ग़ाज़ा-इसराइल में युद्ध विराम का स्वागत
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – UNICEF ने तीन दिन तक भारी हिंसा जारी रहने के बाद ग़ाज़ा और इसराइल में युद्धविराम का स्वागत किया है.
यूएन बाल कोष ने एक वक्तव्य में कहा है कि इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा पट्टी में इस हिंसा में 15 बच्चे मारे गए और ख़बरों के अनुसार, लगभग 150 घायल हो गए.
“UNICEF welcomes the ceasefire in the Gaza Strip and Israel after three days of heavy violence take heavy toll on children"Statement by @AdeleKhodr UNICEF Regional Directorhttps://t.co/Cl5KtbJvIT
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एजेंसी का कहना है “जब भी हिंसा बढ़ती है, सबसे ज़्यादा भारी क़ीमत बच्चों को चुकानी पड़ती है. इन आँकड़ों से आगे की बात करें तो वो युवा ज़िन्दगियाँ हैं. ये ज़िन्दगियाँ बीच में ही ख़त्म कर दी गईं.”
यूएन एजेंसी ने कहा कि इस तरह के तनाव वृद्धि के प्रभाव बहुत भारी होते हैं, और युद्धविराम लागू होने के बाद तक भी जारी रहते हैं. इस स्थिति में बच्चों की, अपने अधिकारों का प्रयोग करने की सामर्थ्य प्रभावित होती है और बच्चे व परिवार जोखिमों के दायरे में बने रहते हैं.
एजेंसी के अनुसार, कुछ बच्चों के लिये तो पिछले 15 महीनों के दौरान ये पाँचवाँ संघर्ष था. लगातार हिंसा की चपेट में रहने के कारण, बहुत से बच्चे तो पहले ही दीर्घकालीन मनोवैज्ञानिक प्रभावों में जीवन जी रहे हैं.
सहायता व स्कूल शिक्षा
एजेंसी ने बताया है कि ग़ाज़ा पट्टी इलाक़े में ईंधन की कमी के कारण बिजली आपूर्ति प्रतिदिन केवल चार घण्टों के लिये सीमित हो गई है, जिससे ज़रूरी व जीवन-रक्षक सेवाएँ प्रभावित हो रही हैं.
प्रभावित हो रही सेवाओं में कुँओं व जलशुद्धि संयंत्रों से जल आपूर्ति बाधित होना भी शामिल है जिससे सुरक्षित व स्वच्छ पानी की उपलब्धता के बारे में चिन्ताएँ उठ रही हैं.
यूनीसेफ़ ने सोमवार को ग़ाज़ा में ईंधन की खेप पहुँचने का स्वागत किया है और ग़ाज़ा पट्टी में इस तरह की अति महत्वपूर्ण मानवीय सहायता और ज़्यादा मात्रा में पहुँचाने की पुकार लगाई है.
यूनीसेफ़ धरातल पर अपनी साझीदार एजेंसियों की मदद से, आपदा स्वास्थ्य सामग्री पहुँचाने में सक्रिय है जो 50 हज़ार से ज़्यादा प्रभावित लोगों के लिये पर्याप्त है.
एजेंसी ने कहा है कि प्रभावित लोगों को मानसिक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक सहायता मुहैया कराई जा रही है.
यूनीसेफ़ एजेंसी अपनी साझीदार एजेंसियों के साथ मिलकर, सभी बच्चों को अगस्त के अन्त तक सुरक्षित तरीक़े से स्कूलों में जाने के लिये भी प्रबन्ध कर रही है.
“यूनीसेफ़ एक बार फिर तमाम पक्षों से, दशकों से चले आ रहे संघर्ष का, बच्चों और उनके भविष्य की ख़ातिर, एक दीर्घकालीन राजनैतिक व शान्तिपूर्ण समाधान तलाश करने का आहवान किया है.”