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WMO: पूरे योरोप में ताप लहर गहराई, स्वास्थ्य जोखिम बढ़े

दुनिया भर में तापमान वृद्धि रिकॉर्ड स्तर पर देखी गई है, और उसके लिए मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन को ज़िम्मेदार समझा जा रहा है.
© Unsplash/Raphael Wild
दुनिया भर में तापमान वृद्धि रिकॉर्ड स्तर पर देखी गई है, और उसके लिए मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन को ज़िम्मेदार समझा जा रहा है.

WMO: पूरे योरोप में ताप लहर गहराई, स्वास्थ्य जोखिम बढ़े

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने मंगलवार को आगाह करते हुए कहा है कि उत्तरी गोलार्द्ध को अपनी चपेट में लेने वाली तापलहर से जुड़े ख़तरे अभी ख़त्म नहीं हुए हैं.

यूएन मौसम एजेंसी ने एक सावधानी जारी करते हुए ज़ोर दिया है कि ताप लहर, सर्वाधिक घातक प्राकृतिक आपदाओं में माने जाते हैं. 

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एजेंसी के वरिष्ठ ताप सलाहकार जॉन नाइर्न ने पत्रकारों को बताया है कि अत्यधिक उच्च तापमान, अपनी बारम्बारता, अवधि और सघनता में बढ़ने वाले हैं.

उन्होंने कहा, “रात के समय, बार-बार उच्च तापमान होना, मानव स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से ख़तरनाक है क्योंकि शरीर, लगातार गर्मी से राहत पाने में असमर्थ होता है. इसके कारण हृदय आघात और मृत्यु के अधिक मामले होते हैं.”

घातक प्रभाव

यूएन मौसम संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, योरोप में गत गर्मियों के मौसम के दौरान, अत्यधिक तापमान वृद्धि के कारण, लगभग 60 हज़ार अतिरिक्त लोगों की मौतें हुईं, जबकि महाद्वीप में प्रबल पूर्व चेतावनियाँ जारी की गईं थीं और स्वास्थ्य कार्रवाई योजनाएँ लागू की गई थीं.

विश्व मौसम संगठन (WMO) ने कहा है कि लम्बी अवधि तक रहने वाली उच्च तापमानों की स्थितियों का सामना करने के लिए, उपयुक्त ढाँचा बनाया जाना और जोखिमों के बारे में, निर्बल हालात वाले लोगों की जागरूकता बढ़ाया जाना, तत्काल बहुत ज़रूरी है.

मौसम एजेंसी ने ताप लहरों के कारण, एशिया, उत्तरी अफ़्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में भी, मौतें के बढ़े हुए जोखिम के बारे में आगाह किया है.

एजेंसी के वरिष्ठ ताप सलाहकार जॉन नाइर्न ने कहा है, “बढ़े हुए या तेज़ गति से होते नगरीकरण, अत्यधिक उच्च तापमान वृद्धियों और बुज़ुर्ग आबादी के कारण तापवृद्धि, एक तेज़ गति से बढ़ता स्वास्थ्य जोखिम है.”

विश्व मौसम संगठन के अनुसार, इस वर्ष की अत्यधिक व्यापक दायरे वाली और सघन ताप लहरें, बेहद चिन्ताजनक हैं, मगर वो अनपेक्षित नहीं हैं क्योंकि वो पूर्वानुमानों के अनुसार ही हैं.

जलवायु परिवर्तन चरम स्थितियाँ

जॉन नाइर्न ने ज़ोर देकर कहा कि झुलसा देने वाले हालात, अतीत में मौसम की कोई सामान्य स्थितियाँ नहीं रही हैं, बल्कि वो जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप हमारे सामने हैं.

उन्होंने कहा, “उत्तरी ध्रुव क्षेत्र में हिम पिघल रहा है और उसके कारण ये तापमान वृद्धि हो रही है, जोकि कुछ समय तक जारी रहेगी.”

WMO के विशेषज्ञ जॉन नाइर्न ने कहा कि हाल ही में घोषित अल नीनो कारक से, अत्यन्त गरम घटनाओं की बारम्बारता और सघनता, और भी बढ़ने की अपेक्षा है. “और उन घटनाओं के, मानव स्वास्थ्य और आजीविकाओं पर बहुत गम्भीर प्रभाव होने वाले हैं.”