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हेती: आधी आबादी पर खाद्य असुरक्षा का गम्भीर संकट

हेती में अनेक स्कूली बच्चों को संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित भोजन मिलता है.
© UNICEF/Georges Harry Rouzier
हेती में अनेक स्कूली बच्चों को संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित भोजन मिलता है.

हेती: आधी आबादी पर खाद्य असुरक्षा का गम्भीर संकट

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र और साझीदार संगठनों की एक नई रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि हेती में, 49 लाख लोग यानि देश की लगभग आधी आबादी, गम्भीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं.

रविवार को प्रकाशित खाद्य सुरक्षा के इस नवीनतम विश्लेषण (IPC) में बताया गया है कि प्रभावित लोगों की कुल संख्या में लगभग 18 लाख लोग, ज़रूरतों के आपदा-स्तर चरण का सामना कर रहें हैं.

इस रिपोर्ट के एक वैश्विक साझीदार - खाद्य एवं कृषि संगठन ( FAO) के अनुसार, इस स्थिति का मतलब है कि परिवारों को अपनी भोजन ज़रूरतों और उपलब्धता के बीच भारी खाई का सामना करना पड़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अत्यन्त गम्भीर कुपोषण और उच्च मृत्यु दर के हालात हैं. या फिर उन परिवारों को अपनी खाद्य ज़रूरतें पूरी करने के लिए, नकारात्मक तरीक़े अपनाने पड़ रहे हैं, मसलन अपनी सम्पदाओं को बेचना या फिर बीजों को बोने के बजाय, उन्हें खा लेना, जिससे उनकी निर्बलता और बढ़ती है.

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संगठन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि हेती की 75 प्रतिशत आबादी, ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. ज़िन्दगियों की रक्षा हेतु और अतिसंवेदनशील हालात का सामना कर रहे किसानों की, कृषि आजीविकाओं को बहाल करने के लिए तत्काल उपायों की आवश्यकता है.

बाज़ार बागवानी को समर्थन

खाद्य एवं कृषि संगठन ने 2023 की मानवीय सहायता योजना के तहत, सात लाख लोगों के लिए खाद्य उपलब्धता बेहतर बनाने के लिए, 61 लाख, 70 हज़ार डॉलर की राशि जुटाने की अपील की है.

ही मवेशियों की रक्षा के लिए चिकित्सा उपचार व वैक्सीन के क्षेत्र में भी मदद पहुँचाई जाएगी.

वर्ष 2023 के दौरान ऐसी अनिवार्य ख़ुराक और सब्ज़ी उत्पादन बढ़ाने के लिए, बीज और उर्वरक जैसी कृषि सामग्रियों की उपलब्धता पर ध्यान दिया जाएगा. साथ ही मवेशियों की देखभाल के लिए चिकित्सा उपचार व वैक्सीन के ज़रिए मदद की जाएगी.

खाद्य अभाव के इलाक़े

दुनिया भर में फैले हुए 18 “हॉटस्पॉट” में भूख की समस्या बद से बदतर हो जाने की आशंका है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और खाद्य एवं कृषि संगठन की सोमवार को प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर के 18 गम्भीर इलाक़ों में, गम्भीर खाद्य असुरक्षा के स्तर और तीव्रता में बढ़ोत्तरी होने की सम्भावना है.

रिपोर्ट दर्शाती है कि इन अनेक संवेदनशील क्षेत्रों में खाद्य असुरक्षा बढ़ रही है और ऐसे चिन्ताजनक कारकों को भी रेखांकित किया गया है जो गम्भीर खाद्य असुरक्षा पर एक साथ और अनेक तरह के प्रभाव डाल रहे हैं. जारी संघर्ष, चरम जलवायु परिस्थितियाँ और आर्थिक झटके, अधिक से अधिक समुदायों को संकटों में धकेल रहे हैं.

रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि बुरकीना फ़ासो, माली, सूडान और हेती को, उच्चतम चिन्ताजनक हालात की श्रेणी में शामिल किया गया है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा है कि खाद्य असुरक्षा वाले सभी अति संवेदनशील इलाक़ों में समुदाय, भूखे पेट रहने के हालात में धकेल दिए जाने का सामना कर रहे हैं, या फिर चूँकि वो पहले ही गम्भीर परिस्थितियों से दो-चार हैं तो और भी विनाशकारी परिस्थितियों में चले जाने के कगार पर हैं.

रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि इन हॉटस्पॉट्स पर तत्काल कार्रवाई करने की ज़रूरत है.

रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि खाद्य असुरक्षा के इन अति संवेदनशील क्षेत्रों पर तत्काल ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है.