जलवायु परिवर्तन: वर्ष 2021, सात सर्वाधिक गर्म वर्षों की सूची में शामिल
विश्व मौसम संगठन (WMO) ने बुधवार को कहा है कि वर्ष 2021, रिकॉर्ड में दर्ज सात सर्वाधिक गर्म वर्षों की सूची में शामिल हो गया है. साथ ही वर्ष 2021, लगातार सातवाँ ऐसा वर्ष रहा जिस दौरान वैश्विक तापमान, पूर्व - औद्योगिक स्तर की तुलना में, एक डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर रहा.
ध्यान रहे कि वैश्विक तापमान का ये स्तर, पेरिस जलवायु समझौते में निर्धारित की गई तापमान वृद्धि के बहुत नज़दीक पहुँच गया.
संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी (WMO) द्वारा एकत्र आँकड़ों से मालूम होता है कि अलबत्ता, औसत वैश्विक तापमान, 2020-2022 की ला नीना घटनाओं के कारण अस्थाई तौर पर कुछ ठण्डा भी हुआ, मगर वर्ष 2021 फिर भी, रिकॉर्ड में दर्ज सात सर्वाधिक गर्म वर्षों में से एक साबित हुआ.
मौसम एजेंसी का ये भी कहना है कि वातावरण में, ग्रीन हाउस गैसों के रिकॉर्ड उच्च स्तर के परिणाम स्वरूप, वैश्विक तापमान वृद्धि और दीर्घकालीन जलवायु परिवर्तन रुझान, ऐसे ही जारी रहने के अनुमान हैं.
वर्ष 2021 में औसत वैश्विक तापमान पूर्व औद्योगिक काल के स्तर से लगभग 1.11 डिग्री सेल्सियस ऊपर था. ध्यान रहे के पेरिस जलवायु सम्मेलन में तमाम देशों से वैश्विक तापमान वृद्धि को ठोस जलवायु कार्रवाई के ज़रिये, 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने का आहवान किया गया है.
विश्व मौसम संगठन का कहना है कि वर्ष 1980 के बाद से, हर एक दशक, उससे पूर्व दशक की तुलना में ज़्यादा गर्म रहा है और ये रुझान जारी रहने की सम्भावना है.
सर्वाधिक गर्म वर्ष, 2015 के बाद के समय में ही दर्ज किये गए हैं; सर्वाधिक वर्षों में शीर्ष पर 2016, 2019 और 2020 रहे हैं. वर्ष 2016 में, एक असाधारण मज़बूत ऐल नीनो घटना हुई जिसने, रिकॉर्ड वैश्विक औसत तापमान वृद्धि में योगदान किया.
अखण्डनीय रुझान
विश्व मौसम संगठन के महासचिव पैट्टेरी टालस का कहना है कि वर्ष 2021 को, कैनेडा में पूर्व रिकॉर्ड ध्वस्त करने वाले 50 डिग्री सेल्सियस तापमान के स्तर, अल्जीरिया के गर्म सहारा रेगिस्तान में असाधारण बारिश, और एशिया व योरोप में जानलेवा बाढ़, और अफ़्रीका व दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में सूखा पड़ने के लिये भी याद किया जाएगा.
पैट्टेरी टालस का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और मौसम सम्बन्धी दुर्घटनाओं का, हर एक महाद्वीप में समुदायों पर विनाशकारी व जीवन का रुख़ बदल देने वाला असर रहा है.
विश्व मौसम संगठन (WMO), विभिन्न वैश्विक एजेंसियों व संगठनों द्वारा तैयार किये गए आँकड़ों के आधार पर विश्लेषण करके अपनी रिपोर्ट तैयार करता है.
यूएन मौसम एजेंसी का कहना है कि तापमान सम्बन्धी ये आँकड़े, वर्ष 2021 के दौरान जलवायु की स्थिति पर तैयार की जाने वाली उसकी अन्तिम रिपोर्ट में शामिल किये जाएंगे, जो अप्रैल 2022 में जारी की जानी है.