यूएन एसडीजी शिखर सम्मेलन से, दुनिया में किस तरह के बदलाव की अपेक्षा?

संयुक्त राष्ट्र महासभा के वर्ष 2023 उच्च-स्तरीय सप्ताह के केन्द्र में होगा - टिकाऊ विकास लक्ष्य (एसडीजी) शिखर सम्मेलन. इस सम्मेलन के लिए, 18 और 19 सितम्बर को विश्व नेतागण न्यूयॉर्क में एकत्र हो रहे हैं. उनका लक्ष्य होगा: विश्व को सर्वजन के कल्याण हेतु हरित, स्वच्छ, सुरक्षित, न्यायपूर्ण भविष्य की राह पर वापस लाना.
एसडीजी शिखर सम्मेलन का मक़सद किसी को भी पीछे नहीं छोड़ने के, 2030 एजेंडा के केंद्रीय, परिवर्तनकारी वादे के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, एक दूरदर्शी राजनैतिक घोषणा-पत्र अपनाना है. दो दिनों की वार्ता में, विश्व नेतागण, आगे बढ़ने की राह पर विचार-विमर्श करेंगे. इसके लिए ये पाँच बिन्दु जानने आवश्यक हैं:
लोगों और ग्रह की रक्षा की वैश्विक मुहिम, 2015 में टिकाऊ विकास पर 2030 का ऐतिहासिक एजेंडा एवं इसके 17 टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को अपनाने के साथ शुरू हुई. ये दोनों, साथ मिलकर लोगों और पर्यावरण की रक्षा करते हुए, आर्थिक समृद्धि एवं सामाजिक कल्याण को गति देने का ख़ाका पेश करते हैं.
इसमें समय बेहद महत्वपूर्ण है. 2030 की समय सीमा के आधे रास्ते में, एसडीजी गहरे संकट में दिख रहे हैं. कोविड-19 महामारी के कारण प्रगति रुक गई है, जलवायु संकट गहराता जा रहा है और भुखमरी, स्वास्थ्य, जैव विविधता, मज़बूत संस्थान, प्रदूषण और शान्तिपूर्ण समाजों से सम्बन्धित लक्ष्य पटरी से उतर रहे हैं.
ऐसे में, एसडीजी शिखर सम्मेलन का उद्देश्य, वर्तमान नकारात्मक पथ को बदलने के लिए उचित समाधान खोजना है.
140 टिकाऊ विकास लक्ष्यों में से केवल 15 फ़ीसदी ही पटरी पर हैं. लगभग आधे लक्ष्य या तो मामूली या गम्भीर रूप से राह से भटक गए हैं. इसके अलावा, 30 प्रतिशत लक्ष्यों के लिए या तो कोई कार्रवाई नहीं देखी गई या वो 2015 के शुरूआती स्तर से भी नीचे पहुँच गए हैं.
उदाहरण के लिए, क़ानूनी सुरक्षा में लैंगिक अन्तराल घटाने और भेदभावपूर्ण क़ानूनों (लक्ष्य 5) को हटाने में, वर्तमान राह पर चलते हुए, 286 साल लगेंगे.
शिक्षा पर वैश्विक रिपोर्ट कार्ड भी उतना ही गम्भीर है. वर्षों तक निवेश में कमी और शिक्षा की हानि के प्रभाव से, 2030 तक, लगभग 8 करोड़ 40 लाख बच्चों के स्कूल से बाहर होने की आशंका है. साथ ही, स्कूल जाने वाले 30 करोड़ बच्चे या युवाओं के, स्कूल छोड़ देने व पढ़ने-लिखने में असमर्थ होने की आशंका है (लक्ष्य 4).
एसडीजी प्रगति की कमी सार्वभौमिक है, लेकिन विकासशील देश और दुनिया के सर्वाधिक ग़रीब एवं कमज़ोर लोग, ग्रह की इस सामूहिक विफलता का ख़ामियाज़ा भुगत रहे हैं.
वर्तमान रुझानों के अनुसार, 57.5 करोड़ लोग, 2030 में भी अत्यधिक ग़रीबी में जी रहे होंगे, और केवल एक तिहाई देश ही राष्ट्रीय निर्धनता स्तर को आधा करने के लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम होंगे (लक्ष्य 1).
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है, "हमारे पास कोई दूसरा ग्रह नहीं है."
इसीलिए विश्व नेता एसडीजी शिखर सम्मेलन में एकत्र हो रहे हैं. वैश्विक अभियान के तहत प्रगति की दिशा में आगे बढ़ने के उद्देश्य से, वे इस बात से सहमत हैं कि अब समय आ गया है कि राष्ट्र और साझीदार, शब्दों को कार्रवाई में तब्दील करें, ताकि ज़मीनी स्तर पर बेहतर परिणाम हासिल हो सकें.
इसमें सभी देशों और प्रमुख हितधारकों, स्थानीय अधिकारियों, निजी क्षेत्र, फाउंडेशन, परोपकारी संगठनों एवं नागरिक समाज को शामिल करना ज़रूरी होगा.
शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों द्वारा, एक राजनैतिक घोषणा-पत्र अपनाने की उम्मीद की जा रही है. इस आयोजन से पहले ही राष्ट्रों ने घोषणा-पत्र का एक मसौदा तैयार किया है, जिसमें चुनौतियों और आगे की राह प्रस्तुत की गई है.
मसौदे में कहा गया है, “एसडीजी हासिल करने का लक्ष्य ख़तरे में है; 2030 एजेंडा के बीच रास्ते पर, हम चिन्तित हैं कि केवल 12 प्रतिशत एसडीजी पटरी पर हैं और 30 प्रतिशत पर या तो काम नहीं हुआ है या वो 2015 के स्तर से भी नीचे हैं.''
"लेकिन हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है. हमारे विश्व, इसमें रहने वाले लोगों और संयुक्त राष्ट्र का, सहनसक्षमता व चुनौतियों पर क़ाबू पाने का इतिहास रहा है."
नेता प्रयासों में गति लाने की प्रतिबद्धता जताएंगे - प्लास्टिक प्रदूषण को ख़त्म करने से लेकर डिजिटल विभाजन पाटने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लाभ उठाने तक.
नेताओं ने घोषणा-पत्र के मसौदे में कहा, "हमारे कार्य, हमारी दुनिया पर असर डालने वाले संकटों की भयावहता और दायरे से मेल खाने चाहिएँ. यह स्थिति दुनिया से हमारे प्रयासों को दोगुना करने और 2030 तक टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बड़ी विजय की मांग करती है."
पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक व्यक्ति से, बदलाव और प्रगति में तेज़ी लाने में सहायता मिल सकती है; 16 और 17 सितम्बर को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में, संयुक्त राष्ट्र के ‘एसडीजी कार्रवाई सप्ताहान्त’ पर नज़र रखें.
इसमें प्रतिभागी एसडीजी हासिल करने के उत्कृष्ट तरीक़ों पर ध्यान केन्द्रित करेंगे और सफलता प्राप्त करने के कार्रवाई पर बल देंगे. नवीनतम घटनाओं पर नज़र रखने, विशेषज्ञों से पूछताछ करने, या ज़मीनी स्तर पर बदलाव के कारक, एसडीजी पैरोकारों से मिलने के लिए, 18 से 22 सितम्बर तक एसडीजी मीडिया ज़ोन का दौरा करें.
राजघरानों से लेकर सुपरहीरो तक, एसडीजी समर्थकों के समूह के साथ जुड़े, जो दुनिया की ज़रूरतें पूरा करने में मदद करने के लिए, अपने समुदायों को प्रोत्साहित करेंगे.
महासागर को बचाने के लिए कार्रवाई के चार स्तरों पर ‘आलसी व्यक्ति की मार्गदर्शिका’ से कुछ दैनिक युक्तियाँ सीखें.
हर सितम्बर, #Act4SDGs के वैश्विक सप्ताह के दौरान, संयुक्त राष्ट्र एसडीजी कार्रवाई अभियान और साझीदार, कार्रवाई करने हेतु लाखों लोगों को जुटाते हैं.
मक़सद है: 2030 तक 1 अरब गतिविधियाँ. केवल वर्ष 2022 में ही, 14.2 करोड़ गतिविधियाँ देखने को मिलीं, जो अब तक का सबसे बड़ा वैश्विक सप्ताह रहा.
आप यहाँ बदलाव के अपने कार्य भी, हमारे वैश्विक मानचित्र पर पंजीकृत कर सकते हैं.
एसडीजी शिखर सम्मेलन और सर्वजन के लिए बेहतर दुनिया के निर्माण की दिशा में वैश्विक अभियान के बारे में समस्त जानकारी देने के लिए कुछ लिंक यहाँ दिए गए हैं:
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