वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

यूक्रेन: 'शान्ति की तत्काल दरकार, दुनिया की खाद्य टोकरी पर जोखिम'

बमबारी में छह वर्षीया मिलाना की माँ की मौत हो गई. अब वो कीयेफ़ के एक अस्पताल में सर्जरी के बाद उबर रही हैं.
© UNICEF/Oleksandr Ratushniak
बमबारी में छह वर्षीया मिलाना की माँ की मौत हो गई. अब वो कीयेफ़ के एक अस्पताल में सर्जरी के बाद उबर रही हैं.

यूक्रेन: 'शान्ति की तत्काल दरकार, दुनिया की खाद्य टोकरी पर जोखिम'

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को क्षोभ व्यक्त करते कहा है कि यूक्रेन, इस समय आग की लपटों में घिरा हुआ है और दुनिया की आँखों के सामने ही उसे तबाह किया जा रहा है. उन्होंने एक चेतावनी जारी करते हुए कहा कि यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के दरकने का ख़तरा है, जिसका विश्व के सर्वाधिक निर्बल व ज़रूरतमन्द लोगों पर भीषण असर होगा.

यूएन प्रमुख ने सोमवार को, सुरक्षा परिषद कक्ष के बाहर पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मौजूदा हिंसा का आम नागरिकों पर भयावह असर हुआ है और अनगिनत लोग मारे गए हैं, जिनमें महिलाएँ व बच्चे भी हैं.

“रूसी सैन्य बलों की कार्रवाई के बाद सड़कें, हवाई अड्डे और स्कूल मलबे में दबे हैं.” लाखों लोग जल और बिजली के बिना रहने के लिये मजबूर हैं.

Tweet URL

यूएन प्रमुख ने कहा कि हर घण्टा बीतने के साथ दो बातें स्पष्ट होती जा रही हैं.

पहला, हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. दूसरा, युद्ध का नतीजा चाहे कुछ भी हो, इसमें जीत किसी की नहीं होगी केवल हार ही होगी.

यूएन प्रमुख ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र और साझीदार संगठन, घेराबन्दी वाले इलाक़ों में मदद पहुँचाने और लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिये हरसम्भव प्रयास कर रहे हैं.

अब तक छह लाख से अधिक लोगों तक किसी ना किसी रूप में सहायता पहुँचाई जा चुकी है.

उन्होंने बताया कि युद्ध का अन्त करने के लिये मध्यस्थता प्रयासों के तहत, वह चीन, फ़्रांस जर्मनी, भारत, इसराइल, तुर्की समेत अन्य देशों के नज़दीकी सम्पर्क में हैं.

संकटपूर्ण हालात

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि यूक्रेन में लाखों लोग भूख की मार झेल रहे हैं और दवा व जल की आपूर्ति लड़खड़ा रही है.

इसके मद्देनज़र, संयुक्त राष्ट्र ने केन्द्रीय आपात प्रतिक्रिया कोष से सर्वाधिक ज़रूरतमन्द लोगों की सहायता के लिये चार करोड़ डॉलर की अतिरिक्त रक़म जारी करने की घोषणा की है.

इस धनराशि से भोजन, जल, दवाओं और देश में अन्य जीवनरक्षक सहायता के प्रबन्ध किये जाएंगे और नक़दी सहायता भी प्रदान की जाएगी.

यूक्रेन में कम से कम 19 लाख लोग देश के भीतर ही विस्थापित हैं और लाखों लोग सीमा पार करके पड़ोसी देशों में शरण ले रहे हैं.

महासचिव ने उन मेज़बान देशों का आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने पिछले दो सप्ताह में 28 लाख से अधिक शरणार्थियों को अपने यहाँ जगह दी है.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि इनमें से अधिकतर लोग बेहद कठिन हालात में इन देशों तक पहुँचे हैं.

साथ ही आगाह भी किया कि मानव तस्करों के लिये युद्ध कोई त्रासदी नहीं, बल्कि एक अवसर है, जिसका निशाना अक्सर महिलाएँ व बच्चे बनते हैं.

“उन्हें रास्ते के हर क़दम पर सुरक्षा व समर्थन की आवश्यकता है.”

यूक्रेन के लाखों लोगों को पड़ोसी देशों में शरण लेनी पड़ी है.
© WFP/Marco Frattini
यूक्रेन के लाखों लोगों को पड़ोसी देशों में शरण लेनी पड़ी है.

यूएन महासचिव ने भरोसा दिलाया कि वह यूक्रेन के लोगों की हताशा और व्यथा कथा को साझा करना जारी रखेंगे.

उन्होंने सचेत किया कि यूक्रेन में हिंसक संघर्ष का एक और आयाम है, जिस पर ध्यान नहीं दिया गया है.

विश्व अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

यूक्रेन में युद्ध की आँच अन्य देशों में महसूस की जाएगी, जिसका नाज़ुक हालात में रहने वाले लोगों व देशों पर सबसे ज़्यादा असर होगा.

विकासशील देशों में अर्थव्यवस्थाओं के लिये यह विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है.

वैश्विक महामारी के कारण, विकासशील देशों को महंगाई, ऊँची ब्याज़ क़ीमतों और क़र्ज़ के बोझ का सामना करना पड़ रहा था, और वित्तीय मदद का प्रबन्ध कर पाना उनके लिये मुश्किल हो गया है.

यूएन प्रमुख के मुताबिक़, अब उनके भोजन की टोकरी पर बमबारी की जा रही है.

ग़ौरतलब है कि रूस और यूक्रेन, विश्व भर में 50 फ़ीसदी से अधिक सूरजमुखी के तेल की आपूर्ति और 30 प्रतिशत गेहूँ के लिये ज़िम्मेदार हैं.

Ukraine: “The impact on civilians is reaching terrifying proportions“ - UN Chief Media Stakeout

खाद्य सुरक्षा पर असर

विश्व खाद्य कार्यक्रमों के लिये आधे से अधिक मात्रा में गेहूँ की आपूर्ति, यूक्रेन से होती है.

मौजूदा घटनाक्रम के मद्देनज़र, अनाज, ईंधन व उर्वरक की क़ीमतों में तेज़ उछाल आया है, आपूर्ति श्रंखला में व्यवधान दर्ज किया गया है.

साथ ही आयातित सामान के परिवहन की क़ीमतें बढ़ीं हैं और उसमें देरी भी हो रही है.

यूएन प्रमुख ने चिन्ता जताई है कि इन हालात के कारण विश्व भर में राजनैतिक अस्थिरता व अशान्ति की ज़मीन तैयार हो रही है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि विश्व खाद्य प्रणाली को ध्वस्त होने से बचाने और भुखमरी के तूफ़ान की रोकथाम के लिये हरसम्भव उपाय किये जाने होंगे.  

संकट कार्रवाई समूह

इस क्रम में, उन्होंने एक नए वैश्विक संकट जवाबी कार्रवाई समूह स्थापित किये जाने की घोषणा की है, जोकि भोजन, ऊर्जा व वित्त पोषण पर ध्यान केन्द्रित करेगा.

यूक्रेन में बढ़ते संकट से बचकर सुरक्षा की तलाश में पोलैण्ड पहुँचे कुछ यूक्रेनी लोग. ये तस्वीर 5 मार्च 2022 की है.
© UNICEF/Tom Remp
यूक्रेन में बढ़ते संकट से बचकर सुरक्षा की तलाश में पोलैण्ड पहुँचे कुछ यूक्रेनी लोग. ये तस्वीर 5 मार्च 2022 की है.

इस समूह की देखरेख उपमहासचिव आमिना मोहम्मद करेंगी, और यह न्यूयॉर्क सचिवालय में स्थित होगा.

महासचिव ने कहा कि जीवाश्म ईंधनों की वैश्विक लत के कारण, ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई और पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भू-राजनैतिक घटनाक्रम के रहमो-करम पर है.

उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन द्वारा देश में परमाणु ताक़त को ऐलर्ट किया जाना, एक बेहद चिन्ताजनक घटनाक्रम है.

उनके अनुसार, कभी अकल्पनीय परमाणु युद्ध, अब फिर से सम्भावना के दायरे में आ रहा है.

महासचिव ने कहा कि वह अन्य देशों के साथ युद्ध का अन्त करने के लिये मध्यस्थता प्रयासों में जुटे हैं, और शान्ति की अपीलें सुनी जानी होंगी.

यूएन प्रमुख ने दोहराया कि इस त्रासदी को रोका जाना होगा, कूटनीति व सम्वाद के लिये कभी देर नहीं होती है और मौजूदा संकट को यूएन चार्टर व अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत सुलझाना होगा.