'समाप्त नहीं हुआ है अभी सीरिया में संकट'

सीरिया के भविष्य के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से होने वाले 'ब्रसेल्स सम्मेलन' से पहले, संयुक्त राष्ट्र की तीन एजेंसियों ने आगाह किया है कि संकट अब भी बना हुआ है. सीरिया में विकट परिस्थितियों में रह रहे लोगों की सतत और व्यापक सहायता के लिए 3.3 अरब डॉलर की अपील की गई है.
सीरिया में संकट नौवें साल में प्रवेश कर चुका है. एक करोड़ से ज़्यादा लोगों को अब भी मानवीय सहायता और संरक्षण की दरकार है. 60 लाख से अधिक लोग घरेलू विस्थापितों की श्रेणी में आते हैं जबकि 20 लाख लड़के-लड़कियां स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार 83 फ़ीसदी सीरियाई नागरिक ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन गुज़ार रहे हैं.
ऐसे में सीरियाई शरणार्थियों और प्रभावित समुदायों के लिए सतत और व्यापक स्तर पर सहायता की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है.
इसी को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया में लोगों की मदद के लिए बढ़ी हुई रकम, 3.3 अरब डॉलर, की तत्काल मांग की है. जबकि पड़ोसी देशों में शरणार्थियों के लिए 5.5 अरब डॉलर की अपील की गई है.
संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों (OCHA) के प्रमुख मार्क लॉकॉक ने कहा, "तत्काल और ठोस आर्थिक सहायता के अभाव में, भोजन, पानी, जीवन-रक्षक स्वास्थ्य सेवाओं, शरण और संरक्षण सेवाओं को जारी रखने में मुश्किलें आएंगी."
"अंतरराष्ट्रीय समुदाय को हर महिला, पुरुष, लड़के, लड़की के लिए समर्थन देना अहम है जिन्हें गरिमामय जीवन जीने के लिए हमारी मदद की ज़रूरत है. अगर दानकर्ताओं से हमें धन मिलता है तो हम ऐसा करने के लिए बनाई योजनाओं को लागू कर पाएंगे."
सीरिया की स्थिति की वजह से दुनिया भर में शरणार्थी संकट भी पैदा हुआ है और 56 लाख सीरियाई शरणार्थी जीवन जीने को मजबूर हैं.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के प्रमुख फ़िलिपो ग्रान्डी ने कहा कि "सीरिया और लेबनान में सीरियाई शरणार्थियों से मिलने के बाद मैं बहुत चिंतित हूं क्योंकि उनकी ज़रूरतों और शरणार्थियों के लिए उपलब्ध अंतरराष्ट्रीय समर्थन के बीच खाई लगातार बढ़ रही है. अब तक के सबसे बड़े शरणार्थी संकट के आठ साल हो चुके हैं और 70 फ़ीसदी सीरियाई बेहद नाज़ुक परिस्थितियों में ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन काट रहे हैं."
"अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उन सीरियाई शरणार्थियों का समर्थन जारी रखना होगा जो पड़ोसी देशों में रहते हैं और जिन्हें अब भी मदद और संरक्षण की ज़रूरत है. उन्हें शरण देने वाली मेज़बान सरकारों और समुदायों को भी मदद मुहैया कराई जानी चाहिए जो पिछले आठ सालों से शरणार्थियों को शरण देते आ रहे हैं. घरेलू विस्थापितों को भी सहायता देनी होगी जो बेहद मुश्किल परिस्थितियों में घर लौटे हैं."
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के प्रशासक एखिम श्टाइनर ने कहा कि सीरिया में ग़रीबी बढ़ रही है और मूलभूत सेवाओं का ढांचा बिखर गया है जबकि सामाजिक ताने बाने को भी गहरी चोट पहुंची है. उन्होंने ध्यान दिलाया कि मेज़बान देशों और समुदायों को आर्थिक मदद जारी रहनी चाहिए ताकि वे अपना समर्थन देने में सक्षम रहें और विकास के पथ पर अग्रसर हों.
2018 में 3.4 अरब डॉलर की अपील की गई थी लेकिन उसका सिर्फ़ 65 फ़ीसदी ही सीरिया में मानवीय राहत प्रयासों के लिए मिल पाया. क्षेत्रीय शरणार्थी योजना के लिए 5.6 अरब डॉलर की का अनुरोध किया गया था लेकिन उसकी 62 प्रतिशत रकम ही उपलब्ध हो पाई.
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के प्रमुखों ने उच्चस्तरीय बैठक से पहले 2019 के लिए अंतरराष्ट्रीय दानकर्ताओं से उदारता से दान देने की अपील की है.