सीरिया: सीमापार से सहायता को स्वीकृति जनवरी 2023 तक बढ़ी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में, तुर्कीये के रास्ते से, जीवन रक्षक सहायता की आपूर्ति जारी रखने वाला एक प्रस्ताव मंगलवार को पारित कर दिया है. छह महीने का ये विस्तार, एक मतदान के ज़रिये स्वीकृत हुआ है.
आयरलैण्ड और नॉर्वे ने ये प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पेश किया, जिसमें बाब-अल-हवा सीमा चौकी के रास्ते से, मानवीय सहायता की आपूर्ति जनवरी 2023 तक जारी रखी जा सकेगी.
I appealed to the Security Council to allow cross border aid into Syria for an additional 12 months.Today’s approval for an initial 6-month period will help us continue working to save lives & alleviate suffering.I strongly hope that after 6 months it will be renewed again.
antonioguterres
इस प्रस्ताव में जनवरी 2023 के आगे भी छह महीने के विस्तार का आहवान किया गया है जिसके लिये एक अन्य प्रस्ताव की आवश्यकता होगी.
सुरक्षा परिषद के 15 में से 12 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि तीन देशों – फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका, मतदान से अनुपस्थित रहे.
सीरिया में मानवीय ज़रूरतें, लगभग एक दशक पहले युद्ध शुरू होने के बाद से, अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर पर हैं.
सीमापार से सहायता सामग्री की आपूर्ति की व्यवस्था 2014 से चली आ रही है, और जुलाई 2021 में मिली स्वीकृति गत रविवार को समाप्त हो गई.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जून में सुरक्षा परिषद से सीमापार से सहायता अभियानों के लिये एक वर्ष की स्वीकृति बढ़ाने की अपील करते हुए, इस स्वीकृति को क्षेत्र में, 40 लाख से भी ज़्यादा लोगों की तकलीफ़ें आसान करने के लिये एक नैतिक अनिवार्यता क़रार दिया था.
सुरक्षा परिषद के सदस्य राजदूत इससे पहले शुक्रवार को, दो प्रतिस्पर्धी प्रस्तावों को अस्वीकृत कर चुके हैं, जिसके बाद मंगलवार को ये प्रस्ताव पारित हुआ है.
पहले प्रस्ताव का आलेख आयरलैण्ड और नॉर्वे ने प्रस्तुत किया था जिस पर रूस ने वीटो लगा दिया था. दूसरा मसौदा रूस ने पेश किया था जिसे केवल रूस और चीन का समर्थन मिला.
आयरलैण्ड की राजदूत गैराल्डीन बायर्न नेसन ने मंगलवार के मतदान के बाद कहा, “यह कोई छुपी हुई बात नहीं है कि वार्तालाप बहुत कठिन रहा है.”
“हम समझते हैं कि छह महीने का विस्तार उस अवधि से कम है जो हमने प्रस्तावक के तौर पर वार्तालाप शुरू करने के समय सोची थी. हम यह भी समझते हैं कि सुरक्षा परिषद के बहुमत का भी यही ख़याल और ज़मीन पर मौजूद मानवीय सहायता कर्मियों का भी यही विचार था, कि 12 महीने के विस्तार की आवश्यकता है.”
नॉर्वे की राजदूत मोना जुऊल ने प्रस्ताव 2642 पारित होने के बाद कहा कि ये प्रस्ताव सीमापार से सहायत सामग्री की आपूर्ति किये जाने की व्यवस्था को खुला रखेगा.
उन्होंने कहा, “सीरिया के पश्चिमोत्तर हिस्से में मानवीय सहायता के ज़रूरमन्द लोग, ये वार्तालाप समयावधि से भी आगे बढ़ने के कारण अनिश्चितता की स्थिति में थे, जिन्हें अब हम आश्वस्त कर सकते हैं, और इस समय यही महत्वपूर्ण है. सीमापार से सहायता मिलना उनके लिये जीवनरेखा है और आज सीमा पार से सहायता सामग्री की आपूर्ति खुली है.”