सड़कों पर सोने के लिए मजबूर बच्चे, भूकम्प के बाद घर लौटने से भयभीत
संयुक्त राष्ट्र के राहत क़ाफ़िले सीरिया के पश्चिमोत्तर में भूकम्प प्रभावित इलाक़ों में, दो नए सड़क मार्गों के ज़रिए सहायता पहुँचाने के लिए तैयार हैं. इस बीच, यूएन एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि विनाशकारी आपदा में हज़ारों बच्चों के मारे जाने की आशंका है, जीवित बच गए बच्चे कठोर सर्दी में खुले या अस्थाई आश्रय स्थलों में रहने के लिए मजबूर हैं और लाखों सर्वाधिक निर्बलों के लिए तत्काल सहायता सुनिश्चित की जानी होगी.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) के प्रवक्ता जेम्स ऐल्डर ने बताया कि सत्यापित आँकड़ों के बिना भी यह स्पष्ट है कि मृतक और अनाथ हुए बच्चों की संख्या त्रासदीपूर्ण ढंग से बढ़ती रहेगी.
तुर्कीये में 10 प्रान्तों में रह रहे बच्चों की संख्या, इस आपदा से पहले 46 लाख और सीरिया में 25 लाख थी.
इस आपदा के आठ दिन बाद, मानवीय राहत एजेंसियों के प्रयास अब बचाव अभियान से हटकर पुनर्बहाली की ओर बढ़ रहे हैं.
यूनीसेफ़ प्रवक्ता ने चेतावनी दी है कि श्वसन तंत्र सम्बन्धी संक्रमणों और ठंड लग जाने के मामले बच्चों में बढ़ने की आशंका है, जिसके मद्देनज़र, उन्होंने सभी प्रभावितों के लिए एकजुटता दर्शाए जाने की अपील की है.
“हर किसी को, हर स्थान पर, और अधिक समर्थन, और अधिक सुरक्षित जल, और अधिक निवाच, और आश्रय स्थलों, और ईंधन, और दवाओं, और धनराशि की आवश्यकता है.”
“बच्चों वाले परिवर सड़कों, मॉल, मस्जिदों, स्कूलों, पुलों के नीचे सो रहे हैं, और अपने घर लौटते समय डर की वजह से खुले में रह रहे हैं.”
इस बीच, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने संयुक्त राष्ट्र के साथ सहमति जताई है कि सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़ों में राहत पहुँचाने के लए दो अन्य सीमा-चौकियों, बाब अल-सलाम और अल राइ को शुरुआत में तीन महीनों के लिए खोला जाएगा.
यूएन मानवीय राहत एजेंसियों ने इस ख़बर का स्वागत किया है, मगर साथ ही ज़ोर देकर कहा है कि सीरिया में सभी युद्धरत पक्षों से मानवीय राहतकर्मियों के लिए सुरक्षित मार्ग मुहैया कराए जाने की गारंटी सुनिश्चित की जानी होगी.
सीरिया में विश्व खाद्य कार्यक्रम के देशीय निदेशक केन क्रॉसली ने दमिश्क से जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि ज़रूरतमन्द लोगों तक पहुँचाने के लिए मानवीय राहत मार्ग की आवश्यकता होगी, फिर चाहे वे कहीं से भी हों, और उन तक चाहे किसी भी रास्ते से पहुँचा जाए.
यूएन एजेंसी अधिकारी ने इस आपात स्थिति से सीधे तौर पर प्रभावित लोगों तक राहत पहुँचाने के लिए, संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों से अवगत कराया.
उन्होंने कहा कि आपदा के कुछ ही घंटों बाद अस्थाई आश्रय स्थलों में लोगों के लिए गर्म भोजन और पहले से तैयार खाद्य सामग्री वितरित की गई.
“पश्चिमोत्तर सीरिया में लगभग 90 हज़ार लोगों को विशिष्ट खाद्य सहायता प्राप्त हो रही है, जोकि सीधे तौर पर भूकम्प के असर से सम्बन्धित है.”
केन क्रॉसली के अनुसार, इससे दोगुनी संख्या उन लोगों की है, जोकि हिंसक टकराव से प्रभावित हैं, और जिन्हें नियमित सहायता प्रदान की जा रही है.
सर्वजन के लिए राहत प्रयास
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने सीरिया में सरकारी नियंत्रण वाले इलाक़ों – अलेप्पो, हामा, लताकिया में अब तक 60 से 70 हज़ार लोगों को खाद्य सहायता प्रदान की है.
यह सहायता उन राहत प्रयासों से अलग है, जिसे इन्हीं इलाक़ों में संगठन के नियमित सहायता कार्यक्रमों के ज़रिए प्रदान किया जाता है.
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के अनुसार, मानवीय सहायता सामग्री से लदे 11 ट्रक, मंगलवार को सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में बाब अल-सलाम चौकी की ओर रवाना किए गए हैं, जो हाल ही में, फिर से खोली गई है.
इसके अलावा, चार अन्य ट्रक, तुर्कीये के ग़ाजियानतेप में स्थित सहायता केन्द्र से बाब अल-हावा की ओर रवाना हुए हैं.
यूएन के राहत क़ाफ़िले
ये नए क़ाफ़िले, उन 58 ट्रकों से अलग हैं, जिनमें हाल के दिनों में यूएन एजेंसियों की सहायता सामग्री रवाना की गई थी.
मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय (UN OCHA) ने बताया कि ये क़ाफ़िले 13 फ़रवरी को तुर्कीये से सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में पहुँचे हैं.
योरोपीय क्षेत्र के लिए यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के निदेशक डॉक्टर हान्स क्लूगे ने तुर्कीये के लिए अपनी नवीनतम रिपोर्ट में बताया कि इस आपदा में 31 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हुई है.
भूकम्प प्रभावित 10 दक्षिणी प्रान्तों में घायलों की संख्या क़रीब एक लाख तक पहुँच चुकी है.
डॉक्टर क्लूगे ने बताया कि तुर्कीये की सीमा के दूसरी ओर सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में, मृतक संख्या लगभग पाँच हज़ार है, मगर यह संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है.
निरन्तर बढ़ती ज़रूरतें
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अधिकारी ने ज़ोर देकर कहा कि विशाल स्तर पर आवश्यकताएँ, समय बीतने के साथ बढ़ती जा रही हैं.
भूकम्प से प्रभावित दोनों देशों में लगभग दो करोड़ 60 लाख लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने बताया है कि स्वास्थ्य समस्याओं को उभरने से रोकने के लिए रोकथाम प्रयासों को समर्थन दिया है, जिनमें सर्दी से बचाव, साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता की व्यवस्था और संक्रामक बीमारियों के प्रसार पर रोक लगाना है.
डॉक्टर क्लूगे ने बताया कि तुर्कीये में लगभग 10 लाख लोग बेघर हुए हैं, और वे फ़िलहाल अस्थाई शिविरों में रह रहे हैं.
तुर्कीये प्रशासन के अनुसार 80 हज़ार लोग अस्पतालों में भर्ती हैं, जिससे स्वास्थ्य प्रणाली पर भीषण दबाव है, जोकि पहले ही इस विनाशकारी आपदा से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है.