किया है.

सूडान में छह महीन के इस युद्ध के दौरान लगभग 9 हज़ार लोगों की मौत हो गई और क़रीब 56 लाख लोगों को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा है. इनके अलावा क़रीब ढाई करोड़ लोग, अप्रैल 2023 के मध्य में भड़के इस युद्ध के कारण मानवीय सहायता के ज़रूरतमन्द बन गए हैं.

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता संयोजक मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने इस युद्ध के छह महीने पूरे होने के अवसर पर जारी एक वक्तव्य में कहा है कि आधे वर्ष की इस अवधि के दौरान विशेष रूप में ख़ारतूम, दारफ़ूर और कोरदोफ़ान में आम लोगों को, रक्तस्राव और आतंक से कोई राहत नहीं मिल सकी है. इस युद्ध के दौरान बलात्कार और यौन हिंसा की ख़बरें भी लगातार मिल रही हैं.

बुनियादी सेवाओं का ढहना

संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने जातीय टकराव के मामलों की बढ़ती संख्या के दरम्यान, सहायताकर्मियों को ज़रूरतमन्द लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिए, सुरक्षा के अभाव के कारण अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने बताया, “15 अप्रैल के बाद से कम से कम 45 सहायताकर्मियों की मौत हुई है.”

जहाँ, मानवीय सहायता कर्मियों की पहुँच है भी, वहाँ उन्हें धन की भारी क़िल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने बताया कि सूडान के लिए वर्ष 2023 के दौरान 2.6 अरब डॉलर की सहायता अपील की केवल 33 प्रतिशत राशि ही प्राप्त हुई है.

सूडान में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का हालत बेहद जर्जर है: देश के युद्धग्रस्त इलाक़ों में 70 प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ, ठप हैं, हैज़ा ने देश को अपनी चपेट में ले रखा है और उसके लगभग 1000 मामले सामने आए हैं.

बुनियादी सेवाएँ चरमरा रही हैं. युद्ध ने लगभग एक करोड़ 90 लाख बच्चों के स्कूलों से बाहर रखा है, जिससे उनकी शिक्षा और देश के भविष्य को व्यापक नुक़सान पहुँच रहा है.

ऐसा जारी नहीं रह सकता

युद्ध के कारण समुदाय बिखर रहे हैं, और निर्बल हालात वाले लोगों तक जीवन-रक्षक सहायता नहीं पहुँच पा रही है. पड़ोसी देशों में भी मानवीय सहायता की आवश्यकताएँ बढ़ रही हैं, जहाँ सूडान के लाखों लोग शरण के लिए पहुँचे हुए हैं.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने सभी युद्धरत पक्षों से अपील करते हुए कहा, “ऐसा जारी नहीं रह सकता.”

उन्होंने युद्धरत पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाने और इस युद्ध को ख़त्म करने के लिए, सर्वोच्च स्तर पर संवाद के लिए फिर से प्रतिबद्ध होने का आग्रह भी किया.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने ज़ोर देकर कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, सूडान के लोगों को बेसहारा नहीं छोड़ सकता. 

उन्होंने साथ ही दानदाताओं से भी अपना समर्थन बढ़ाने का आग्रह किया.