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पाकिस्तान: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एक करोड़ लोग सुरक्षित पेयजल से वंचित

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में एक अस्थायी शिविर में यूनिसेफ़ द्वारा स्थापित एक जलपोत से एक 5 वर्षीय लड़का पानी पीते हुए.
© UNICEF/Asad Zaidi
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में एक अस्थायी शिविर में यूनिसेफ़ द्वारा स्थापित एक जलपोत से एक 5 वर्षीय लड़का पानी पीते हुए.

पाकिस्तान: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एक करोड़ लोग सुरक्षित पेयजल से वंचित

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने कहा है कि पाकिस्तान में 2022 में आई विनाशकारी बाढ़ के छह महीने बाद भी एक करोड़ से अधिक लोगों को, सुरक्षित जल व स्वच्छता उपलब्ध नहीं है. यूनीसेफ़ ने मंगलवार को आगाह किया कि इस संख्या में बच्चे भी शामिल हैं जो दूषित जल को इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं और उन्हें तत्काल जीवनरक्षक समर्थन की ज़रूरत है.

पाकिस्तान में यूनीसेफ़ के प्रतिनिधि अब्दुल्ला फ़ादिल ने कहा है, "सुरक्षित जल कोई विशेषाधिकार नहीं है, बल्कि यह एक बुनियादी मानवाधिकार है."

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उन्होंने कहा, "फिर भी, पाकिस्तान में हर दिन, लाखों लड़के-लड़कियाँ, जल-जनित बीमारियों के साए में, बिना पर्याप्त आश्रय व्यवस्था के जीवन गुज़ार रहे हैं, और साथ ही कुपोषण के ख़िलाफ़ एक हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं."

पाकिस्तान में जुलाई और अगस्त 2022 में मूसलाधार बारिश के बाद आई प्राकृतिक आपदा से, सवा तीन करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए थे.

लड़कियों और महिलाओं के लिए 'अतिरिक्त जोखिम'

यूनीसेफ़ ने चेतावनी जारी की है कि सुरक्षित पेयजल व शौचालयों तक पहुँच के अभाव और दूषित जल जमाव के कारण, हैज़ा, दस्त, डेंगू और मलेरिया समेत ‘व्यापक’ जल-जनित व घातक बीमारियों का फैलाव और बढ़ रहा है.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के अनुसार, उचित शौचालयों की कमी, स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा ख़तरा होने के अलावा, "बच्चों, किशोर लड़कियों और महिलाओं को असमान रूप से प्रभावित कर रही है, जिन्हें खुले स्थानों में शौच के लिए जाने पर मजबूर होना पड़ता है."

बढ़ता कुपोषण

असुरक्षित पेयजल और ख़राब स्वच्छता भी कुपोषण के "मुख्य कारण" हैं. यूनिसेफ़ के अनुसार, वैश्विक स्तर पर बच्चों की मौत के कुळ मामलों में, एक तिहाई संख्या कुपोषण के पीड़ितों की होती है. कुपोषण के अधिकतर मामले सुरक्षित पानी, पर्याप्त स्वच्छता और साफ़-सफ़ाई की कमी के कारण होने वाले संक्रमण से जुड़े होते हैं.

पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में, 15 लाख से अधिक लड़के और लड़कियाँ, पहले से ही गम्भीर कुपोषण से पीड़ित हैं, और यूनीसेफ़ को इस संख्या के बढ़ने की अपेक्षा है. देश में बाल मृत्यु के कुल मामलों में से आधे मामलों के साथ, कुपोषण जुड़ा हुआ है.

मानवीय सहायता

वर्ष 2022 में मॉनसून के दौरान मूसलाधार बारिश के कारण आई अभूतपूर्व बाढ़ से पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न हो गया.

पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार, इस बाढ़ से कुल लगभग तीन करोड़ 30 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 80 लाख लोग विस्थापित हुए हैं, जिससे मानवीय सहायता में तीव्र वृद्धि हुई है.

संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को बताया कि 15 मार्च तक, 70 लाख से अधिक बाढ़ प्रभावितों तक, भोजन और अन्य आवश्यक सेवाओं के साथ मानवीय सहायता पहुँचाई जा चुकी है. यूनीसेफ़ और भागीदारों ने अब तक क़रीब 12 लाख बच्चों और परिवारों तक सुरक्षित पेयजल पहुँचाया है, और जल आपूर्ति सुविधाओं की पुनर्बहाली में मदद की है जिससे साढ़े चार लाख से अधिक लोगों को लाभ हुआ है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, जनवरी 2023 में इस आपात स्थिति को समर्पित, जिनीवा में हुए एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा था पाकिस्तान को सहनसक्षम रूप में मज़बूत बनाने के लिए "महिलाओं और बच्चों को सहायता की ज़रूरत होगी.

मदद की गुहार

यूनीसेफ़ ने, विश्व जल दिवस के अवसर पर, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल और शौचालयों तक पहुँच को तत्काल बहाल करने के लिए संसाधनों की मांग की है. जलवायु अनुकूल जल आपूर्ति सुविधाओं के लिए भी निवेश की आवश्यकता है, उदाहरण स्वरूप सौर ऊर्जा द्वारा संचालित सुविधाएँ.

इस संकट से निपटने के लिए यूनीसेफ़ की 17 करोड़ 35 लाख डॉलर की अपील की प्रतिक्रिया में फ़िलहाल, 50 प्रतिशत धनराशि ही प्राप्त हुई है.