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सम्पूर्ण वैश्विक दक्षिण में सहयोग – एसडीजी प्राप्ति की कुंजी

वर्ष 2022 में हुई, वैश्विक दक्षिण-दक्षिण विकास प्रदर्शनी के प्रतिभागी.
ESCAP Photo/Louise Lavaud
वर्ष 2022 में हुई, वैश्विक दक्षिण-दक्षिण विकास प्रदर्शनी के प्रतिभागी.

सम्पूर्ण वैश्विक दक्षिण में सहयोग – एसडीजी प्राप्ति की कुंजी

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक दक्षिण के देशों के दरम्यान मौजूदा सहयोग की महत्ता को रेखांकित करने के लिए, मंगलवार को, वार्षिक दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए वार्षिक दिवस मनाया है.

इस वर्ष इस दिवस की आधिकारिक थीम है – “एकजुटता, समता, और भागेदारी: सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) प्राप्ति के लिए दक्षिण-दक्षिण सहयोग का सदुपयोग.”

दक्षिण-दक्षिण सहयोग दरअसल, एकजुटता की एक ऐसी मिसाल है जिससे, राष्ट्रीय बेहतरी, राष्ट्रीय और सामूहिक आत्म-निर्भरता में योगदान होता है, साथ ही अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति भी होती है, जिनमें सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा भी शामिल है.

दो दिवसीय एसडीजी सम्मेलन से कुछ ही दिन पहले आयोजित इस दिवस को, वैश्विक दक्षिण के लिए, विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताओं पर ध्यान केन्द्रित करने और सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में ठोस कार्रवाई को तेज़ करने के लिए एक अवसर भी माना गया है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश का कहना है, “गहराई से गुँथी हुई चुनौतियों की हमारी दुनिया में, दक्षिण-दक्षिण सहयोग, एक उज्जवल भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभाता है.”

उनका कहना है, “दक्षिण-दक्षिण सहयोग के लिए यूएन दिवस, इस बात का एक शक्तिशाली अनुस्मारक है कि जब देश एकजुट होते हैं, तो वो बाधाओं पर पार पा सकते हैं और सतत विकास की गति बढ़ा सकते हैं.”

यूएन प्रमुख कहते हैं कि केवल एकजुटता के ज़रिए ही, साझा ख़ुशहाली की एक दुनिया बनाई जा सकती है, जहाँ सहयोग की कोई सीमा नहीं हो.

सामूहिक आत्मनिर्भरता

दक्षिण-दक्षिण सहयोग, असल में, वैश्विक दक्षिण के देशों के दरम्यान सहयोग के एक वृहद ढाँचे के माध्यम से, राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यावरणीय, और तकनीकी क्षेत्रों में किया जाता है.

विकासशील देश, दक्षिण-दक्षिण सहयोग के माध्यम से, ज्ञान, कौशल, विशेषज्ञता के साथ-साथ समन्वित प्रयासों के ज़रिए अपने विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के संसाधन साझा करते हैं.

एंतोनियो गुटेरेश का कहना है, “एकजुटता और विकासशील देशों के दरम्यान मज़बूत साझेदारियों से, जलवायु कार्रवाई से लेकर निर्धनता उन्मूलन तक, स्वास्थ्य देखभाल से लेकर शिक्षा तक, व्यापार से लेकर डिजिटलीकरण तक, एक अधिक समान और टिकाऊ दुनिया के लिए मार्ग प्रशस्त हो सकता है.”

यूएन महासचिव का कहना है, “आइए, दक्षिण-दक्षिण सहयोग का यूएन दिवस मनाते हुए, हम इस अवसर को, परिवर्तन, एकजुटता को मज़बूत करने, नवाचार, और आपसी समर्थन के लिए एक अति महत्वपूर्ण अवसर के रूप में मान्यता दें.”