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मानवाधिकार परिषद

फ़लस्तीनी क्षेत्र - पश्चिमी तट के रामल्लाह में, एक फ़लस्तीनी झण्डा.
UN News

फ़लस्तीन: यातना की रोकथाम के लिए क़ानूनी उपाय मज़बूत करने की मांग

यातना की रोकथाम पर संयुक्त राष्ट्र की उपसमिति ने कहा है कि फ़लस्तीन में बन्दियों के साथ बुरे बर्ताव और उन्हें यातना दिए जाने की रोकथाम के लिए क़ानूनी रक्षा उपायों को बेहतर बनाए जाने की आवश्यकता है, विशेष रूप से हिरासत में रखे जाने के आरम्भिक दिनों में.

रूसी महासंघ में मानवाधिकार हनन मामलों की पड़ताल के लिए विशेष रैपोर्टेयर मरियाना कात्ज़ारोवा, जिनीवा में मानवाधिकार परिषद को सम्बोधित कर रही हैं.
UN News/Dominika Tomaszewska-Mortimer

रूस: 'मानवाधिकारों के लिए बिगड़ती स्थिति', व्यापक सुधार लागू किए जाने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने सचेत किया है कि पिछले वर्ष, यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से अब तक, रूसी महासंघ में मानवाधिकारों के लिए स्थिति और भी ख़राब हुई है.

जुलाई 2022 में आर्थिक संकट के दौरान, एक पेट्रोल स्टेशन पर ऑटोरिक्शा वाहनों की लम्बी क़तार.
© UNICEF/Weerasinghe

श्रीलंका: 2019 में हुए विस्फोटों और मानवाधिकार हनन मामलों की जाँच की मांग

मानवाधिकार मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र उपप्रमुख नाडा अल-नशीफ़ ने कहा है कि पिछले वर्ष श्रीलंका में बदलाव की मांग के साथ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, लेकिन उसके बावजूद देश में राजनैतिक और लोकतांत्रिक सुधारों को जगह नहीं मिली है.

म्याँमार की एक बस्ती का दृश्य.
Unsplash/Ajay Karpur

म्याँमार: मानवाधिकार जाँचकर्ताओं ने युद्धापराध मामलों पर जताई चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त स्वतंत्र मानवाधिकार जाँचकर्ताओं ने मानवाधिकार परिषद को बताया है कि म्याँमार में उग्र होती हिंसा के बीच आम लोग, सैन्य नेतृत्व द्वारा अंजाम दिए जा रहे भयावह अपराधों की पीड़ा भुगत रहे हैं.

यूएन का मानना है कि निजेर समेत अन्य देशों में हिंसक चरमपंथ फैलने की एक बड़ी वजह विकास का अभाव है.
© FAO/Luis Tato

मानवाधिकार: 'दमन और दरार की राजनीति' की आलोचना, आज़ादी और विकास के बीच की कड़ी पर बल

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने सोमवार को मानवाधिकार परिषद के 54वें सत्र के उदघाटन पर प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा है कि देशों को, विकास पथ पर आगे बढ़ने के लिए, अधिनायकवाद को ख़ारिज करना होगा और नागरिक समाज व बुनियादी अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जानी होगी.

पेरू में आदिवासी समुदाय अपनी आजीविका को मज़बूती देने के लिए जैविक ढंग से कॉफ़ी का उत्पादन कर रहे हैं.
© UNDP Peru

आदिवासी समुदायों के अधिकारों के विध्वंसकारी हनन को रोकना होगा, OHCHR प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने कहा है कि आदिवासी लोगों के पास प्राचीन ज्ञान का भंडार है, जिससे मानवता को पृथ्वी के संसाधनों के टिकाऊ इस्तेमाल की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है. इसके बावजूद, आदिवासी समुदायों के साथ भेदभाव होता है और उन्हें बहिष्करण का सामना करना पड़ता है. 

अफ़ग़ानिस्तान की एक मस्जिद में नमाज़ का दृश्य.
UNAMA/Barat Ali Batoor

स्वीडन में क़ुरआन की प्रति जलाए जाने की घटना पर अहम मानवाधिकार बैठक

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के प्रमुख वोल्कर टर्क ने जिनीवा में सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए, धार्मिक सहिष्णुता के लिए सम्मान सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया है. स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में, मुसलमानों की पवित्र धार्मिक पुस्तक क़ुरआन की प्रति जलाए जाने की घटना पर, पाकिस्तान के अनुरोध पर मंगलवार को मानवाधिकार परिषद की एक बैठक बुलाई गई.

ईरान की राजधानी तेहरान की एक सड़क पर हिजाब पहने हुए एक महिला.
Unsplash/Amir Hosseini

ईरान में मानवाधिकारों पर रिपोर्ट: रिकॉर्ड संख्या में मृत्युदंड, व्यापक पैमाने पर गिरफ़्तारियाँ

ईरान में मानवाधिकारों की स्थिति पर यूएन की नवीनतम रिपोर्ट में, देश में गम्भीर हालात को बयां किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में रिकॉर्ड संख्या में लोगों को मौत की सज़ा दी गई, हज़ारों बच्चों को गिरफ़्तार किया गया और सुरक्षा बलों द्वारा यातना व बुरे बर्ताव के अनेक मामले सामने आए.

मानवाधिकार मामलों के लिए यूएन प्रमुख वोल्कर टर्क ने मानवाधिकार परिषद के 53वें सत्र को सम्बोधित किया.
© UN Human Rights/Petre Oprea

अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार व्यवस्था के साथ मज़बूत सहयोग अहम, OHCHR प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने सोमवार को मानवाधिकार परिषद के 53वें नियमित सत्र को सम्बोधित करते हुए सचेत किया है कि अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार व्यवस्था के साथ मज़बूत सहयोग के अभाव में देशों के लिए दिशाहीनता पनप सकती है. 

अफ़ग़ानिस्तान के एक गाँव में एक नर्स एक सचल स्वास्थ्य केन्द्र में परिवारों को पोषण सहायता प्रदान कर रही है.
© UNOCHA/Charlotte Cans

अफ़ग़ानिस्तान: महिला अधिकारों के लिए भेदभावपूर्ण माहौल व सख़्त पाबन्दियों पर चिन्ता

अफ़ग़ानिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति पर जारी एक नई रिपोर्ट के अनुसार देश में महिलाओं व लड़कियों के अधिकारों के लिए हालात विश्व में सबसे ख़राब है और उन्हें व्यवस्थागत ढंग से लैंगिक आधार पर भेदभाव व उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है.