वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

ईरान

यूक्रेन में स्थित ज़ैपोरिझझिया परमाणु ऊर्जा केन्द्र पर, विशेषज्ञों की एक टीम.
© IAEA/Fredrik Dahl

IAEA ने ईरान, सीरिया, यूक्रेन को बताया प्रमुख वैश्विक परमाणु इम्तेहान

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी एजेंसी - IAEA ने आगाह किया है कि यूक्रेन के युद्धग्रस्त बिजली संयंत्रों से लेकर ईरान के अनसुलझे सुरक्षा उपायों और सीरिया में नए सिरे से निरीक्षण प्रयासों तक जैसे बढ़ते परमाणु जोखिम, वैश्विक परमाणु अप्रसार व्यवस्था की ऐसी परीक्षा ले रहे हैं, जो पहले कभी नहीं देखी गई.

सुरक्षा परिषद की बैठक.
UN Photo/Laura Jarriel

ईरान पर प्रतिबन्धों की वापसी, ढील को आगे बढ़ाने वाला प्रस्ताव मसौदा नाकाम

ईरान को, 2015 के परमाणु समझौते के तहत प्रतिबन्धों से मिली राहत को आगे बढ़ाने की पेशकश करने वाला एक प्रस्ताव शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पारित नहीं हो सका है.

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतान्याहू ने, शुक्रवार, 26 सितम्बर (2025) को, जनरल डिबेट को सम्बोधित किया.
UN Photo/Loey Felipe

UNGA80: इसराइल ने ‘अपने सबसे काले दिन’ से उबरकर, मज़बूत वापसी की, नेतनयाहू

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतनयाहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा है कि इसराइल ने "अपने सबसे काले दिन" से उबरकर "इतिहास की सबसे शानदार सैन्य वापसी" की है. उन्होंने घोषणा की कि उनका देश तब तक चैन से नहीं बैठेगा जब तक हमास का सफ़ाया नहीं हो जाता और बन्धकों को रिहा नहीं कर दिया जाता.

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियाँ ने, जनरल डिबेट को सम्बोधित करते हुए, परमाणु हथियार नहीं बनाने का इरादा दोहराया.
UN Photo/Loey Felipe

UNGA80: 'ईरान ने कभी परमाणु बम बनाने की कोशिश नहीं की और न ही कभी करेगा,' राष्ट्रपति

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियाँ ने कहा है कि उनके देश का परमाणु बम बनाने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने बुधवार को यूएन महासभा के 80वें सत्र की जनरल डिबेट सम्बोधित करते हुए, सभी लोगों के बीच समानता और परस्पर सम्मान के महत्व पर ज़ोर दिया.

ऑस्ट्रिया में यूएन परमाणु एजेंसी की प्लूटोनियम प्रयोगशाला में, एक कर्मचारी वहाँ रखी सामग्री का विश्लेषण कर रही है.
© IAEA

ईरान में परमाणु केन्द्रों की निरीक्षण व्यवस्था पर एक नए समझौते की घोषणा

अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) का कहना है कि ईरान में परमाणु संयंत्रों व प्रतिष्ठानों के निरीक्षण में आपसी सहयोग को फिर से शुरू करने के लिए एक समझौता हुआ है. 

अफ़ग़ानिस्तान में लड़कियों को माध्यमिक स्तर की शिक्षा से दूर कर दिया गया है.
© UNICEF/Osman Khayyam

अफ़ग़ानिस्तान वापिस लौट रही महिलाओं के लिए बढ़ते ख़तरों की चेतावनी

ईरान और पाकिस्तान से, अफ़ग़ानिस्तान वापिस लौट रहीं महिलाओं और लड़कियों को अनेक तरह के गम्भीर ख़तरों का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें तुरन्त व दीर्घकालिक सहायता की सख़्त ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया है. 

जनवरी से अब तक 13 लाख से अधिक लोगों को मजबूरी में अफ़ग़ानिस्तान लौटना पड़ा है.
UNAMA

UNHCR: पाकिस्तान से अफ़ग़ान शरणार्थियों को जबरन वापिस नहीं भेजने की अपील

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी – UNHCR ने, पाकिस्तान से उन अफ़ग़ान शरणार्थियों को जबरन वापस नहीं भेजने का आहवान किया है जिनके पास इस एजेंसी द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र (POR) कार्ड हैं.

ईरान से लौटते अफ़ग़ानों को अफ़ग़निस्तान में अस्थिरता का सामना करना पड़ रहा है.
UNAMA

अफ़ग़ानिस्तान में जबरन वापिस लौटे शरणार्थियों के साथ 'अत्याचार'

पाकिस्तान और ईरान से, अफ़ग़ानिस्तान में जबरन वापस भेजे गए लोगों के साथ अत्याचार किए जाने की दहला देने वाले मामले सामने आए हैं. संयुक्त राष्ट्र की गुरूवार को जारी एक रिपोर्ट में, स्वदेश वापिस लौटे अफ़ग़ान लोगों को देश में, गम्भीर मानवाधिकार उल्लंघनों का सामना करना पड़ा है. इनमें यातना, मनमानी गिरफ़्तारी, और जान से मारने की धमकियाँ शामिल हैं.

अफ़ग़ानिस्तान को वापिस लौटने वाले लोगों में, बहुत से लोग विकलांग, महिलाएँ, बच्चे और बुज़ुर्ग भी हैं.
Mehrab Afridi

अफ़ग़ानिस्तान लौटने वाली महिलाओं व बच्चों को सीमा पर ही मदद की पुकार

विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO ने ईरान और पाकिस्तान से अफ़ग़ानिस्तान वापिस लौटने वाले लोगों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य ज़रूरतों के बारे में गहरी चिन्ता व्यक्त की है और उन्हें सीमा पर ही मदद मुहैया कराए जाने का आहवान किया है.

अफ़ग़ानिस्तान-ईरान के सीमावर्ती इलाक़े इस्लाम क़ला पर पहुँचे अफ़ग़ान शरणार्थी.
© UNHCR/Faramarz Barzin

तालेबान से दमनकारी नीतियों को समाप्त करने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अफ़ग़ानिस्तान की बिगड़ती मानवीय, आर्थिक और मानवाधिकार स्थितियों पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए, तालेबान से दमनकारी नीतियों को वापस लेने व समावेशी शासन सुनिश्चित करने का आग्रह करने वाला एक प्रस्ताव भारी बहुमत से पारित किया है.