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सूडान: यूएन व साझीदार एजेंसियों के सहायता अभियान तेज़

सूडान के शरणार्थी, चाड में एक सीमावर्ती गाँव में, सहायता सामग्री की प्रतीक्षा करते हुए.
© UNICEF/Donaig Le Du
सूडान के शरणार्थी, चाड में एक सीमावर्ती गाँव में, सहायता सामग्री की प्रतीक्षा करते हुए.

सूडान: यूएन व साझीदार एजेंसियों के सहायता अभियान तेज़

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र और उसके मानवीय सहायता साझीदारों ने, मंगलवार को, सूडान भर में लाखों लोगों के लिए अपने सहायता अभियान तेज़ किए. इस बीच राजधानी ख़ारतून और पड़ोसी इलाक़ों में, राष्ट्रीय सेना व प्रतिद्वन्द्वी आरएसएफ़ लड़ाकों के बीच लड़ाई सघन होने की ख़बरें हैं.

दावों और प्रति दावों के बीच ऐसी ख़बरें हैं कि सेना ने आरएसएफ़ लड़ाकों की सामान आपूर्ति में बाधा डालने की कोशिशें की हैं और लगातार हमलों से अपने ठिकानों की हिफ़ाज़त की है.

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उधर आरएसएफ़ ने एक सैन्य ठिकाने पर हमला करने के बाद, सैकड़ों सैनिकों को बन्धक बनाने का दावा किया है.

प्रत्यक्षदर्शियों की ख़बरों के अनुसार, हवाई हमलों और भारी लड़ाई ने, ख़ारतूम में लाखों लोगों को घरों में ही सीमित कर दिया है, जबकि बुनियादी ढाँचे और नागरिक ठिकानों को लगातार हमलों का निशाना बनाया जा रहा है.

सहायता पहुँची ख़ारतूम

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने न्यूयॉर्क में दैनिक प्रैस वार्ता में पत्रकारों को बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने, अल-जज़ीरा प्रान्त में 30 टन चिकित्सा सामग्री पहुँचाने में सफलता पाई है, जोकि राजधानी के दक्षिण-पूर्वी इलाक़े में है.

प्रवक्ता ने बताया कि इस बीच सहायता संगठनों ने दारफ़ूर के कुछ हिस्सों में सहायता अभियान फिर से शुरू कर दिए हैं.

“उदाहरण के लिए, उत्तरी दारफ़ूर में यूनीसेफ़ ने आठ स्वास्थ्य सुविधाओं और एक पोषण केन्द्र को, दो लाख 35 हज़ार लीटर स्वच्छ पानी की आपूर्ति करने में मदद की है.”

प्रवक्ता ने बताया कि यूनीसेफ़, एक दर्जन से भी ज़्यादा स्वास्थ्य सुविधाओं पर, 15 हज़ार 700 से ज़्यादा मरीज़ों को, पानी, स्वच्छता और स्वास्थ्य सामान की आपूर्ति कर रहा है.

यूनीसेफ़ ने पूर्वी दारफ़ूर में, आन्तरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए बनाए गए ऐलनीम शिविर में मौजूद लगभग 40 हज़ार लोगों को, स्वच्छ पानी मुहैया कराया है.

भय फैलाव

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने लगभग एक महीने से जारी इस युद्ध के, सूडान के सात पड़ोसी देशों पर प्रभाव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चाड में यूएन टीम ने लगभग 80 हज़ार नए लोगों के पहुँचने की ख़बर दी है, जिनमें क़रीब 60 हज़ार शरणार्थी और 20 हज़ार ऐसे लोग शामिल हैं जो स्वदेश लौटे हैं.

चाड में पहले ही, लगभग 10 लाख जबरन विस्थापित लोग रह रहे थे, जिनमें छह लाख शरणार्थी हैं जो सूडान, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य (CAR), कैमेरून और नाइजीरिया से हैं.

संयुक्त राष्ट्र की आपदा खाद्य सहायता एजेंसी – WFP ने पूर्वी सीमा के निकटवर्ती इलाक़ों में आठ ठिकानों पर, 20 हज़ार से ज़्यादा नए शरणार्थियों को, खाद्य और पोषण सामान वितरित किया है.

इस बीच यूएन यौन व प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी – UNFPA भी गरिमा किटें और अन्य सामान मुहैया करा रही है.

शिक्षा के लिए धन की तत्काल आवश्यकता

सूडान में जारी युद्ध के हालात में, दारफ़ूर में यूनीसेफ़ समर्थिक एक स्वास्थ्य केन्द्र में एक महिला अपने बच्चे के साथ.
© UNICEF/Mohamed Zakaria

शिक्षा के लिए यूए आपदा कोष - Education Cannot Wait ने सूडान के युद्ध से बचकर चाड में पनाह लेने वाले बच्चों के लिए, 30 लाख डॉलर की सहायता की घोषणा की है.

Education Cannot Wait की कार्यकारी निदेशक यासमीन शेरिफ़ ने मंगलवार को कहा, “सूडान में क्रूर युद्ध से बचकर पड़ोसी देशों में पनाह लेने वाले बच्चों के लिए शिक्षा तक पहुँच बनाना बहुत ज़रूरी है.”

“उनकी तात्कालिक ज़रूरतें पूरी करने, उन्हें संरक्षण मुहैया कराने और उनका भविष्य सुरक्षित करने के लिए, सुरक्षा कवच बहुत अहम है. हम नई पीढ़ी का सशक्तिकरण कैसे करेंगे, अगर हम उसे शिक्षा से दूर रखेंगे.”