लीबिया: लोक हताशा उच्च, चुनाव संस्था का प्रस्ताव

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी अब्दुलाए बैथिली ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया है कि देश में क्रान्ति के 12 वर्ष बाद भी राजनैतिक तनाव ऊँचा बना हुआ है, और देश के नेताओं के सामने, व्यापक सार्वजनिक हताशा के माहौल में, वैधता का एक संकट दरपेश है. उन्होंने देश में महत्वपूर्ण चुनाव को समर्थन देने के लिए एक नई प्रणाली सृजित करने की घोषणा भी की है.
लीबिया के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि और देश में यूएन राजनैतिक मिशन ( UNSMIL) के मुखिया अब्दुलाए बैथिली ने कहा, “राजनैतिक प्रक्रिया बहुत लम्बे समय से जारी है और देश के लेगों की आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर रही है, जो अपने नेताओं का चुनाव करने और देश की राजनैतिक संस्थाओं में फिर से जान फूकने की आस लगाए बैठे हैं.”
Today, I briefed the UN Security Council on my intention to launch a Libyan High-Level Panel for Elections, aimed at enabling the organisation and holding of presidential and legislative elections in 2023 https://t.co/6Pvzw3evVU
Bathily_UNSMIL
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “संक्षिप्त में कहें तो, लीबियाई लोगों का धैर्य ख़त्म हो रहा है.”
विशेष प्रतिनिधि ने यह भी रेखांकित किया कि लीबिया के लोग, इस वर्ष प्रस्तावित चुनावों को समावेशी व पारदर्शी रखने के मुद्दे पर, राजनैतिक नेताओं की मंशा और इच्छा पर व्यापक रूप से सवाल उठा रहे हैं.
अब्दुलाए बैथिली ने बताया कि उन्होंने हाल के महीनों में सिविल सोसायटी से लेकर क़बायली नेताओं व वरिष्ठ अधिकारों से मुलाक़ात की है, जिनमें जनरल ख़लीफ़ा हफ़्तार के साथ मुलाक़ात भी शामिल है.
ध्यान रहे कि जनरल ख़लीफ़ा हफ़्तार, स्वयंभू संगठन – लीबियाई नेशलन आर्मी के मुखिया हैं जोकि राष्ट्रीय एकता वाली सरकार का विरोधी गुट है. राष्ट्रीय एकता वाली सरकार को संयुक्त राष्ट्र का समर्थन भी हासिल है.
लीबिया में वर्ष 2011 में तत्कालीन शासक मुअम्मार गद्दाफ़ी को सत्ता से हटाए जाने के बाद, देश अनेक तरह के संकटों में जकड़ा हुआ है. मुअम्मार गद्दाफ़ी ने तेल धनी देश लीबिया पर 1969 से लगातार शासन किया था. सं
युक्त राष्ट्र अब देश में एक राजनैतिक समाधान को समर्थन देने के लिए काम कर रहा है.
दिसम्बर 2021 में क़ानूनी विवादों और अन्य चुनौतियों के कारण, राष्ट्रपति पद के लिए और संसदीय चुनावों को पहले तो स्थगित करना पड़ा; और बाद में रद्द ही करना पड़ा था. उससे देश के भीतर और बाहर बड़े पैमाने पर निराशा की लहर दौड़ गई थी.
अब्दुलाए बैथिली को सितम्बर 2022 में विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था, जिनका उद्देश्य उन चुनावों के लिए, लीबिया के दलों और अन्तरराष्ट्रीय साझीदारों को, फ़रवरी के अन्त तक, एक संवैधानिक आधार पर सहमत करना है.
इस बीच अब्दुलाए बैथिली ने कहा कि लीबिया के राजनैतिक वर्ग को अपनी विश्वसनीयता और वैधता के एक प्रमुख संकट का सामना पड़ रहा है, और देश के अधिकतर संस्थान, लीबिया के आम नागरिकों की नज़र में, वर्षों पहले ही अपनी साख़ और विश्वसनीयता खो चुके हैं.
अब्दुलाए बैथिली ने एक ऐसा नया कार्यक्रम शुरू करने की भी घोषणा की है जिसका मक़सद राष्ट्रपति पद के लिए और संसदीय चुनाव, वर्ष 2023 में ही आयोजित कराना है.
प्रस्तावित उच्चस्तरीय दिग्दर्शक पैनल का उद्देश्य, लीबिया के तमाम हितधारकों को, वर्ष 2023 में ही चुनाव कराने की ख़ातिर, एक क़ानूनी ढाँचे को अपनाने का रास्ता साफ़ करने और एक समयबद्ध कार्यक्रम के लिए एकसाथ लाना है.
यह पैनल, अन्य सम्बद्ध मामलों पर भी सहमति आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा, मसलन चुनाव सुरक्षा और सभी उम्मीदवारों के लिए आचार संहिता का प्रावधान.
विशेष प्रतिनिधि अब्दुलाए बैथिली ने लीबिया की मेल-मिलाप प्रक्रिया का ज़िक्र करते हुए, अफ़्रीकी संघ से मिले मज़बूत समर्थन की सराहना की और इस सम्बन्ध में एक समावेशी सम्मेलन आयोजित करने का आहवान भी किया.
उन्होंने कहा, “मेल-मिलाप एक लम्बी चलने वाली प्रक्रिया है और वो समावेशी, पीड़ित-केन्द्रित, मानवाधिकार आधारित होने के साथ-साथ, पारदर्शी न्यायिक सिद्धान्तों पर आधारित होनी चाहिए.”
विशेष प्रतिनिधि ने बताया कि लीबिया में युद्धविराम अब भी लागू है और दिसम्बर 2022 में सुरक्षा परिषद को उनके सम्बोधन के बाद से, युद्धविराम का उल्लंघन किए जाने की कोई ख़बर नहीं है.
हालाँकि उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि लीबिया की सुरक्षा स्थिति नाज़ुक बनी हुई है, और हाल के समय में हासिल की गई बढ़त को बरक़रार रखा जाना होगा.
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम, हाल ही में लीबिया के पड़ोसी देशों के बीच बैठक आयोजित होना था जिनमें सूडान और निजेर शामिल हैं. इस बैठक में प्रतिभागियों के दरम्यान, एक ऐसी समन्वय और सूचना वितरण कमेटी बनाने पर समहति बनी, जिसका उद्देश्य लीबिया में मौजूद अवैध लड़ाकों और विदेशी लड़ाकों को हटाने का रास्ता साफ़ करना है.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गत सप्ताह, अदिस अबाबा में लीबिया पर अफ़्रीकी संघ की उच्चस्तरीय समीति की बैठक में कहा था कि बाहरी हस्तक्षेप ने, लीबिया को संघर्ष व अशान्ति में धकेलने में ईंधन झोंका है.
उन्होंने समन्वय समिति के गठन का स्वागत करते हुए, इसे लीबिया और व्यापक क्षेत्र में, वृहत्तर स्थिरता और शान्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दमा क़रार दिया.
उन्होंने साथ ही ज़ोर देते हुए ये भी कहा कि राजनैतिक मार्ग पर, चुनावों का कोई विकल्प नहीं है.