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खाद्य असुरक्षा से सर्वाधिक प्रभावित, 18 ‘हॉटस्पॉट’ में भूख संकट गहराने की आशंका

देश में चल रही हिंसा के परिणामस्वरूप आने वाले महीनों में सूडान में 20 लाख से अधिक लोगों के भूख से मरने की आशंका है.
© WFP/Peter Louis
देश में चल रही हिंसा के परिणामस्वरूप आने वाले महीनों में सूडान में 20 लाख से अधिक लोगों के भूख से मरने की आशंका है.

खाद्य असुरक्षा से सर्वाधिक प्रभावित, 18 ‘हॉटस्पॉट’ में भूख संकट गहराने की आशंका

मानवीय सहायता

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (UNFAO) ने सोमवार को प्रकाशित अपनी एक नई रिपोर्ट में चेतावनी जारी की है कि दुनिया के 22 देशों में फैले हुए 18 क्षेत्रों में भूख की समस्या बद से बदतर हो जाने की आशंका है. यूएन एजेंसियों ने इन 18 क्षेत्रों को खाद्य असुरक्षा के नज़रिये से हॉटस्पॉट क़रार दिया है.  

रिपोर्ट के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान, नाइजीरिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान और यमन में पहले से ही सबसे चिन्ताजनक हालात हैं, और अब सूडान, बुरकिना फ़ासो, हेती, माली भी इस सूची में शामिल हो गए हैं.

यूएन विशेषज्ञों ने मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, केनया, पाकिस्तान, सीरिया के साथ-साथ म्याँमार में हालात पर भी गम्भीर चिन्ता व्यक्त की है.

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इन देशों में बड़ी संख्या में लोगों को खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है, और वहाँ मौजूदा परिस्थितियों के कारण आने वाले समय में उनकी ज़िन्दगियों के लिए जोखिम पैदा हो सकता है.

अन्य हॉटस्पॉट में लेबनान, मलावी, ऐल सल्वाडोर, ग्वाटेमाला, होन्डुरस और निकारागुआ हैं.

इसके अलावा, अल नीन्यो नामक जलवायु रुझान के कारण सम्वेदनशील परिस्थितियों का सामना करने वाले देशों में जलवायु चरम स्थिति की आशंका है. इस रुझान के कारण मध्य और पूर्वी प्रशान्त महासागर में सतह का तापमान बढ़ जाता है.

यूएन एजेंसियों की इस रिपोर्ट में जीवन और आजीविका की रक्षा और भुखमरी व जनहानि को टालने के लिए तत्काल मानवीय सहायता कार्रवाई की पुकार लगाई गई है.

खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक डोन्ग्यू क्यू ने कृषि सैक्टर में तत्काल उपायों की आवश्यकता को रेखांकित किया है, ताकि लोगों को भुखमरी के कगार से वापिस लाना और खाद्य असुरक्षा के बुनियादी कारणों से निपटना सम्भव हो सके.

बदतरीन हालात

विश्व खाद्य कार्यक्रम की कार्यकारी निदेशक सिंडी मैक्केन ने कहा कि विश्व भर में ना केवल पहले से अधिक क्षेत्रों में लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है, बल्कि भूख की गम्भीरता भी पहले से कहीं अधिक है.

सूडान में हिंसक टकराव के कारण विस्थापन और भूख की समस्या और गहरी हुई है. 10 लाख से अधिक आम नागरिक और शरणार्थियों के देश छोड़कर जाने की आशंका है, जबकि आगामी महीनों में देश की सीमाओं के भीतर 25 लाख अतिरिक्त लोगों के समक्ष गम्भीर भूख की चुनौती होगी.

रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि इस संकट के प्रभाव पड़ोसी देशों में भी पहुँचने की आशंका है, और यदि हिंसक टकराव जारी रहा, तो इससे विस्थापन और व्यापार व मानवीय सहायता प्रयासों पर भी असर होगा.

इस बीच, सभी हॉटस्पॉट में आर्थिक झटकों और दबाव से भूख की समस्या प्रबल रूप धारण कर रही है, जिसकी मुख्य वजह कोविड-19 महामारी और यूक्रेन में युद्ध है.

यूएन एजेंसियों ने बताया कि इन सभी क्षेत्रों में समुदायों के सामने या तो भुखमरी है या फिर उन्हें इसका जोखिम झेलना पड़ रहा है. इन देशों में आपात स्तर की खाद्य असुरक्षा की वजह से तत्काल राहत प्रयासों में तेज़ी लाए जाने पर बल दिया गया है.