लीबिया रेगिस्तान में प्रवासियों की मौत, मज़बूत संरक्षण के लिये सतर्कता पुकार
संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी (IOM) ने लीबिया के रेगिस्तान में कम से कम 20 प्रवासियों की मौत होने की तीखी निन्दा की है और चाड-लीबिया सीमा पर प्रवासियों की सुरक्षा को और मज़बूत किये जाने की अपनी पुकार दोहराई है.
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन एजेंसी (IOM) के लीबिया मिशन के प्रमुख फ़ेडेरिको सोडा ने शुक्रवार को कहा कि लीबिया के रेगिस्तान में गुरूवार को 20 लोगों की मौत होना, सम्पूर्ण अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के लिये एक और सतर्कता पुकार है; और ये स्मरण भी कि हम अब भी “किसी को भी पीछे नहीं छोड़ देने” का लक्ष्य प्राप्त करने से बहुत पीछे हैं, जैसाकि 2030 के एजेण्डा का मंत्र है.
The continuing loss of life in the Mediterranean Sea and in the deserts of southern Libya are both unacceptable and avoidable. IOM calls for stronger action to protect migrants following death of 20 people on Chad-Libyan border.https://t.co/kt25Ua50Ze
UNmigration
अस्वीकार्य और रोकथाम योग्य
ख़बरों के अनुसार, 28 जून को चाड और लीबिया के सीमावर्ती इलाक़े से, 20 शव बरामद किये गए जिनमें 18 लोग चाड के और दो लीबियाई लोग बताए गए हैं.
लीबिया की एम्बुलेंस व आपात सेवाओं के अनुसार, ऐसा समझा जाता है कि उन सभी लोगों की मौत, शरीर में तरल पदार्थ के कमी होने के कारण हुई.
फ़ेडेरिको सोडा ने कहा कि भूमध्य सागर और लीबिया के दक्षिणी इलाक़े में रेगिस्तान में जो ज़िन्दगियों का नुक़सान देख रहे हैं, वो अस्वीकार्य और रोकथाम योग्य है.
घातक यात्रा
सहारा रेगिस्तान को दुनिया के सबसे ख़तरनाक और घातक प्रवासन मार्गों में से एक समझा जाता है.
संगठन के अनुसार, वर्ष 2014 के बाद से अकेले सहारा रेगिस्तान में ही 2,000 से ज़्यादा प्रवासियों की मौतें दर्ज की जा चुकी हैं, मगर विशेषज्ञों का कहना है कि असल संख्या इससे कहीं ज़्यादा है.
स्वर्ण खदान सम्बन्धी हादसे
चाड के उत्तरी हिस्से में जब से 2012 में स्वर्ण खुदाई सघन हुई है, चाड-लीबिया सीमावर्ती इलाक़े में ऐसी घटनाएँ बढ़ गई हैं जिनमें तस्कर समूह, प्रवासियों को वहाँ छोड़ दे रहे हैं या परिवहन साधन छूट रहे हैं.
पिछले महीने, लीबिया सीमा के निकट कौरी बौगूडी क़स्बे में स्वर्ण खदान कर्मियों के दरम्यान झड़पें होने के कारण सैकड़ों लोग मारे गए और उत्तरी चाड में अनुमानतः 10 हज़ार खदानकर्मियों को विस्थापित कर दिया.
संरक्षण की पुकार
इस वर्ष जनवरी और मार्च बीच, चाड के उत्तरी हिस्से में 45 हज़ार से ज़्यादा प्रवासी दर्ज किये गए थे.
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन एजेंसी ने उस अवधि में जिन प्रवासियों की राय जानने के लिये सर्वे किया, उनमें से 32 प्रतिशत लीबिया की तरफ़ जा रहे थे जबकि उनकी सुरक्षा और सलामती सुनिश्चित करने के लिये कोई पूर्व शर्त नहीं थी.
एजेंसी ने समर्पित तलाश और बचाव प्रयासों के माध्यम से प्रवासियों और उनके अधिकारों का संरक्षण की पुकार दोहराई है.
साथ ही मानव तस्करों और उन सभी तत्वों की जाँच करने और उन्हें न्याय के कटघरे तक पहुँचाने की पुकार भी लगाई गई है जो लोगों की मजबूरी और कमज़ोर हालात का फ़ायदा उठाते हैं.