वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

बेलारूस

हेती में गैंग हिंसा के विरोध में, आम लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
© UNICEF/Roger LeMoyne and U.S. CDC

मानवाधिकार परिषद का सत्र, विभिन्न देशों पर प्रस्तावों के साथ सम्पन्न

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद का मौजूदा सत्र विभिन्न देशों में मानवाधिकार स्थितियों पर प्रस्ताव पारित करने के साथ मंगलवार को सम्पन्न हो गया है, जिनमें हेती, ईरान, बेलारूस, सीरिया, यूक्रेन, उत्तर कोरिया और म्याँमार जैसे देशों पर प्रस्ताव प्रमुख हैं.

यूएन मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र और ओलिम्पिक ध्वज फ़हराए गए. (फ़ाइल)
UN Photo/Evan Schneider

रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धाओं में प्रवेश देने पर विचार किए जाने की सराहना

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने अन्तरराष्ट्रीय खेलकूद प्रतिस्पर्धाओं में रूसी महासंघ और बेलारूस के खिलाड़ियों को ‘तटस्थ’ प्रतियोगियों के रूप में प्रवेश देने पर विचार करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (IOC) की सराहना की है.

बेलारूस में विवादित राष्ट्रपति चुनाव नतीजों के विरोध में प्रदर्शन. (फ़ाइल)
Kseniya Halubovich

बेलारूस: नोबेल पुरस्कार विजेता आलेस बियालियात्सकी पर मुक़दमा ‘राजनीति से प्रेरित’

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता और नोबेल शान्ति पुरस्कार विजेता, आलेस बियालियात्सकी पर मुक़दमे को राजनैतिक रूप से प्रेरित बताया है, और उन्हें रिहा किये जाने की मांग की है.  

नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में, नोबेल शान्ति केन्द्र
UN News/Anton Uspensky

नोबेल शान्ति पुरस्कार: ‘विजेताओं में शान्ति प्रोत्साहन में सिविल सोसायटी की शक्ति की झलक’

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने इस वर्ष के नोबेल शान्ति पुरस्कार विजेताओं को एक बधाई सन्देश में कहा है कि रूस, यूक्रेन और बेलारूस के ये मानवाधिकार पैरोकार, “लोकतंत्र की ऑक्सीजन” का प्रतिनिधित्व करते हैं.

बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में प्रदर्शनकारियों का एक दृश्य (फ़ाइल फ़ोटो)
Unsplash/Andrew Keymaster

'बेलारूस भय और मनमानेपन के माहौल में जकड़ा'

संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ अनाइस मैरिन ने आगाह करते हुए कहा है कि बेलारूस में मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति ने, देश को भय और मनमानी व्यवस्था की जकड़ में लेना जारी रखा हुआ है.

यूएन एजेंसियाँ और साझीदार संगठन पोलैण्ड और बेलारूस की सीमा पर फँसे शरणार्थियों व प्रवासियों तक आपात राहत पहुँचा रहे हैं.
© UNHCR/Katsiaryna Golubeva

पोलैण्ड-बेलारूस सीमा पर प्रवासी व शरणार्थी संकट सुलझाने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने पोलैण्ड और बेलारूस की सीमा पर जारी प्रवासी व शरणार्थी संकट पर चिन्ता जताते हुए, दोनों देशों से इसे सुलझाने का आग्रह किया है. यूएन एजेंसी ने कठिन हालात में फँसे शरणार्थियों और प्रवासियों के मानवाधिकारों की रक्षा किये जाने का आहवान किया है. 

बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में प्रदर्शनकारियों का एक दृश्य (फ़ाइल फ़ोटो)
Unsplash/Andrew Keymaster

बेलारूस: व्यापक मानवाधिकार हनन के बीच, सिविल सोसायटी पर 'चौतरफ़ा हमला'

बेलारूस में मानवाधिकारों की स्थिति की निगरानी के लिये नियुक्त स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ अनाइस मरीन ने सोमवार को कहा है कि देश में बीते वर्ष मानवाधिकार स्थिति का अभूतपूर्व संकट देखा गया है. उन्होंने साथ ही, देश में प्रशासन व अधिकारियों से दमन की नीति तुरन्त रोकने और देश के लोगों की वाजिब और जायज़ आकांक्षाओं का पूर्ण सम्मान करने का आहवान किया है.

हवाई अड्डे की ओर बढ़ रहा रायन एयर का विमान.
Unsplash/Fotis Christopoulos

बेलारूस: विमान को जबरन उतारे जाने व पत्रकार की गिरफ़्तारी पर गहरी चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बेलारूस में एक यात्री विमान को जबरन उतारे जाने और उसके बाद सरकार के विरुद्ध कथित रूप से मुखर पत्रकार को हिरासत में लिये जाने पर गहरी चिन्ता जताई है.

यूएन मानवाधिकार परिषद के एक सत्र का दृश्य
UN Photo/Jean-Marc Ferré

मानवाधिकार परिषद: बेलारूस, म्याँमार में मानवाधिकार हनन पर चिन्ता, प्रस्ताव पारित

स्विट्ज़रलैण्ड के जिनीवा में 47 सदस्य देशों वाली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने बुधवार को म्याँमार और बेलारूस पर प्रस्तावों को पारित किया है जिनमें इन देशों में बुनियादी अधिकारों के उल्लंघन की निन्दा की गई है. ग़ौरतलब है कि बेलारूस में अगस्त 2020 में विवादित राष्ट्रपति चुनावों और म्याँमार में हाल ही में सैन्य तख़्ता पलट के बाद, दोनों देशों में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिन्ता ज़ाहिर की जाती रही है. 

अन्तर-संसदीय संघ की अक्टूबर 2019 में सर्बिया के बेलग्रेड में बैठक हुई जिसमें दुनिया भर से सांसद एकत्र हुए.
IPU

चुनावी पृष्ठभूमि में विपक्षी सांसदों के मानवाधिकार हनन के आरोप

अन्तरराष्ट्रीय संसदीय संघ (IPU) ने विभिन्न देशों में चुनाव प्रक्रिया के दौरान सांसदों के मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों को अपने संज्ञान में लिया है. बेलारूस, वेनेज़ुएला, आइवरी कोस्ट और तंज़ानिया में चुनावों के सन्दर्भ में विपक्षी सांसदों के बुनियादी मानवाधिकारों – अभिव्यक्ति की आज़ादी, शान्तिपूर्ण ढँग से एकत्र होने और आवाजाही के अधिकार – पर गम्भीर पाबन्दियाँ लगाई गई हैं जिनके मद्देनज़र उनके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने का आहवान किया गया है.