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युद्ध में तबाह हुए यूक्रेन में, पुनर्निर्माण प्रयासों के लिये समर्थन

यूक्रेन की कीयेव में बमबारी के कारण ध्वस्त हुई इमारत.
© UNDP/Oleksandr Ratushniak
यूक्रेन की कीयेव में बमबारी के कारण ध्वस्त हुई इमारत.

युद्ध में तबाह हुए यूक्रेन में, पुनर्निर्माण प्रयासों के लिये समर्थन

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन में पुनर्निर्माण के इरादे से, मंगलवार को स्विट्ज़रलैण्ड में आरम्भ हुए एक सम्मेलन में अन्तरराष्ट्रीय प्रयासों को अपना समर्थन दिया है.

यूएन प्रमुख ने लुगानो में 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों को अपने एक वीडियो सन्देश में, हिंसक संघर्ष के त्रासदीपूर्ण मानवीय असर और दीर्घकालीन चुनौतियों को रेखांकित किया.

“यूक्रेन में रूसी युद्ध ने हज़ारों लोगों का जीवन लील लिया है, और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं.” 

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“अपनी आजीविका खो चुके लाखों यूक्रेनी नागरिकों के निर्धनता गर्त में धंसने का जोखिम है. घरों, अस्पतालों, स्कूलों को पहुँची क्षति व तबाही से उबरने में सालों लग जाएंगे.”

“यह एक लम्बी सड़क है, मगर इसे अभी शुरू करना होगा.”

संयुक्त राष्ट्र के अलावा, योरोपीय निवेश समेत अन्य अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों ने बैठक में हिस्सा लिया.

सम्मेलन के एजेण्डा में, जलवायु संरक्षण को बढ़ावा देने वाली परियोजना, डिजिटल अर्थव्यवस्था और ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाये जाने के प्रयासों पर चर्चा हुआ. 

यूक्रेनी किसानों की सहायता

इस बीच, खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने यूक्रेन में किसानों को अपनी पैदावार बचाने में मदद मुहैया कराने के इरादे से एक परियोजना की शुरुआत की है. 

एक करोड़ 70 लाख डॉलर की यह परियोजना, जापान द्वारा वित्त पोषित है, जिसमें वैकल्पिक अन्तरराष्ट्रीय बाज़ारों में अन्न के निर्यात को समर्थन दिया जाएगा. 

इससे उन देशों में खाद्य सुरक्षा को विशेष रूप से मदद मिलेगी, जोकि यूक्रेन से आयात किये जाने वाले अनाज, वनस्पति तेल और अन्य वस्तुओं पर निर्भर हैं. 

परियोजना में यूक्रेन के अनाज के लिये भण्डारण केन्द्रों को बहाल किया जाएगा, और देश में किसानों के लिये औज़ार व उपकरण मुहैया कराये जाने पर बल दिया जाएगा. 

मानवाधिकार परिषद में चर्चा 

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने मंगलवार को जिनीवा में मानवाधिकार परिषद में अपनी एक रिपोर्ट पेश की. 

रिपोर्ट के अनुसार, देश में व्यापक पैमाने पर आम लोग हताहत हुए हैं और नागरिक प्रतिष्ठानों व बुनियादी ढाँचों को रूसी सैन्य बलों और कुछ हद तक यूक्रेन सेना के हमलों में भीषण क्षति पहुँची है, जोकि अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण क़ानून के अनुरूप नहीं है. 

रिपोर्ट में 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से 15 मई तक की अवधि के दौरान, मानवाधिकारों के लिये परिस्थितियों की समीक्षा की गई है. 

यूक्रेन के एक अस्पताल में गोलाबारी की चपेट में आने से घायल हुए एक 13 वर्षीय लड़के का इलाज किया जा रहा है.
© UNICEF
यूक्रेन के एक अस्पताल में गोलाबारी की चपेट में आने से घायल हुए एक 13 वर्षीय लड़के का इलाज किया जा रहा है.

यूएन मानवाधिकार निगरानी मिशन ने अपने आँकड़े जुटाने के लिये, यूक्रेन में 11 बार फ़ील्ड का दौरा किया, तीन हिरासत केन्द्रों का जायज़ा लिया और  मानवाधिकार हनन के 517 पीड़ितों व प्रत्यक्षदर्शियों के साथ बातचीत की. 

मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के अनुसार, 3 जुलाई तक देश में 10 हज़ार आम लोगों के मारे जाने या घायल होने का दस्तावेज़ीकरण किया गया है. चार हज़ार 889 मृतकों में 335 बच्चे होने की बात कही गई है.

हताहतों का वास्तविक आँकड़ा इससे कहीं अधिक होने की आशंका जताई गई है. 

यूएन एजेंसी ने रूसी सैन्य बलों द्वारा लोगों को जान से मारने के क़रीब 300 ऐसे आरोपों व परिस्थतियों की पड़ताल की भी बात कही है, जिन्हें सक्रिय लड़ाई के दौरान अंजाम नहीं दिया गया.