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लीबिया: मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति, ज़मीनी वास्तविकता पर 'पैनी नज़र बनाए रखना ज़रूरी'

लीबिया के तरहुनाह में एक सामूहिक क़ब्र, जहाँ 50 से अधिक शव बरामद किए गए. (फ़ाइल)
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लीबिया के तरहुनाह में एक सामूहिक क़ब्र, जहाँ 50 से अधिक शव बरामद किए गए. (फ़ाइल)

लीबिया: मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति, ज़मीनी वास्तविकता पर 'पैनी नज़र बनाए रखना ज़रूरी'

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) प्रमुख वोल्कर टर्क ने ज़ोर देकर कहा है कि लीबिया में मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति, हथियारबन्द गुटों के बीच हिंसा, राजनैतिक गतिरोध और नागरिक समाज पर गहराते अंकुश के बीच, उनका कार्यालय देश में अपना कामकाज मज़बूती से जारी रखेगा.

ग़ौरतलब है कि मानवाधिकार परिषद द्वारा जून 2020 में स्थापित, स्वतंत्र तथ्य-खोज मिशन की अवधि समाप्त हो गई है, और इस टीम ने सभी दस्तावेज़, साक्ष्य व अन्य सम्बन्धित सामग्री यूएन मानवाधिकार कार्यालय को सौंप दी है.

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मानवाधिकार मामलों के लिए प्रमुख वोल्कर टर्क ने इस अवसर पर सचेत किया कि लीबियाई प्रशासन, सशस्त्र गुटों, तस्करों, मानव तस्करों को यह नहीं समझना चाहिए कि लीबिया, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की आँखों से दूर हो गया है.

“यह अहम है कि हम अतीत के उल्लंघनों पर जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए दोगुने प्रयास करें और भविष्य में हनन मामलों को रोकने के लिए ज़मीनी वास्तविकता पर निगरानी करते रहें.”

उन्होंने लीबिया में नागरिक समाज पर बढ़ते अंकुश के प्रति गहरी चिन्ता व्यक्त की, विशेष रूप से हाल ही में सरकार द्वारा जारी एक आदेश पर, जिसमें उन सभी राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय नागरिक समाज संगठनों को ग़ैरक़ानूनी क़रार दिया गया है, जिनका पंजीकरण वर्ष 2011 के बाद हुआ है.

स्वतंत्र तथ्य-खोज मिशन ने कुछ ही दिन पहले अपनी अन्तिम रिपोर्ट में चिन्ता जताई थी कि देश में मानवाधिकारों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, और सरकारी सुरक्षा बलों व सशस्त्र गुटों द्वारा विविध प्रकार के युद्धापराधों व मानवता के विरुद्ध अपराधों को अंजाम दिए जाने की आशंका है.

अहम अनुशन्साएँ

तथ्य-खोज मिशन ने यूएन मानवाधिकार परिषद से एक स्वतंत्र, अन्तरराष्ट्रीय जाँच तंत्र के गठन और यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय से एक अलग, स्वायत्त तंत्र स्थापित किए जाने की सिफ़ारिश की है, जिसका दायित्व देश में मानवाधिकार हनन के मामलों की निरन्तर निगरानी करने और सम्बन्धित जानकारी प्रदान करना होगा.

इसका उद्देश्य, देश में आपसी मेल-मिलाप और संक्रमणकालीन न्याय व जवाबदेही के लिए प्रयासों को मज़बूती प्रदान करना होगा. मानवाधिकार उच्चायुक्त ने इस अनुशन्सा के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है.

वोल्कर टर्क ने तथ्य-खोज मिशन की उस सिफ़ारिश का भी समर्थन किया है, जिसमें लीबियाई प्रशासन से बिना देरी किए, मानवाधिकार कार्ययोजना और संक्रमणकालीन न्याय के लिए एक व्यापक, पीड़ित-केन्द्रित रोडमैडप विकसित करने की बात कही गई है.

यूएन मानवाधिकार मामलों के प्रमुख ने भरोसा दिलाया कि उनका कार्यालय इस विषय में लीबियाई प्रशासन के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है.

उन्होंने देश में राष्ट्रीय चुनाव सम्पन्न कराए जाने और सतत शान्ति की दिशा में आगे क़दम उठाने की अहमियत को भी रेखांकित किया.

वोल्कर टर्क ने ध्यान दिलाया कि नागरिक समाज के सम्बन्ध में नियामन प्रक्रिया को, शान्तिपूर्ण ढंग से एकत्र होने समेत अन्य स्वतंत्रताओं का सम्मान करना होगा, और लीबिया के लिए एक अधिकार-आधारित भविष्य के इरादे से कार्यरत लोगों का दबाने या उनके काम को आपराधिक घोषित किए जाने से बचना होगा.