वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

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विकास

यूएन मुख्यालय में 'वसुधैव कुटुम्बकम' की थीम पर अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन.
UN Photo/Rick Bajornas

'वसुधैव कुटुम्बकम' विषय पर, भारतीय मिशन द्वारा अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन

यूएन महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ विषय पर आयोजित एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा है कि हर परिवार के पास जिस तरह से अपनी समर्थन प्रणाली है, वैसे ही हमें भी एक साथ मिलकर एक वैश्विक समर्थन प्रणाली का निर्माण करने की आवश्यकता है. 

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक बस्ती का दृश्य.
© UN-Habitat/Kirsten Milhahn

विश्व पर्यावास दिवस: विकास में नगरों की भूमिका पर ध्यान

सोमवार, 2 अक्टूबर को मनाए जा रहे विश्व पर्यावास दिवस पर, इस वर्ष आर्थिक विकास और टकरावों व कोविड-19 महामारी जैसे संकटों से पुनर्बहाली में नगरों की अहम भूमिका पर विशेष ध्यान दिया गया है.

यूएन प्रमुख आमिना जे मोहम्मद, न्यूयॉर्क के सैंट्रल पार्क में, ग्लोबल सिटिज़न के समारोह को सम्बोधित करते हुए. (24 सितम्बर 2023)
UN News/Nathan Beriro

ये समय, एसडीजी प्राप्ति के लिए बेहद अहम, उप महासचिव

न्यूयॉर्क सिटी में रविवार को, लगातार बारिश होने के बावजूद, दुनिया भर से आए लगभग साठ हज़ार पैरोकार, कलाकार, मशहूर हस्तियाँ और उत्सुक नागरिक, शहर के प्रसिद्ध सैंट्रल पार्क में एकत्र हुए और यूएन उप प्रमुख आमिना जे मोहम्मद की, बदलाव के लिए सक्रियता बढ़ाने की पुकार सुनी.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने, वैश्विक दक्षिण के लिए, भारत की साझेदारी विषय पर, 23 सितम्बर 2023 को न्यूयॉर्क में एक विशेष चर्चा आयोजित की.
Permanent Mission of India to the UN

सतत विकास के वैश्विक मिशन में भारत की अतुलनीय भूमिका, महासभा अध्यक्ष

संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष डेनिस फ़्रांसिस ने शनिवार को कहा है कि भारत, दुनिया की आबादी के लगभग छठे हिस्से का घर है और बेहतर व अधिक टिकाऊ विश्व के वैश्विक मिशन में, भारत की अतुलनीय भूमिका है.

इथियोपिया में एक लघु स्तरीय किसान, अपने खेतों में काम करते हुए.
© WFP/Michael Tewelde

एसडीजी प्राप्ति के लिए, खाद्य प्रणालियों में विशाल बदलाव अहम

संयुक्त राष्ट्र ने, खाद्य प्रणालियों में रूपान्तरकारी बदलावों की रफ़्तार तेज़ करने के लिए, बुधवार को एक पहल शुरू की है. यूएन उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद ने, इस मौक़े पर, टिकाऊ विकास लक्ष्यों (SDGs) प्राप्ति की रफ़्तार बढ़ाने में मदद करने वाले अहम उद्देश्यों को रेखांकित किया है.

पाकिस्तान में एक छह-वर्षीय लड़की एक सामुदायिक हैंडपम्प से पानी पी रही है.
© UNICEF

2030 के जल, साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए, अहम बढ़त की दरकार

संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय राजनैतिक फ़ोरम (HLPF) में मंगलवार को, टिकाऊ विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति में पानी की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा हुई, और कहा गया कि कुछ प्रगति के बावजूद, दुनिया भर में अरबों जन अब भी, पानी, साफ़-सफ़ाई और स्वच्छता साधनों तक पहुँच से वंचित हैं, और ये स्थिति, टकरावों और जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न पानी की क़िल्लत से और भी अधिक गम्भीर हुई है.

पूर्वी सूडान के एक शरणार्थी शिविर में एक महिला अपने बच्चे के साथ. यह तस्वीर अगस्त 2022 की है.
© WHO/Ala Kheir

बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य व विकास के लिए, आरम्भिक बचपन में निवेश पर बल

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की एक नई रिपोर्ट में आरम्भिक बचपन में बच्चों के लालन-पोषण व देखभाल में निवेश बढ़ाए जाने की अहमियत को रेखांकित किया गया है, विशेष रूप से निर्धनतम व नाज़ुक हालात से जूझ रहे देशों में.

मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में, एक महिला बामबारी पुल पार करते हुए.
© UNOCHA/Siegfried Modola

मध्य अफ़्रीका: अनेक संकटों के बीच, अहम मोड़ के निकट

मध्य अफ़्रीका क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी अब्दू अबैरी ने सोमवार को सुरक्षा परिषद में कहा है कि क्षेत्र के देशों ने स्थिरता व सहयोग को आगे बढ़ाने में ख़ासी प्रगति की है, मगर इसके बावजूद क्षेत्र के सामने अनेक संकट मौजूद हैं, और आने वाले कुछ महीने, एक महत्वपूर्ण मोड़साबित होने वाले हैं.

17 टिकाऊ विकास लक्ष्य प्राप्ति को, 2030 के विकास एजेंडा प्राप्ति के लिए अति अहम समझा जाता है.
UN News

टिकाऊ विकास लक्ष्य प्राप्ति में वित्तीय समावेश की भूमिका पर संगोष्ठि

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई मिशन ने, टिकाऊ विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति में वित्तीय समावेशन की भूमिका पर, गुरूवार को यूएन मुख्यालय में एक संगोष्ठि का आयोजन किया है. संगोष्ठि में करोड़ों लोगों के जीवन में व्यापक बदलाव लाने और व्यवसायों को वित्तीय व सामाजिक समावेशन के लिए प्रोत्साहित करने में भारत की यात्रा और उसके अनुभव को उजागर करने पर ख़ास ज़ोर रहा.

इस संगोष्ठि का एक उद्देश्य – सदस्य देशों के साथ वास्तविक अनुभव साझा करने और ये चर्चा करना भी था कि इन अनुभवों को अन्यत्र किस तरह, और ज़्यादा रफ़्तार के साथ व किफ़ायती रूप में लागू किया जा सकता है.

इस संगोष्ठि की वीडियो रिकॉर्डिंग यहाँ देखी जा सकती है...

भारत में जौहर परियोजना के तहत अब तक एक हज़ार से अधिक पशु सखियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है.
World Bank

भारत: झारखंड की सामुदायिक पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता, ‘पशु सखियाँ’

भारत के झारखंड प्रदेश में विश्व बैंक समर्थित जौहर परियोजना के तहत महिलाओं को पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है. ये ‘पशु सखियाँ’ किसानों को पशुओं की देखभाल के तरीक़ों पर सलाह देती हैं, और उन्हें किसान समूहों व बाज़ारों से जोड़कर पशु-पालन व बिक्री में मदद करती हैं. ‘पशु सखी मॉडल’ को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन और अन्तरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान ने, किसानों के लिए सेवा वितरण के शीर्ष 8 वैश्विक सर्वोत्कृष्ट मॉडल में से एक के रूप में चुना है.