पाकिस्तान बाढ़: ‘पानी उतरने में लग सकते हैं छह महीने'
संयुक्त राष्ट्र की राहत एजेंसियों ने मंगलवार को कहा है कि पाकिस्तान में अब भी लाखों लोग भीषण बाढ़ से प्रभावित हैं, जो अभी अपना आकार कम करती नज़र नहीं आ रही है.
देश में इस प्राकृतिक आपदा से 80 लाख से भी ज़्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने स्थानीय अधिकारियों व साझीदारों के साथ मिलकर, बाढ़ से प्रभावित आबादियों तक पहुँचने के लिये प्रयास जारी रखे हैं और बेहद ज़रूरत वाली सामग्रियाँ पहुँचाने की कोशिशें की हैं.
5-year-old Naheed is one of millions of children affected by flooding in Pakistan. She's getting clean water from a UNICEF waterpoint, but for many others, safe water is still inaccessible.Donate now to help us reach more children. https://t.co/vWxA92fvv3 pic.twitter.com/jKuB9JpBEL
UNICEF
दक्षिणी सिन्ध प्रान्त अब भी संकट में है और उस प्रान्त के बहुत से इलाक़े अब भी जल मग्न हैं.
पाकिस्तान में आई इस भीषण बाढ़ के कारण अभी तक 1,500 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 552 बच्चे हैं.
देश के अन्य बाढ़ प्रभावित प्रान्त बलोचिस्तान में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ की प्रान्त कार्यालय की फ़ील्ड प्रमुख गैरिडा बिरूकिला का कहना है, “हमारे पास पर्याप्त खाद्य सामग्री नहीं है, हमारे पास पर्याप्त संख्या में आश्रय सामग्री नहीं है, और यहाँ तक कि जिस प्रकार की स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता है, वो अभी उपलब्ध नहीं है.”
सड़कें और पुल बह गए
यूनीसेफ़ की सहायताकर्मी ने अन्तरराष्ट्रीय समर्थन की ताज़ा अपील जारी करते हुए, तबाही के दृश्य भी बयान किये.
गैरिडा बिरूकिला ने क्वेटा से ज़ूम के ज़रिये बातचीत करते हुए कहा, “सड़कें और पुल बाढ़ में बह गए हैं; मैं अभी प्रभावित इलाक़ों से लौटी हूँ और बाढ़ का पानी कहीं नहीं जा रहा है.”
जैसी पहले ही आशंका थी, विस्थापित लोगों में अब जीवन को जोखिम में डालने वाली बीमारियाँ फैलने लगी हैं, जिनमें दिमाग़ी मलेरिया भी शामिल है, जिसके लिये कोई औषधि उपलब्ध नहीं है.
‘कृपया मुझे कपड़े दें’
“आश्रय मुहैया कराने के कोई साधन नहीं हैं...यहाँ तक कि लोगों के पास कपड़े तक नहीं हैं. एक महिला ने तो मुझसे ये भी कहा, ‘कृपया मुझे कुछ कपड़े दे दें, मुझे दो सप्ताह पहले भागना पड़ा था.’ वो महिला अब भी वही कपड़े पहने हुए थी जो उसने दो सप्ताह पहले सुरक्षा के लिये भागते समय पहने हुए थे, क्योंकि उसके पास बदलने के लिये कपड़े ही नहीं हैं.”
यूएन शरणार्थी एजेंसी – UNHCR ने अग्रिम मोर्चों पर मौजूद सहायताकर्मियों की गहरी चिन्ताओं से सहमति व्यक्ति करते हुए ध्यान दिलाया कि पाकिस्तान में बाढ़ के कारण लगभग 76 लाख लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से क़रीब छह लाख लोग राहत स्थलों पर रह रहे हैं.

विशाल सहायता अभियान
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित इलाक़ों में, लगभग 12 लाख राहत वस्तुओं के परिवहन के लिये स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय किया है.
एजेंसी ने अभी तक प्रभावित लोगों में वितरण के लिये, स्थानीय अधिकारियों को दस लाख से ज़्यादा जीवन रक्षक वस्तुएँ पहुँचाई हैं.
यूएन शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता बाबर बलोच ने बताया है, “देश के अनेक हिस्से, विशेष रूप से दक्षिणी प्रान्त – सिन्ध और पूर्वी प्रान्त बलोचिस्तान में, अब भी जलमग्न हैं.”
प्रवक्ता ने कहा कि अधिकारियों ने आगाह किया है कि सर्वाधिक प्रभावित इलाक़ों में, बाढ़ का पानी कम होने में छह महीनों तक का समय लग सकता है.
अफ़ग़ान लोग जोखिम क्षेत्र में
यूएन शरणार्थी एजेंसी ने, पाकिस्तान में पंजीकृत 13 लाख अफ़ग़ान शरणार्थियों की स्थिति पर भी चिन्ता व्यक्त की है. इनमें से लगभग 8 लाख अफ़ग़ान शरणार्थी, ऐसे लगभग 45 ज़िलों में रहते हैं जिन्हें प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव के लिये नाज़ुक माना जाता है.
यूएन शरणार्थी एजेंसी ने प्रभावित लोगों की मदद के लिये, अपने साझीदारों के साथ मिलकर, सैकड़ों शरणार्थी परिवारों को आपदा नक़दी सहायता मुहैया कराई है.
यूनीसेफ़ की गैरिडा बिरूकिला ने कहा, “लोग विस्थापित हो रहे हैं. वो इधर-उधर देख रहे हैं और बताते हैं, ‘वो मेरा घर होता था, वहाँ पर एक स्कूल था,’ मगर अब केवल पानी ही पानी नज़र आता है.”
