यूनेस्को: फ्रांस की लोकप्रिय ब्रैड ‘बगेट’, चीन में चाय आयोजन, संरक्षित धरोहर सूची में

ग्वाटेमाला में पवित्र सप्ताह का आयोजन, चीन में पारम्परिक चाय के लिए की जाने वाली तैयारियाँ, और फ़्रांस में दैनिक उपयोग में लाई जाने वाली लोकप्रिय ब्रैड - बगेट से जुड़ा कुटीर ज्ञान. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने इन सभी सांस्कृतिक प्रथाओं व अभिव्यक्तियों को अपनी विरासत सूची में मान्यता दी है.
मोरक्को के राबात में इस सप्ताह एक बैठक के दौरान, इन सभी को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची पर अंकित किया गया.
🔴 BREAKING
New inscription on the #IntangibleHeritage List: Artisanal know-how and culture of baguette bread.
Bravo #France 🇫🇷!
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UNESCO
इस सूची में 19 धरोहरें शामिल की गई हैं, जिनके ज़रिये सांस्कृतिक तौर-तरीक़ों व सामुदायिक ज्ञान की विविधता को मान्यता दिए जाने के साथ-साथ उसे बढ़ावा भी दिया जाएगा.
पवित्र सप्ताह, ग्वाटेमाला के प्रमुख आयोजनों में से है. यह एक धार्मिक व सांस्कृतिक उत्सव है, जिसे लगन, मृत्यु और ईसा मसीह के पुनर्जीवित होने की याद में मनाया जाता है.
इस अवसर पर जुलूस व अन्तिम संस्कार मार्च निकाले जाते हैं; मौसम के अनुसार भोजन वितरण होता है; घरों व इमारतों को सजाया जाता है; और कालीनों, बाग़ीच व वेदी बनाए जाते हैं.
मगर, भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में ये गतिविधियाँ अलग-अलग रूपों में नज़र आती हैं.
यूनेस्को के अनुसार, इन आयोजनों में सक्रिय भागीदारी और तैयारियों के ज़रिये, तौर-तरीक़ों व परम्पराओं को सहेज कर रखा गया है और सदियों से युवा पीढ़ियों तक पहुँचाया गया है.
इस प्रक्रिया में मीडिया की अहम भूमिका को भी रेखांकित किया गया है.
संगठन ने कहा, “यह आयोजन सहिष्णुता और समावेशन को बढ़ावा देता है, चूँकि विभिन्न सामाजिक समूहों से लोगों की भागीदारी होती है, और उनमें शामिल व्यक्तियों व संस्थाओं के बीच पारस्परिक सम्मान को प्रोत्साहन मिलता है.”
चीन में चाय, दैनिक जीवन के हर पहलू का हिस्सा है, जहाँ इसे घरों, कार्यस्थलों, रेस्तराँ व मन्दिरों में परोसा जाता है.
यह सामाजिक विमर्श व बातचीत, और विवाह समेत अन्य आयोजनों का एक महत्वपूर्ण अंग है.
चीन में चाय प्रसंस्करण की पारम्परिक तकनीक चाय बागान प्रबन्धन, चाय की पत्ती को एकत्र किए जाने और फिर उसका प्रसंस्करण करने में ज्ञान, कौशल व अन्य प्रथाओं का सम्मिश्रण है.
इस ज्ञान को परिवारों व प्रशिक्षण के ज़रिये आगे की पीढ़ियों तक पहुँचाया जाता है, जिसमें चाय उत्पादकों, किसानों, कलाकारों के साथ-साथ उन पेस्ट्री बनाने वालों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है, जिन्हें अक्सर चाय के साथ परोसा जाता है.
बगेट, फ्रांस की सबसे लोकप्रिय ब्रैड है, और यूनेस्को की सूची में स्थान देकर इस ब्रैड से जुड़े कुटीर ज्ञान व संस्कृति को सम्मान दिया गया है.
यह ब्रैड मुख्यत: निम्न सामग्रियों के साथ बनाई जाती है: आटा, नमक, और ख़मीर.
बगेट बनाने में विशिष्ट ज्ञान व तकनीक की आवश्यकता होती है. उन्हें दिन भर में छोटे-छोटे समूहों में बनाया जाता है, और तापमान व आर्द्रता के हिसाब से उनमें भिन्नता देखने को मिल सकती है.
इस पारम्परिक उत्पादन प्रक्रिया के कई चरण होते हैं, जिनमें सामग्री को तोल कर एक दूसरे के साथ मिलाया जाना, गून्दा जाना, किण्वित किया जाना, हाथों से आकार दिया जाना और गून्दे हुए आटे में छोटे-छोटे निशान लगाया जाना शामिल है.
इन बगेट से उपभोग व सामाजिक प्रथाएँ भी जुड़ी हुई हैं, जोकि अन्य प्रकार की ब्रैड से उन्हें अलग करती हैं.
जैसेकि हर दिन इसे ख़रीदने के लिये बेकरी पर जाना, जहाँ उन्हें उनके लम्बे आकार के कारण रैक पर विशिष्ट रूप से रखा जाता है.