आबिये में यूएन मिशन: भारतीय महिला शान्तिरक्षकों की प्लाटून का स्वागत
संयुक्त राष्ट्र शान्ति अभियानों के प्रमुख और अवर महासचिव ज़्याँ पियेर लाक्रोआ ने अफ़्रीका में सूडान और दक्षिण सूडान के बीच विवादित सीमा क्षेत्र – आबिये में यूएन अन्तरिम सुरक्षा बल (UNISFA) मिशन में, भारतीय महिला शान्तिरक्षकों की एक प्लाटून की तैनाती का स्वागत किया है.
यूएन शान्ति अभियानों के शीर्ष अधिकारी लाक्रोआ ने अपने एक ट्वीट सन्देश में कहा कि शान्तिरक्षा प्रयासों में महिलाओं की भागेदारी बढ़ने का अर्थ है - दक्षतापूर्ण अभियान संचालन, जिससे उन लोगों के लिए बेहतर सहायता सुनिश्चित की जा सकती है, जिनके लिए हम सेवारत हैं.
All-women platoon from #India recently deployed to
@UNISFA_1 , has arrived in #Abyei and is deployed in #Rumajak & #Dokura in sector center.
#Indian battalion plays a valuable role in maintaining peace and stability in #Abyei @UNPeacekeeping https://t.co/07VeWkoCnb
UNISFA_1
“भारत से आबिये पहुँची महिला शान्तिरक्षकों के सबसे बड़े दस्ते को देखकर प्रसन्नता हुई है, जहाँ वे UNISFA के साथ शान्ति के लिए सेवारत होंगी.”
आबिये में यूएन मिशन ने अपने एक ट्वीट सन्देश में कहा कि हाल के वर्षों में भारत से केवल महिला शान्तिरक्षकों की किसी प्लाटून की यह सबसे बड़ी तैनाती है, जोकि आबिये में पहले से मौजूद भारतीय बटालियन का हिस्सा होगी.
सुरक्षा परिषद ने 27 जून 2011 को विवादित आबिये क्षेत्र में शान्तिरक्षा बल की तैनाती पर मुहर लगाई थी.
यह क्षेत्र सूडान के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के बीच स्थित है और दोनों पक्षों ने इस पर अपना दावा पेश किया है.
संयुक्त राष्ट्र मिशन ने कहा कि आबिये में शान्ति व स्थिरता बनाए रखने में वहाँ तैनात भारतीय बटालियन की बहुमूल्य भूमिका है.
मिशन के अनुसार, महिला प्लाटून की यह तैनाती, UNISFA मिशन को प्राप्त शासनादेश (mandate) लागू किए जाने के प्रयासों के प्रति, भारत की प्रतिबद्धता को पुष्ट करती है.
भारतीय महिला शान्तिरक्षकों के इस दस्ते में दो अधिकारी व 25 अन्य रैंकों के सुरक्षाकर्मी हैं, और उनका ज़ोर मुख्य रूप से, स्थानीय समुदाय के साथ सम्पर्क व बातचीत सुनिश्चित करना होगा.
इसके साथ-साथ, यह टीम यूएन मिशन के तहत अन्य सुरक्षा दायित्वों का भी निर्वहन करेगी.
समाचार माध्यमों के अनुसार, आबिये में हाल के दिनों में हिंसक घटनाओं में तेज़ी आई है, जिससे हिंसक टकराव प्रभावित क्षेत्र में महिलाओं और बच्चों के लिये मानव कल्याण चिन्ता गहरी हुई है.
इस पृष्ठभूमि में, महिला शान्तिरक्षकों की इस प्लाटून की तैनाती को अहम माना गया है.
भारत और यूएन शान्तिरक्षा
संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा अभियानों में योगदान करने वाले देशों में, भारत का अग्रणी स्थान है.
पिछले 70 वर्षों में, यूएन शान्तिरक्षा मिशन में भारत के दो लाख से अधिक सैन्य व पुलिस अधिकारियों ने अपनी सेवाएँ प्रदान की हैं.
वर्ष 2007 में, भारत ने लाइबेरिया में यूएन मिशन के तत्वाधान में पहली बार पूर्ण रूप से केवल महिलाओं की शान्तिरक्षा टीम तैनात की थी.
इसके बाद से, किसी यूएन मिशन में महिला शान्तिरक्षकों की यह सबसे इकलौती सबसे बड़ी टीम होगी.
भारतीय महिलाओं की यूएन शान्तिरक्षा अभियानों में योगदान की समृद्ध परम्परा रही है, जिनमें संयुक्त राष्ट्र की पहली पुलिस परामर्शदाता का दायित्व सम्भालने वाली डॉक्टर किरण बेदी का नाम प्रमुख है.
उनके अलावा, दक्षिण सूडान में शान्तिरक्षक की भूमिका निभाने वाली मेजर सुमन गवानी को 2020 में ‘जैंडर एडवोकेट ऑफ़ द ईयर’ और शक्ति देवी को 2015 में महिला शान्तिरक्षक सम्मान से पुरस्कृत किया गया था.