यूक्रेन: मानवीय आधार पर युद्धविराम तत्काल लागू किये जाने की पुकार
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यूक्रेन संकट के मुद्दे पर मानवीय आधार पर युद्धविराम लागू किये जाने की अपील जारी की है, ताकि ज़िन्दगियों की रक्षा, ज़रूरतमन्दों के लिये सहायता और आमजन के लिये पीड़ा की रोकथाम सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने उम्मीद जताई कि युद्धविराम से इस युद्ध के वैश्विक दुष्परिणामों से निपटने में भी मदद मिलेगी.
Let’s be clear. The solution to this humanitarian tragedy is not humanitarian. It is political - @antonioguterres' full remarks to the media on Ukraine this morning: https://t.co/ILeq0bmjX5 pic.twitter.com/Hg1g1oZeR3
UN_Spokesperson
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने सोमवार को न्यूयॉर्क में सुरक्षा परिषद के बाहर पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि युद्धविराम लागू होने से ठोस राजनैतिक वार्ताओं को शान्ति समझौते की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकेगा.
यूक्रेनी शहरों पर रूसी सैन्य बलों के हमलों और बमबारी के बीच, उन्होंने सचेत किया कि यह बातचीत संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर आधारित होनी होगी.
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि लड़ाई पर विराम लगाने से अति-आवश्यक मानवीय सहायता वितरित करने में मदद मिलेगी और आमजन के लिये आवाजाही सम्भव होगी.
“इससे प्राणों की रक्षा होगी, पीड़ा से बचा जा सकेगा, और नागरिकों को सुरक्षा मिलेगी.”
उन्होंने उम्मीद जताई कि युद्धविराम से इस युद्ध के वैश्विक दुष्परिणामों से निपटने में मदद मिलेगी.
ग़ौरतलब है कि यूक्रेन में युद्ध के कारण अनेक विकासशील देशों के लिये भूख संकट गहराने की आशंका है, चूँकि रूस और यूक्रेन बड़े कृषि निर्यातक हैं.
कोविड-19 महामारी से उबर रहे देशों के लिये वित्तीय संसाधन पहले से ही एक बड़ी चुनौती है और अब खाद्य व ऊर्जा क़ीमतों में भी तेज़ उछाल आ रहा है.
यूएन महासचिव के वक्तव्य के बाद एक पत्रकार ने उनसे रूस द्वारा परमाणु हथियारों या जैविक-रासायनिक हथियारों का किसी प्रकार इस्तेमाल किये जाने की आशंका पर सवाल किया.
यूएन प्रमुख ने इसके जवाब में कहा कि, “यह एक ऐसी बात होगी, जिससे, मेरा विश्वास है कि बचा जाएगा – इससे बचा जाना होगा.”
गम्भीर हालात
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि एक महीने पहले, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत से अब तक, हज़ारों लोगों की जान गई है, एक करोड़ विस्थापन का शिकार हुए हैं जिनमें महिलाएँ व बच्चे भी हैं.
साथ ही, बुनियादी ढाँचे को व्यवस्थित ढँग से ध्वस्त किया गया है, और दुनिया भर में भोजन व ऊर्जा की क़ीमतों में भारी उछाल दर्ज किया गया है. “इसे रोकना होगा.”
उन्होंने आगाह किया कि इस मानवीय त्रासदी का समाधान, मानवीय नहीं हो सकता है – यह राजनैतिक है.

महासचिव गुटेरेश ने बताया कि मानवीय राहत मामलों संयोजन के लिये यूएन प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स, रूस और यूक्रेन में युद्धविराम के लिये तत्काल एक समझौते की सम्भावनाओं की दिशा में प्रयास करेंगे.
इस क्रम में, यूएन प्रमुख तुर्की, क़तर, इसराइल, भारत, चीन, फ़्राँस और जर्मनी के साथ सम्पर्क में हैं, ताकि अर्थपूर्ण बातचीत को आगे बढ़ाया जा सके.
सहायता के लिये हरसम्भव प्रयास
यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि युद्ध की वजह से जिन लोगों के जीवन में भीषण उथल-पुथल पैदा हुई, संयुक्त राष्ट्र उन्हें सहारा देने के लिये हरसम्भव प्रयास कर रहा है.
पिछले एक महीने में शरणार्थियों की मेज़बानी करने वाले देशों के लिये समर्थन से इतर, मानवीय राहत एजेंसियों व साझीदार संगठनों ने 9 लाख लोगों तक मदद पहुँचाई है.
इनमें मुख्य रूप से पूर्वी यूक्रेन में हैं, जहाँ भोजन, शरण, कम्बल, दवाएं, बोतलबन्द पानी और स्वच्छता सामग्री वितरित की गई है.

उन्होंने कहा कि यूक्रेन में फ़िलहाल संयुक्त राष्ट्र के एक हज़ार से अधिक कर्मचारी हैं, जोकि द्नीप्रो, विनित्सिया, लिविफ़, लुहान्स्क समेत 8 मानवीय सहायता केंद्रों पर काम कर रहे हैं:
विश्व खाद्य कार्यक्रम व साझीदार संगठनों ने पिछले एक महीने में आठ लाख लोगों तक सहायता पहुँचाई है.
मध्य-अप्रैल तक, इस सहायता का स्तर बढ़ाकर 12 लाख ज़रूरतमन्दों तक पहुँचने की योजना है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन व साझीदारों ने सर्वाधिक निर्बल इलाक़ों में पाँच लाख से अधिक लोगों तक आपात स्वास्थ्य, सदमा व चोट, और सर्जरी सम्बन्धी किट रवाना की हैं.
आगामी हफ़्तों में पूरे यूक्रेन में महत्वपूर्ण आपूर्ति व वितरण के लिये इन्तज़ाम किये जाएंगे.