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सीरिया तट के निकट नाव डूबने से, कम से कम 70 लोगों की मौत

भूमध्य सागर में, सीरिया का एक तटीय शहर - तारतूस.
© Unsplash/Ali Ahmed
भूमध्य सागर में, सीरिया का एक तटीय शहर - तारतूस.

सीरिया तट के निकट नाव डूबने से, कम से कम 70 लोगों की मौत

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न एजेंसियों के प्रमुखों ने कहा है कि ख़बरों के अनुसार, भूमध्य सागर में सीरिया तट के निकट, एक अन्य नाव डूबने से, 71 प्रवासियों के शव बरामद किये गए हैं. उन्होंने इस घटना को “बिल्कुल त्रासद” क़रार देते हुए, एक ऐसी अन्तरराष्ट्रीय कार्रवाई की मांग की जिसमें अपना घर छोड़ने वाले लोगों की परिस्थितियों को बेहतर बनाने के प्रयास शामिल हों.

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM), यूएन शरणार्थी एजेंसी – UNHCR, और फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिये यूएन राहत एजेंसी – (UNRWA) ने गुरूवार देर रात एक संयुक्त प्रैस विज्ञप्ति जारी करके कहा कि वो नाव मंगलवार को लेबनान के त्रिपोली शहर के निकट मिनियेह बन्दरगाह से, योरोप के लिये रवाना हुई थी, जिसमें 120 से 170 के बीच यात्री सवार थे.

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उन शरणार्थियों में अधिकतर सीरियाई, लेबनानी, और फ़लस्तीनी लोग शामिल थे. यात्रियों में महिलाएँ, बच्चे, पुरुष और वृद्धजन भी थे.

तलाश और राहत अभियानों से पुष्टि हुई है कि सीरियाई जल क्षेत्र में कम से कम 70 लोगों के शव बरामद किये गए हैं.

कम से कम 20 लोग अस्पताल में हैं

वक्तव्य में कहा गया है, “हर रिपोर्ट में संकेत मिलता है कि 20 लोगों को सीरिया के तारतूस नामक शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ लोगों की हालत गम्भीर बताई गई है.”

समाचारों में कहा गया है कि वो नाव योरोप की तरफ़ जा रही थी, मगर भी ये अस्पष्ट है कि वो नाव किन कारणों से डूबी.

लेबनान में तीन एजेंसियाँ सम्बन्धित अधिकारियों के साथ निकट सम्पर्क में हैं और प्रभावित परिवारों तक सहायता पहुँचाने के लिये मुस्तैद हैं.

सीरिया में यूएनएचसीआर भी, जीवित बचे लोगों को कुछ सहायता मुहैया करा रही है, जो तारतूस शहर में हुए इस हादसे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा है, “ये एक अन्य दिल दहला देने वाला हादसा है और हम सभी प्रभावितों के लिये अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं.”

एकजुटता की पुकार

उन्होंने कहा, “हम मध्य पूर्व में जबरन विस्थापित लोगों और प्रवासियों व शरणार्थियों की मदद करने वाले मेज़बान समुदायों के हालात बेहतर बनाने में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की मदद की पुकार लगाते हैं, विशेष रूप में सीरिया के पड़ोसी देशों में. बहुत ज़्यादा लोग कगार पर धकेले जाने के लिये विवश हैं.”

यूएन प्रवासन एजेंसी (IOM) के महानिदेशक एंतोनियो वितॉरीनो ने जो लोग अपने लिये किसी सुरक्षा तलाश करते हैं, उन्हें ऐसे ख़तरनाक, और अक्सर जानलेवा प्रवासन यात्राएँ करने के लिये विवश नहीं होना चाहिये.”

उन्होंने कहा, “हमें नियमित प्रवास के लिये सुरक्षित व क़ानूनी मार्ग बढ़ाने के लिये एकजुट होकर काम करना होगा, जिससे जीवन की हानि कम करने और सफ़र पर निकले लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने में मदद मिलेगी.”

ग्रीस के उत्तरी ईजियन क्षेत्र में लैसबोस द्वीप में पहुँचने वाले शरणार्थियों की मदद करते हुए स्वेच्छाकर्मी. (फ़ाइल)
© UNICEF/Ashley Gilbertson
ग्रीस के उत्तरी ईजियन क्षेत्र में लैसबोस द्वीप में पहुँचने वाले शरणार्थियों की मदद करते हुए स्वेच्छाकर्मी. (फ़ाइल)

‘ये कोई छोटी बात नहीं है’

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिये यूएन राहत एजेंसी -UNRWA के महा आयुक्त फ़िलिप्पे लज़्ज़रीनी ने कहा है, “ये बहुत त्रासद घटना है. मौत की वाहक इन नावों पर कोई भी व्यक्ति बस यूँ ही नहीं सवार होंगे. लोग, अपने लिये गरिमा की तलाश में, अपने जीवन को जोखिम में डालकर, इस तरह की ख़तरनाक यात्राएँ चुनते हैं.”

उन्होंने कहा, “हमें लेबनान और पूरे क्षेत्र में, फ़लस्तीनी शरणार्थियों सहित सभी को, एक बेहतर भविष्य मुहैया कराने और नाउम्मीदी की भावना का हल निकालने के लिये, और ज़्यादा उपाय करने होंगे.”