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लीबिया: मानवीय संकट का शिकार लोगों के लिए करोड़ों डॉलर की आवश्यकता

हिंसक संघर्ष का शिकार बच्चे.
UNOCHA/Giles Clarke
हिंसक संघर्ष का शिकार बच्चे.

लीबिया: मानवीय संकट का शिकार लोगों के लिए करोड़ों डॉलर की आवश्यकता

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र और साझेदार संगठनों ने लीबिया में अंतरिम सरकार के साथ मिलकर मंगलवार को मानवीय राहत के लिए योजना को प्रस्तुत किया जिसमें 20 करोड़ डॉलर की अपील जारी की गई है. इस सहायता राशि के ज़रिए मानवीय संकट से जूझ रहे साढ़े पांच लाख से अधिक महिलाओं, बच्चों और पुरुषों के लिए जीवन-रक्षक सेवाओं को सुनिश्चित करने में मदद मिल सकेगी. 

लीबिया में लंबे समय से चला आ रहा राजनीतिक संकट 2011 में विरोध प्रदर्शनों से शुरू हुआ था जिसमें लीबियाई नेता मुअम्मर ग़द्दाफ़ी के शासन का अंत हुआ. लेकिन फिर हथियारबंद गुटों में संघर्ष के चलते हज़ारों परिवार विस्थापित हुए और लाखों लोग राहत सामग्री पर गुज़ारा करने के लिए मजबूर हैं क्योंकि बेहद ज़रूरी वस्तुओं के लिए भी उनके पास पैसे नहीं हैं.

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वयक मारिया रिबेरो और स्थानीय शासन से जुड़े मामलों के मंत्री डॉ मिलाद अल ताहेर ने राजधानी त्रिपोली में एक समारोह के दौरान इस योजना को पेश किया. 

इस अवसर पर रिबेरो ने कहा, "सालों से चली आ रही अस्थिरता और असुरक्षा की वजह से बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के जीवन और कल्याण पर असर पड़ा है. हर गुज़रते साल के साथ लोग इस संकट को झेलने के लिए संघर्ष करते हैं जिसने देश को अस्थिर बना दिया है, अर्थव्यवस्था को तबाह किया है और उन्हें जोखिम में डाल दिया है."

इस योजना की प्रस्तावना में रिबेरो ने ध्यान दिलाया है कि लीबिया में फ़िलहाल प्रतिदिन दस लाख बैरल तेल का उत्पादन हो रहा है लेकिन इससे लोगों को कोई राहत नहीं मिली है. हर साल लीबियाई नागरिक और ग़रीब हो रहे हैं. प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं और हताश नागरिक समझ नहीं पा रहे कि तेल उत्पादन और राजस्व में बढ़ोत्तरी के बावजूद उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार क्यों नहीं हो रहा है."

मानवीय मामलों में समन्वयन के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (OCHA) के मुताबिक़ आठ लाख से ज़्यादा लोगों को मानवीय मदद की आवश्यकता है. इनमें करीब ढाई लाख बच्चे हैं. इनमें घरेलू विस्थापन का शिकार, हिंसा प्रभावित लोग और प्रवासी और शरणार्थी शामिल हैं जो मानवाधिकार हनन के मामलों और क़ानून के राज के अभाव में शोषण से जूझ रहे हैं.

अधिकतर ज़रूरतमंद पश्चिमी और पूर्वी लीबिया में सघन आबादी वाले शहरी इलाक़ों में रहते हैं. लेकिन जिन लोगों को सबसे अधिक और तत्काल मदद की आवश्यकता है वे तटीय इलाक़े सिरते और देश के दक्षिणी हिस्सों अलकुफ़्रा और सेबहा में रह रहे हैं जहां हिंसा और अस्थिरता के कारण पहुंच पाना मुश्किल है.

20 करोड़ डॉलर की मानवीय राहत के ज़रिए भोजन, स्वास्थ्य सेवाओं, साफ़ पानी, घर का ज़रूरी सामान, शरण, शिक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिल सकेगी.  अगर ज़रूरी धनराशि जुटा ली जाती है तो मानवीय राहत एजेंसियां आपात चिकित्सा टीमों का गठन करेंगी और मोबाइल टीमों को ऐसे इलाक़ों में भेजेंगी जहां स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित मात्रा में ही उपलब्ध हैं. 

"अंत में, लीबिया का भविष्य लीबियावासियों के हाथों में ही है और उस दिशा में प्रयास चल रहे हैं. ऐसे समय में जब लोग पीड़ित हैं यह ज़रूरी हो जाता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय राष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम करे और अभावग्रस्त लोगों को संबल और संरक्षण प्रदान करे."