मानवाधिकार परिषद का सत्र, विभिन्न देशों पर प्रस्तावों के साथ सम्पन्न
संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद का मौजूदा सत्र विभिन्न देशों में मानवाधिकार स्थितियों पर प्रस्ताव पारित करने के साथ मंगलवार को सम्पन्न हो गया है, जिनमें हेती, ईरान, बेलारूस, सीरिया, यूक्रेन, उत्तर कोरिया और म्याँमार जैसे देशों पर प्रस्ताव प्रमुख हैं.
मानवाधिकार परिषद ने मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित करके, हेती के लिए एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ की नियुक्ति का आहवान किया है. ये आहवान हेती में घातक हिंसा जारी रहने के मद्देनज़र किया गया है जिसने काफ़ी समय से देश को अपनी जकड़ में ले रखा है और आजीविकाएँ जोखिम में पड़ गई हैं, जिसने देश की लगभग आधी आबादी को खाद्य अभाव यानि भुखमरी के निकट धकेल दिया है.
Meeting summary | Human Rights Council Adopts Eight Resolutions, Extends Mandates on Sale and Sexual Exploitation of Children, Iran, Democratic People’s Republic of Korea, Belarus, and Syria.
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मानवाधिकार परिषद ने 1995 में हेती के लिए एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ शासनादेश स्थापित किया था जिसे 2017 में समाप्त कर दिया गया था.
हेती पर ये ताज़ा प्रस्ताव इसी देश ने प्रस्तुत किया था जिसमें “समन्वित और लक्षित अन्तरराष्ट्रीय कार्रवाई” का आहवान किया गया है.
देशों की विशिष्ट परिस्थितियाँ
मानवाधिकार परिषद यूएन महासभा की एक सहायक संस्था है और यह अपने शासनादेश के अन्तर्गत, विभिन्न देशों में मानवाधिकार हनन की परिस्थितियों की जाँच-पड़ताल करती है.
मानवाधिकार परिषद के इस सत्र में मंगलवार को ईरान, बेलारूस, सीरिया और यूक्रेन में मानवाधिकार परिस्थितियों पर प्रस्ताव पारित करने के पक्ष में मतदान किया गया.
कोरिया लोकतांत्रिक जन गणराज्य (उत्तर कोरिया) और म्याँमार में मानवाधिकार उल्लंघन की परिस्थितियों पर प्रस्ताव, मतदान के बिना ही पारित किए गए.
पर्यावरण के लिए गति
परिषद ने मंगलवार को ही, एक स्वच्छ, स्वस्थ और टिकाऊ पर्यावरण के अधिकार के इर्द-गिर्द अन्तरराष्ट्रीय सहमति को मज़बूत करने पर भी सहमति व्यक्त की है. इस बारे में भी एक प्रस्ताव, मतदान के बिना ही पारित हो गया.
इस प्रस्ताव में देशों से पर्यावरण चुनौतियों का सामना करने के दौरान मानवाधिकारों का सम्मान किए जाने की गारंटी सुनिश्चित करने की पुकार लगाई गई है. साथ ही पर्यावरण कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हरित मुद्दों पर एक प्रभावकारी उपचार सहित, न्याय तक पहुँच उपलब्ध कराने का भी आहवान किया गया है.
47 सदस्यों वाली इस परिषद में, अतीत में भी पर्यावरण पर प्रस्ताव पारित किए गए हैं. ये नवीनतम प्रस्ताव मानवाधिकार परिषद और यूएन महासभा के 2021 व 2022 में सहमत हुए दो ऐतिहासिक प्रस्तावों की बुनियाद पर आधारित है, जिनमें एक स्वच्छ, स्वस्थ और टिकाऊ पर्यावरण को पहल बार, एक सार्वभौमिक अधिकार के रूप में रेखांकित किया गया था.
यूएन महासभा ने गत सप्ताह ही, एक अन्य ऐतिहासिक निर्णय में, अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) से, देशों की जलवायु परिवर्तन सम्बन्धी क़ानूनी ज़िम्मेदारियों पर भी निर्णय सुनाने का आहवान किया था, जिससे जलवायु न्यायालय के लिए एक क़ानूनी आधार बनाने की तरफ़ एक वैश्विक गति बनेगी.
40 से अधिक प्रस्ताव
मानवाधिकार परिषद के इस साढ़े पाँच सप्ताह चले सत्र में, 47 देशों ने कुल 43 प्रस्तावों पर कार्रवाई की है.
परिषद में सोमवार को दक्षिण सूडान में मानवाधिकार आयोग का शासनादेश, एक और वर्ष के लिए बढ़ाने के समर्थन में मतदान किया. सोमवार को ही इस आयोग की नवीनतम रिपोर्ट जारी की गई जिसमें आम लोगों के ख़िलाफ़ मानवाधिकार हनन के मामलों में भयावह रूप से बढ़ती दंडमुक्ति को रेखांकित किया गया.
मानवाधिकार परिषद ने निकारागुआ पर मानवाधिकार विशेषज्ञों के एक समूह के शासनादेश को भी दो वर्ष के लिए बढ़ाने पर मतदान किया है. तीन सदस्यों वाले इस समूह ने अप्रैल के आरम्भ में आगाह किया था कि निकारागुआ की सरकार, राजनैतिक असहमति पर दमन के हिस्से के रूप में, मानवता के विरुद्ध अपराधों को अंजाम दे रही है.
सहमति व संवाद
मानवाधिकार पैरोकारों, अल्पसंख्यकों के मुद्दों, उत्पीड़न, विचार और मत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, समुचित आवास, प्रवासी जन के साथ-साथ, बच्चों की बिक्री, उनके यौन शोषण व यौन दुर्व्यवहार पर शासनादेश भी, सहमति से आगे बढ़ाए गए हैं.
मानवाधिकार परिषद का ये सत्र 28 फ़रवरी को शुरू हुआ था जिसके आरम्भ में, यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने परिषद के सदस्य देशों से, मानवाधिकारों के सार्वभौमिक घोषणा-पत्र की 75वीं वर्षगाँठ के साल में, एकजुटता और ठोस संवाद के ज़रिए मतभेदों पर पार पाने और तमाम भूराजनैतिक विभाजनों से ऊपर उठकर, काम करने का आहवान किया था, जिसमें हर देश और सर्वजन की आवश्यकताओं को आगे बढ़ाने का स्पष्ट दृष्टिकोण निहित हो.