म्याँमार: सैन्य तख़्तापलट के दो वर्ष, अन्तरराष्ट्रीय एकता पर ज़ोर

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को, सदस्य देशों का आहवान किया है कि वो म्याँमार में सैन्य नेतृत्व से, अपने ही देश के लोगों की इच्छा और ज़रूरतों का सम्मान करने का आग्रह करें, क्योंकि क्षेत्रीय अस्थिरता के जोखिम बढ़ते जा रहे हैं.
ग़ौरतलब है कि म्याँमार में सेना ने 1 फ़रवरी 2021 को, लोकतांत्रिक सरकार का तख़्तापलट करके, सत्ता पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था.
Wednesday marks two years since the Myanmar military overturned & arbitrarily detained members of the democratically elected civilian Government. @antonioguterres continues to stand in solidarity with the people of Myanmar. Full statement 👇
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UN_Spokesperson
सेना ने तख़्तापलट के बाद, राष्ट्रपति यू विन मिंट व स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची, सिविलियन सरकार के अनेक निर्वाचित सदस्यों और को गिरफ़्तार कर लिया था.
यूएन महासचिव ने अपने प्रवक्ता के माध्यम से एक वक्तव्य जारी करके, उस तख़्तापलट के दो वर्ष पूरे होने पर, अनेक चिन्ताएँ व्यक्त की हैं.
एंतोनियो गुटेरेश ने देश में बहुकोणीय संकट जारी रहने के बीच, हिंसा के सभी रूपों की निन्दा की है. ये संकट लगातार बदतर होते जा रहे हैं जिन्होंने गम्भीर क्षेत्रीय जटिलताओं में ईंधन झोंका है.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने चुनाव कराने की सेना की नीयत की तरफ़ ध्यान आकर्षित करते हुए, सघन होती हवाई बमबारी और सिवियन घरों को जलाए जाने के साथ-साथ, राजनैतिक नेतागण, सिविल सोसायटी पैरोकारों और पत्रकारों की जारी गिरफ़्तारियों, प्रताड़ना और डराने-धमकाने की घटनाओं को भी रेखांकित किया.
उन्होंने कहा कि म्याँमार के लोगों को, अपने राजनैतिक अधिकारों का प्रयोग, स्वतंत्र रूप से करने की अनुमति दिए बिना, प्रस्तावित चुनावों से, अस्थिरता और भी बढ़ने का जोखिम है.
यूएन प्रमुख ने कहा कि वह एक समावेशी, शान्तिपूर्ण व न्यायसंगत समाज की ख़ातिर, बर्मा के लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं के समर्थन में, मज़बूती से खड़े हैं. इस समाज में रोहिंग्या अल्पसंख्यक समूह सहित, तमाम समुदायों की सुरक्षा शामिल है.
इस सम्बन्ध में उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र, म्याँमार में बने रहने और फ़रवरी 2021 में सैन्य कार्रवाई से उपजी बहुकोणीय निर्बलताओं से निपटने के लिए, संकल्पबद्ध है.“
हालाँकि उन्होंने कहा कि इसके लिए, तमाम प्रभावित समुदायों तक निर्बाध पहुँच की ज़रूरत है, साथ ही तमाम यूएन एजेंसियों और मानवीय सहायता साझीदारों की सुरक्षा व संरक्षा को वरीयता भी दी जानी होगी.
यूएन प्रमुख ने इन व अन्य मुद्दों के प्रकाश में, सुरक्षा परिषद द्वारा 21 दिसम्बर 2022 को पारित किए गए प्रस्ताव संख्या 2669 (2022) का, एक महत्वपूर्ण क़दम के रूप में स्वागत किया और एक ज़्यादा मज़बूत अन्तरराष्ट्रीय एकता की तात्कालिकता को भी रेखांकित किया.
इस प्रस्ताव में हिंसा को तुरन्त रोके जाने, तमाम पक्षों द्वारा अधिक संयम बरते जाने, और मनमाने तरीक़े से बन्दी बनाए गए लोगों को रिहा कर दिए जाने की मांग की गई है.
इस सन्दर्भ में, म्याँमार के लिए यूएन महासचिव की विशेष दूत नोएलीन हैयज़ेर, म्याँमार में तमाम प्रासंगिक पक्षों के साथ संवाद क़ायम करने के लिए, दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के संगठन (ASEAN), के नए विशेष दूत के साथ निकट समन्वय करेंगी, ताकि हिंसा समाप्ति और देश में लोकतंत्र की वापसी को समर्थन दिया जा सके.