ब्रिटेन में रिकॉर्ड 40 डिग्री सेल्सियस तापमान, जलवायु परिवर्तन से सम्बद्ध

विश्व मौसम संगठन (WMO) ने सोमवार को कहा है कि ब्रिटेन में इस सप्ताह रिकॉर्ड 40 डिग्री या उससे भी अधिक असाधारण तापमान का स्तर, दरअसल मौजूदा वातावरण में, “मानव गतिविधियों से अप्रभावित प्राकृतिक वातावरण” की तुलना में 10 गुना ज़्यादा होने की सम्भावना है.
संगठन के एक वक्तव्य में ध्यान दिलाया गया है कि ब्रिटेन के मौसम कार्यालय ने पहली बार असाधारण गर्मी के लिये लाल चेतावनी जारी की है, और सोमवार व मंगलवार को तापमान रिकॉर्ड 40 डिग्री सेल्सियस (104 फ़ॉरेनहाइट) तक पहुँचने का अनुमान है.
For the first time temperatures of 40°C have been forecast in the UK and UK MetOffice has issued the first ever Red warning for exceptional #heatwave. In Portugal and Spain, temperatures have reached highs around 46 degrees Celsius. Details here👇https://t.co/S4R5we1xsD... pic.twitter.com/HK4EwESAc9
WMO
ब्रिटेन में अभी तक उच्चतम तापमान 38.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज है जो केवल तीन वर्ष पहले हुआ था.
ब्रिटेन के मौसम कार्यालय के मुख्य मौसम विज्ञानी पॉल गण्डर्सन का कहना है, “रात में भी तापमान असाधारण रूप से गर्म रहने की सम्भावना है, विशेष रूप से नगरीय क्षेत्रों में.”
“इस स्थिति का लोगों व ढाँचे पर बहुत व्यापक असर होने वाला है. इसलिये ये बहुत अहम है कि लोग गर्मी को ध्यान में रखते हुए ही अपने कार्यक्रम व योजनाएँ बनाएँ और अपनी दिनचर्या में बदलाव करें. इस स्तर की गर्मी के, स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव हो सकते हैं.”
विश्व मौसम संगठन के वैश्विक पर्यावरण निगरानी कार्यक्रम में वैज्ञानिक अधिकारी लोरेन्ज़ो लैबरेडॉर का कहना है कि गर्मी की ये लहर एक ढक्कन की तरह भी काम कर रही है जो वातावरण में मौजूद प्रदूषक तत्वों को यहीं रोके हुए हैं जिनमें कणिका तत्व (particulate matter) भी शामिल हैं. इसके परिणामस्वरूप वायु गुणवत्ता में गिरावट और विपरीत स्वास्थ्य प्रभावों के रूप में देखने को मिल रहे हैं, विशेष रूप से निर्बल हालात वाले लोगों के लिये.
ब्रिटेन के मौसम कार्यालय में जलवायु वैज्ञानिक डॉक्टर निकॉस क्रिस्टाइडिस ने कहा कि हाल के अध्ययन में पाया गया है कि ब्रिटेन में अत्यन्त गर्मी रहने की सम्भावना में बढ़ोत्तरी हुई है और इस सदी के दौरान ऐसा होते रहने का अनुमान है.
उनका कहना है, “जलवायु परिवर्तन ने ब्रिटेन में तापमान की चरम स्थिति को पहले ही प्रभावित कर दिया है. देश में 40 डिग्री सेल्सियस के स्तर को किसी भी वर्ष में पार कर जाने की सम्भावना भी तेज़ी से बढ़ रही है, और कार्बन उत्सर्जन के मौजूदा संकल्पों के बावजूद, मौजूदा सदी में हर 15 वर्षों के दौरान होते देखे जाएंगे.”
अत्यन्त चरम वाली गर्मी की घटनाएँ प्राकृतिक जलवायु में भिन्नताओं में होती हैं जो अन्ततः वैश्विक मौसम रुझानों में बदलावों के कारण होती हैं.
अलबत्ता विश्व मौसम संगठन (WMO) ने ध्यान दिलाया है कि हाल के दशकों के दौरान इस तरह की घटनाओं की बारम्बारता, अवधि और सघनता, स्पष्ट रूप से पृथ्वी ग्रह पर बढ़ते तापमान से जुड़ी हुई हैं, जिसके लिये मानव गतिविधियाँ को ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है.
योरोप के उत्तरी हिस्सों में इस असाधारण गर्मी की ख़बर, ऐसे समय में आई है जब योरोप के दक्षिण-पूर्व में भीषण जंगली आगें भड़की हैं, जिनके कारण सैकड़ों लोगों की मौत हुई है और हज़ारों लोगों को उनके घरों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.
पुर्तगाल में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है और देश के ज़्यादातर हिस्सों में लाल चेतावनियाँ जारी की गई हैं क्योंकि गर्म परिस्थितियों के कारण, जंगली आगें लगने का जोखिम भी बढ़ गया है.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को जर्मनी में एक उच्चस्तरीय जलवायु कार्यक्रम को दिये अपने वीडियो सन्देश में आगाह करते हुए कहा, “मानवता का आधा हिस्सा ख़तरे के दायरे में है” जो बाढ़ें, सूखा, भीषण तूफ़ान, और जंगली आगों का सामना कर रहा है.
एंतोनियो गुटेरश ने पीटर्सबर्ग में 40 देशों से आए मंत्रियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का लक्ष्य, नवम्बर 2021 में ग्लासगो में हुए यूएन जलवायु सम्मेलन कॉप26 के बाद से बहुत कमज़ोर हो चुका था, और अब तो इसकी धड़कन और भी ज़्यादा कमज़ोर हो गई है.
यूएन महासचिव ने कहा कि देश, हमारे सामूहिक भविष्य के लिये ज़िम्मेदारी लेने के बजाय, एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने में व्यस्त हैं.
उन्होंने तमाम देशों से भरोसा बहाल करने और फिर से एकजुट होने की पुकार भी लगाई.