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इसराइल-फ़लस्तीन: बढ़ती हिंसा से गहराई चिन्ता, नेताओं से संयम बरतने का आग्रह

पश्चिमी तट और पूर्वी येरूशेलम के बीच स्थित चेक प्वाइंट.
UN Photo/Shirin Yaseen
पश्चिमी तट और पूर्वी येरूशेलम के बीच स्थित चेक प्वाइंट.

इसराइल-फ़लस्तीन: बढ़ती हिंसा से गहराई चिन्ता, नेताओं से संयम बरतने का आग्रह

शान्ति और सुरक्षा

मध्य पूर्व के लिए संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी ने सचेत किया है कि इसराइलियों और फ़लस्तीनियों के बीच हिंसा को नियंत्रण में करने के लिए यदि जल्द निर्णायक क़दम नहीं उठाए गए, तो हालात के और अधिक बिगड़ने का ख़तरा है.

मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए यूएन के विशे, समन्वयक टॉर वैनेसलैंड ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि चयन, बिलकुल स्पष्ट है.

“या तो हिंसा और उकसावे के गर्त में धँसते रहा जाए, जिससे राजनैतिक निर्वात पनपेगा या फिर सृजनात्मक सम्वाद की ओर बढ़ा जाए, जोकि आशा व राजनैतिक क्षितिज का निर्माण करने के लिए ठोस क़दमों से जुड़ा हो.”

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उन्होंने इसराइली और फ़लस्तीनी नेताओं से आग्रह किया कि ठहरकर, विकल्पों पर फिर से विचार किया जाना होगा.

टॉर वैनेसलैंड ने क़ाबिज़ पश्चिमी तट के उत्तरी और मध्य इलाक़ों में हिंसक घटनाओं में हुई वृद्धि पर चेतावनी जारी की, जिनमें पिछले 13 दिनों में बड़ी संख्या में फ़लस्तीनी और इसराइली हताहत हुए हैं. 

उन्होंने सम्वेदनशील हालात का सामना करने वाले इलाक़ों (हॉटस्पॉट) का उल्लेख करते हुए कहा कि सैन्य कार्रवाई, पश्चिमी तट में हवाई हमले, झड़पें, हमले और बस्तियों के बाशिन्दों से जुड़ी हिंसक घटनाएँ, नाटकीय रूप से गम्भीर रूप धारण कर रही हैं. 

इसके अलावा, फ़लस्तीनियों द्वारा अत्याधुनिक हथियारों का पहले से कहीं इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनमें आईईडी विस्फोटक और इसराइल की ओर दागे जाने वाले रॉकेट हैं.

बताया गया है कि 20 से 25 जून की अवधि में, इसराइली बस्तियों के निवासियों ने फ़लस्तीनी गाँवों पर 28 हिंसक हमले किए हैं, जिनमें एक व्यक्ति की मौत हुई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं.

विशेष समन्वयक ने कहा कि क़ब्ज़ा करने वाली एक ताक़त के रूप में इसराइल को क़ाबिज़ इलाक़े में फ़लस्तीनियों और उनकी सम्पत्तियों की रक्षा सुनिश्चित किए जाने के दायित्व को निभाना होगा.

साथ ही, सभी हिंसक घटनाओं की त्वरित, स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी जाँच कराई जानी होगी. 

उन्होंने क्षोभ प्रकट किया कि इसराइली क़ब्ज़ा गहराने, बस्तियों का विस्तार होने, आम नागरिकों के विरुद्ध हिंसा होने और राजनैतिक क्षितिज की अनुपस्थिति में फ़लस्तीनियों और इसराइलियों, दोनों के लिए इस टकराव के निपटारे की आशाएँ धूमिल हो रही हैं.

अत्यधिक ख़तरनाक 

टॉर वैनेसलैंड ने सचेत किया कि उन्होंने जिस तेज़ी और गहनता से सुरक्षा हालात को बिगड़ते हुए देखा है, वह बेहद ख़तरनाक है. 

उन्होंने कहा कि मौजूदा घटनाक्रम से वृहद स्थिरता के लिए गम्भीर ख़तरा है और यह फ़लस्तीनी प्राधिकरण को कमज़ोर बनाता है.

इस वर्ष, मई में ग़ाज़ा में हालात बिगड़ने के बाद लागू हुए संघर्षविराम का पालन किया जा रहा है, मगर यह आशंका बनी हुई है कि पश्चिमी तट में घटनाक्रम की आँच, ग़ाज़ा पट्टी को भी अपने चपेट में ले सकती है.

साथ ही, उन्होंने फ़लस्तीनी प्राधिकरण की राजकोषीय व संस्थागत चुनौतियों पर चिन्ता व्यक्त की है, जोकि सहायता धनराशि के अभाव में और पैनी हो रही हैं, और बुनियादी सेवाओं पर असर पड़ रहा है.

टॉर वैनेसलैंड ने कहा कि यह सन्देह नहीं रहना चाहिए कि यदि दानदाताओं ने तत्काल अपने समर्थन को नहीं बढ़ाया तो ना फ़लस्तीनी प्राधिकरण और ना ही संयुक्त राष्ट्र के लिए मानवीय सहायता प्रयासों को आगे बढ़ाना सम्भव होगा.