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भूकम्प

हवाई मार्ग से किए गए आरम्भिक आकलन के अनुसार, भूकम्प से व्यापक पैमाने पर क्षति होने की आशंका कम है.
© FAO

अफ़ग़ानिस्तान: उत्तरी हिस्से में आए भूकम्प के बाद, सहायता प्रयासों में जुटी यूएन एजेंसियाँ

अफ़ग़ानिस्तान के उत्तरी हिस्से में बीती रात एक शक्तिशाली भूकम्प में कम से कम 20 लोगों के मारे जाने और 100 से अधिक के घायल होने की ख़बर है. सोमवार को आए इस भूकम्प की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 6.3 आंकी गई, जिसके तुरन्त बाद यूएन एजेंसियाँ पीड़ितों तक मानवीय राहत पहुँचाने के लिए प्रयास कर रही हैं. 

पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में एक लड़की, 31 अगस्त को आए भूकम्प में ध्वस्त हुए अपने घर को देख रही है.
© UNICEF/Amin Meerzad

अफ़ग़ानिस्तान: तालेबान ने इंटरनैट सेवाओं पर कसा शिकंजा, सहायता प्रयास संकट में

अफ़ग़ानिस्तान में, अगस्त (2025) में भीषण भूकम्प से तबाह हुई दूरदराज़ बस्तियों तक राहत पहुँचाने के प्रयासों को अब एक और संकट का सामना करना पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने मंगलवार को बताया कि सत्तारूढ़ तालेबान द्वारा पूरे देश में इंटरनैट सेवाएँ बन्द करने के निर्णय ने, जीवनरक्षक सहायता कार्यों को गम्भीर रूप से प्रभावित किया है.

पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में भूकम्प से हुई बर्बादी के बाद स्थानीय समुदायों ने टैंट में शरण ली है.
UNOCHA/Ahmad Khalid Khaliqi

अफ़ग़ानिस्तान भूकम्प: महिलाओं व लड़कियों के लिए पहाड़ जैसी चुनौतियाँ, मामूली मदद

अफ़ग़ानिस्तान के पूर्वी हिस्से में आए भीषण भूकम्प से जान-माल की व्यापक बर्बादी हुई है, मगर महिलाओं व लड़कियों को इस आपदा की वजह से एक गहरी पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है. उनके समक्ष अपना जीवन फिर पटरी पर लाने व परिवार का भरण-पोषण करने की चुनौती है जबकि पर्याप्त सहायता उपलब्ध नहीं है.

इस्लाम क़ला सीमा के नज़दीक, वापिस लौट रहे लोग अफ़ग़ानिस्तान में प्रवेश कर रहे हैं.
© UN Women/Sayed Habib Bidell

अफ़ग़ानिस्तान: महिला सहायताकर्मियों पर पाबन्दी से, जीवनरक्षक सेवाओं पर गहरा असर

अफ़ग़ानिस्तान में आए भयावह भूकम्प से प्रभावित समुदायों तक राहत पहुँचाने के लिए मानवीय सहायता प्रयास जारी हैं, मगर संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों को कुछ अति-आवश्यक सेवाएँ रोकने के लिए भी मजबूर होना पड़ा है. देश में सत्तारूढ़ तालेबान प्रशासन द्वारा महिला यूएन कर्मचारियों पर पाबन्दी थोपे जाने की वजह से यह निर्णय लिया गया है.

यूएन मानवीय सहायता एजेंसी - OCHA की एक महिला स्टाफ़, नंगाहार प्रदेश में एक विस्थापित महिला के साथ बातचीत करते हुए.
© UNOCHA/Charlotte Cans

अफ़ग़ानिस्तान: महिला यूएन कर्मचारियों पर नई पाबन्दियाँ, सहायता प्रयासों पर जोखिम

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने चेतावनी दी है कि पूर्वी हिस्से में आए भूकम्प की वजह से, देश पहले से ही गम्भीर संकट का सामना कर रहा है और अब सत्तारूढ़ तालेबान द्वारा यूएन की महिला कर्मचारियों पर लगाए गए प्रतिबन्धों से हालात और बिगड़ सकते हैं. 

पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में भूकम्प से हुई बर्बादी के बाद स्थानीय समुदायों ने टैंट में शरण ली है.
UNOCHA/Ahmad Khalid Khaliqi

संकटग्रस्त अफ़ग़ानिस्तान में भूकम्प से बिगड़े हालात, राहत के लिए सहायता अपील

अफ़ग़ानिस्तान पहले से ही एक गम्भीर मानवीय संकट से जूझ रहा है और हाल ही में आए भूकम्प के बाद, परिस्थितियों के और बिगड़ने की आशंका है. विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने आगाह किया कि देश में खाद्य असुरक्षा व कुपोषण से पीड़ित लोगों की संख्या में उछाल आया है, मगर सहायता धनराशि की कमी की वजह से, उन तक राहत पहुँचाना कठिन साबित हो रहा है. इस बीच, यूनीसेफ़ ने भूकम्प प्रभावित दो लाख से अधिक बच्चों की सहायता के लिए, 2.2 करोड़ डॉलर की सहायता अपील जारी की है.

पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में भूकम्प से हुई बर्बादी के बाद स्थानीय समुदायों ने टैंट में शरण ली है.
UNOCHA/Ahmad Khalid Khaliqi

अफ़ग़ानिस्तान: बुनियादी ज़रूरतों और गुज़र-बसर के लिए संघर्ष कर रहे हैं भूकम्प पीड़ित

अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ अधिकारी ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि भूकम्प पीड़ितों की केवल तात्कालिक ज़रूरतें पूरी करने के लिए ही नहीं, बल्कि उनके भविष्य को फिर से सँवारने की क्षमता के लिए भी समर्थन दिया जाना होगा. उन्होंने सोमवार को देश के जलालाबाद शहर से भूकम्प के बाद उपजी स्थिति और मानवीय राहत प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि कुछ ही पलों के भीतर, परिवारों की ज़िन्दगियाँ तबाह हो गई. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में डॉक्टर अब्दुल मतीन सहक और उनकी टीम ने कुनार प्रान्त में भूकम्प से प्रभावित हुए लोगों से मुलाक़ात की और आपात स्वास्थ्य सेवाओं का आकलन किया.
© WHO

वो रात जब पहाड़ दहल उठे: अफ़ग़ानिस्तान में भूकम्प पीड़ितों की सेवा में जुटे एक डॉक्टर की आपबीती

मध्य रात्रि के क़रीब आए भूकम्प के पहले झटके ने ​डॉक्टर अब्दुल मतीन सहक को उनके बिस्तर से नीचे गिरा दिया. दूसरा तेज़ झटका महसूस होने के बाद, उन्होंने लपक कर अपना फ़ोन उठा लिया. ये 31 अगस्त को हुआ, जब पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान का पर्वतीय क्षेत्र रिक्टर पैमाने पर 6.0 की तीव्रता वाले भूकम्प से दहल उठा. उसके बाद भी रुक-रुककर अनेक झटके महसूस किए जाते रहे.

अफ़ग़ानिस्तान में भूकम्प की वजह से बड़े पैमाने पर बर्बादी हुई है, और दूरदराज में स्थित इलाक़े अधिक प्रभावित हुए हैं.
© UNICEF/Amin Meerzad

अफ़ग़ानिस्तान: भूकम्प प्रभावितों की ज़िन्दगियाँ लगी है दाँव पर, तत्काल समर्थन की पुकार

अफ़ग़ानिस्तान में भूकम्प से हुई तबाही और गहराते मानवीय संकट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मानवीय सहायता धनराशि में हुई वैश्विक कटौतियों की एक बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ रही है. यूएन मानवतावादी कार्यालय (UNOCHA) के अवर महासचिव टॉम फ़्लैचर ने चेतावनी दी है कि यदि संसाधन नहीं जुटाए गए, तो आम लोगों की पीड़ा बढ़ेगी और ज़िन्दगियाँ ख़त्म हो सकती हैं. इसके मद्देनज़र, उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आगे बढ़कर सहायता धनराशि मुहैया कराए जाने की अपील की है.

अफ़ग़ानिस्तान के कुनार प्रान्त के ग़ाज़ी आबादी ज़िले में एक लड़का, भूकम्प में ध्वस्त हुए अपने घर के सामने खड़ा है.
© UNICEF/Amin Meerzad

अफ़ग़ानिस्तान: भूकम्प के झटकों के बीच, प्रभावित आबादी तक राहत पहुँचाने के प्रयास

अफ़ग़ानिस्तान में आए भीषण भूकम्प में मृतक आँकड़ा बढ़कर 2,200 तक पहुँच गया है, जबकि 3,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं. यूएन सहायताकर्मी अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर दूरदराज़ के इलाक़ों में पैदल सफ़र तय करके ज़रूरतमन्दों तक मदद पहुँचा रहे हैं. साथ ही, भविष्य में भूकम्प के झटकों को सहन करने में सक्षम, मज़बूत घर बनाए जाने के लिए धनराशि की अपील भी की गई है.