UNISFA: आबिये में, भारतीय शान्तिरक्षकों की शिक्षा प्रसार पहल
सूडान और दक्षिण सूडान के बीच विवादित क्षेत्र आबिये में, संयुक्त राष्ट्र के शान्तिरक्षकों ने स्थानीय आबादी में शिक्षा प्रसार की एक सराहनीय पहल शुरू की है जिसका लाभ बच्चों के साथ-साथ व्यस्कों को भी मिल रहा है. इस मुहिम में भारतीय बटालियन का सक्रिय योगदान है.
आबिये में यूएन अन्तरिम सुरक्षा बल (UNISFA) की एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा गया है कि शिक्षा प्रसार निसन्देह ऐसा एकल निवेश है जिससे समृद्ध, स्वस्थ और समान समाजों का निर्माण हो सकता है.
आबिये की आबादी की ज़िन्दगियों में सकारात्मक बदलाव लाने के प्रयासों के तहत, यूएन मिशन की भारतीय बटालियन ने, शिक्षा प्रसार के माध्यम से शान्ति व सदभाव फैलाने का बीड़ा उठाया है.
स्थानीय आबादी ने डोकूरा और नून्ग गाँव में, अनौपचारिक कक्षाओं के माध्यम से, शिक्षा प्रसार की इस पहल का ज़ोरदार स्वागत किया है जिसके फलस्वरूप छात्र इन कक्षाओं में उत्साह के साथ प्रवेश ले रहे हैं.
अनेक बच्चों के अभिभावकों ने यूएन अन्तरिम सुरक्षा बल (UNISFA) को, ये कक्षाएँ आयोजित करने के लिए विशेष धन्यवाद दिया है जो उनके गाँव में ही उपलब्ध कराई जा रही हैं.
उनके गाँव के सबसे निकट स्कूल आबिए शहर में ही है, जोकि वहाँ से काफ़ी दूर है और गाँव के बच्चों के लिए वहाँ के स्कूल में पहुँचकर शिक्षा जारी रखना दुर्लभ है.
स्कूल से बाहर, गाँव में ही शिक्षा उपलब्ध कराने का ये प्रयास, स्थानीय आबादी में ख़ासा लोकप्रिय हुआ है, जिससे स्थानीय परिवार अपने बच्चों को यहाँ शिक्षा हासिल करने के लिए भेजने में उत्साह दिखा रहे हैं.
अभिभावक-शिक्षक संगठन की अध्यक्षा मिस मैरी ने एक शान्तिरक्षक FET कमांडर मेजर बबली पन्नू के साथ बातचीत में कहा कि स्थानीय अभिभावक, स्वेच्छा से अपने बच्चों को इन कक्षाओं में पढ़ने के लिए भेज रहे हैं, जब तक कि उनके लिए आबेई में नियमित स्कूल में शिक्षा के लिए जाने का अवसर नहीं मिलता है.
यूएन अन्तरिम सुरक्षा बल की प्रैस विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्थानीय बच्चों और उनके अभिभाकों में उत्साह को देखते हुए, निकट भविष्य में कुछ अन्य गाँवों में भी ऐसी ही कक्षाएँ शुरू की जाएंगी.
इस पहल की इसलिए भी सराहना की जा रही है कि इसके माध्यम से, बच्चों और युवजन को ना केवल अपराध से दूर रखा जा सकेगा, बल्कि आबिये के लिए एक रौशन भविष्य की दिशा में भी योगदान मिलेगा.