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WMO: ‘जुलाई रिकॉर्ड पर सम्भवतः सर्वाधिक गर्म महीना’

वर्ष 2023 में, दुनिया भर में तापमान रिकॉर्ड ऊँचाई पर रहा है.
© Unsplash/Fabian Jones
वर्ष 2023 में, दुनिया भर में तापमान रिकॉर्ड ऊँचाई पर रहा है.

WMO: ‘जुलाई रिकॉर्ड पर सम्भवतः सर्वाधिक गर्म महीना’

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र के जलवायु वैज्ञानिकों ने गुरूवार को कहा है कि पूरे दक्षिणी योरोप और उत्तरी अफ़्रीका में, जंगली आगों का दायरा बढ़ा है, ऐसे में ये लगभग निश्चित है कि इस वर्ष का जुलाई महीना, रिकॉर्ड पर सबसे अधिक गर्म दर्ज होने वाला है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने भी इस चेतावनी को दोहराते हुए, न्यूयॉर्क में कहा है कि आने वाले कुछ दिनों को देखकर लगता है कि जुलाई 2023 महीना, उच्च तापमान के मामले में अभी तक के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर देगा.

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यूएन प्रमुख ने कहा कि परिणाम स्पष्ट होने के साथ-साथ त्रासद भी हैं: बच्चों को मानसूनी बारिश के पानी में बहते हुए देखा गया है, परिवार आग की लपटों से बचने के लिए भाग रहे हैं (और), कामगार, झुलसाने वाली गर्मी में अपने होश खो रहे हैं.

‘असाधारण और अभूतपूर्व’

जिनीवा में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और योरोपीय आयोग की कॉपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा के वैज्ञानिकों ने, जुलाई महीने की परिस्थितियों को, “अभूतपूर्व और असाधारण” क़रार दिया है. 

वैज्ञानिकों ने कहा कि नए आँकड़ों से मालूम होता है कि जुलाई महीने के तीन सप्ताह, अभी तक के रिकॉर्ड के अनुसार सबसे अधिक गर्म रहे हैं, और इनमें तीन सर्वाधिक गर्म दिन भी शामिल हैं.

समुद्री तापमान रिकॉर्ड

समुद्री तापमान भी, वर्ष के इस समय में रिकॉर्ड पर सबसे ऊँचे दर्ज किए गए हैं. ये चलन, लगभग अप्रैल के अन्त से जारी रहा है.

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की जलवायु सेवाओं के निदेशक क्रिस ह्यूइट ने कहा है कि वर्ष 2015 से 2022 के आठ साल, 173 वर्षों के आँकड़ों पर आधारित, रिकॉर्ड पर लगातार सबसे गर्म वर्ष रहे हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसी बहुत सम्भावना है कि वैश्विक औसत तापमान, पाँच में से कम से कम एक वर्ष के दौरान, 1.5 डिग्री सेल्सियस वृद्धि की सीमारेखा को पार कर जाएगा.

‘वैश्विक उबाल का दौर’

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने न्यूयॉर्क में मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में, उत्सर्जनों, जलवायु अनुकूलन और जलवायु वित्त पर वैश्विक कार्रवाई की ज़रूरत को रेखांकित किया.

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि “वैश्विक तापमान वृद्धि का दौर ख़त्म हो चुका है” और “वैश्विक उबाल के दौर ने दस्तक दे दी है.”

उन्होंने कहा कि वैसे तो जलवायु परिवर्तन जगज़ाहिर है, “हम अब भी बदतर स्थिति को रोक सकते हैं. मगर ऐसा करने के लिए हमें झुलसाने वाली गर्मी के वर्ष को, अत्यधिक ऊँची महत्वाकांक्षा के साल में तब्दील करना होगा.”