लीबिया: राजनैतिक गतिरोध जारी, समाधान की निकट सम्भावना नहीं
लीबिया के लिये यूएन महासचिव के विशेष दूत और देश में संयुक्त राष्ट्र समर्थन मिशन (UNSMIL) के मुखिया अब्दुलाए बथिली ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया है कि देश में अब भी राजनैतिक गतिरोध बरक़रार है और चुनाव कराए जाने की सम्भावना बहुत कम नज़र आती है.
विशेष प्रतिनिधि देश में अक्टूबर में पहुँचकर इन चुनौतियों के समाधानों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, राजनैतिक, संस्थागत, सुरक्षा और समाज के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श को प्राथमिकता पर रखा है.
प्रतिनिधि ने कहा, “लीबिया में मौजूदा स्थिति की मांग है कि देश व सरकार को वैधता दिये जाने की प्रक्रिया फिर से शुरू हो.”
“एक वास्तविक राजनैतिक इच्छा पर आधारित, ऐसे उपयुक्त और वैध संस्थानों की फिर से स्थापना हो, जो लोगों की बुनियादी ज़रूरतें पूरी कर सकें. इस प्रक्रिया में, विधायिका और राष्ट्रपति पद के चुनाव कराया जाना, बहुत महत्वपूर्ण है.”
गतिरोध और हिंसा
लीबिया, 201 में तत्कालीन शासक मुअम्मार गद्दाफ़ी की मौत के बाद से, दो प्रतिद्वन्द्वी प्रशासनिक धड़ों में बँटा हुआ है.
राष्ट्रीय समझौते वाली सरकार (GNA) का आधार राजधानी त्रिपोली में है जोकि पश्चिम में स्थित है, जबकि पूर्वी हिस्से पर, प्रतिद्वन्द्वी लीबियाई राष्ट्रीय सेना (LNA) का नियंत्रण पूर्वी हिस्से पर है.
अक्टूबर 2022 में संयुक्त राष्ट्र के समर्थन से एक युद्धविराम समझौता वजूद में आया था जिसने दिसम्बर 2021 में चुनावों का रास्ता तैयार किया था. मगर ये चुनाव भी मतदान के क़ानूनी आधार को लेकर असहमतियों के कारण, स्थगित करने पड़े.
अगस्त 2022 में दो धड़ों के दरम्यान घातक लड़ाई ने राजधानी त्रिपोली को दहला दिया था.
ये संघर्ष मार्च 2022 में उस समय भड़का था जब पूर्वी संसद ने एक नई सरकार गठित की थी, जबकि संयुक्त राष्ट्र और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा समर्थित सरकार के प्रधानमंत्री ने अपने पद से हटने से इनकार कर दिया था.
समाधान निकट नहीं

विशेष प्रतिनिधि अब्दुलाए बथिली ने सुरक्षा परिषद में कहा, “राजनैतिक गतिरोध जारी है और सरकार को लेकर लम्बे समय से जारी गतिरोध का कोई निकट अन्त नज़र नहीं आता है.”
संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने बताया कि उन्होंने इन हानिकारक राजनैतिक चुनौतियों की कोई प्रतिक्रिया तैयार करने के लिये, बातचीत जारी रखी है, और लीबिया के लोग इस संकट पर किस तरह पार पाना चाहते हैं, इसे लेकर व्यापक मतभेद बरक़रार हैं.
उन्होंने सुरक्षा परिषद में कहा कि उन्होंने तमाम वार्ताकारों से ज़ोर देकर कहा है कि इस संकट का समाधान लीबिया के भीतर से ही आना होगा, जोकि देश के लोगों की इच्छा पर आधारित हो.
उन्होंने लीबियाई नेताओं से आग्रह किया कि वो शान्ति, स्थिरता, आर्थिक विकास, और एक जवाबदेह नेतृत्व के लिये, आम लोगों की आकांक्षाओं को सुनें.
गतिरोध से सुरक्षा प्रभावित
इस बीच, युद्धविराम तो जारी है, मगर राजनैतिक गतिविधियों ने सुरक्षा को प्रतिकूल रूप में प्रभावित किया है.
राजधानी त्रिपोली में हिंसक झड़पों ने सत्ता सन्तुलन में कुछ बदलाव कर दिया है और तनाव बढ़ा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप स्थिरता कमज़ोर हुई है.
विशेष प्रतिनिधि ने कहा, “सशस्त्र गुटों की सक्रियता कम होने और उनके बीच झड़पों में भी कमी होने के बावजूद, अब भी लड़ाई के लिये लोगों को भर्ती किये जाने की गतिविधियाँ बड़े पैमाने पर जारी हैं.”
मगर उन्होंने कुछ सकारात्मक घटनाक्रम का ज़िक्र करते हुए कहा कि 5+5 संयुक्त सैन्य आयोग (JMC) की एक बैठक, युद्धविराम के क्रियान्वयन पर बातचीत करने के लिये, अगले सप्ताह सिर्ते में होने वाली है. इस आयोग में दोनों तरफ़ के प्रतिनिधि शामिल हैं.
मानवाधिकारों पर ध्यान देने की ज़रूरत
विशेष प्रतिनिधि ने मानवाधिकारों का ज़िक्र करते हुए अफ़सोस जताया कि देश में स्थिति चिन्ताजनक है.
उन्होंने कहा कि प्रवासियों और शरण चाहने वाले लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन, दंडमुक्ति की भावना के साथ जारी है, जबकि लोगों को मनमाने तरीक़े से बन्दी बनाया जाना भी एक समान्य चलन के रूप में जारी है.
उन्होंने देश की सरकार से प्रवासियों और शरणार्थियों की बेहद ख़राब स्थिति पर ध्यान देने और तस्करी को रोकने व आपराधिक नैटवर्कों को ध्वस्त करने के लिये तत्काल उपाय करने का आहवान किया.
लीबियाई अधिकारियों ने ख़बर दी है कि 1 अक्टूबर 2022 तक, लगभग 11 हज़ार लोग, न्यायिक पुलिस द्वारा संचालित जेलों में कारावास की सज़ा भुगत रहे हैं, जिनमें 55 महिलाएँ हैं.