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सोमालिया में नई सरकार के लिये अन्तरराष्ट्रीय समर्थन की पुकार

सोमालिया के लिये यूएन महासचिव के विशेष प्रतिनिधि और देश में यूएन सहायता मिशन के मुखिया जेम्स स्वैन, देश की ताज़ा स्थिति के बारे में, सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.
UN Photo/Manuel Elias
सोमालिया के लिये यूएन महासचिव के विशेष प्रतिनिधि और देश में यूएन सहायता मिशन के मुखिया जेम्स स्वैन, देश की ताज़ा स्थिति के बारे में, सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.

सोमालिया में नई सरकार के लिये अन्तरराष्ट्रीय समर्थन की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

सोमालिया के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि जेम्स स्वैन ने कहा है कि देश में हाल ही में सम्पन्न हुई चुनावी प्रक्रिया, तात्कालिक राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने का अति महत्वपूर्ण अवसर मुहैया कराती है जिसकी लम्बे समय से प्रतीक्षा थी. विशेष प्रतिनिधि जेम्स स्वैन, सोमालिया में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन के अध्यक्ष भी हैं. 

उन्होंने सोमवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए, सोमालिया की सरकार और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय दोनों से ही, इस अवसर का सदुपयोग करने का आग्रह भी किया.

सहयोग व एकजुटता की भावना

उन्होंने सोमाली नेताओं से सहयोग व एकजुटता की भावना के साथ मिलकर और राष्ट्रीय उद्देश्य के लिये काम करने की पुकार लगाई. “हम सोमालिया के अन्तरराष्ट्रीय मित्रों और साझीदारों से रचनात्मक सहयोग और प्रोत्साहन मुहैया कराने की पुकार लगाते हैं...”

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सोमालिया में चुनावी प्रक्रिया 15 मई को सम्पन्न हुई है जब सांसदों ने देश के 10वें राष्ट्रपति के रूप में हसन शेख़ मोहमूद को चुना है.

ख़ामियाँ और हिंसा

जेम्स स्वैन ने सफलतापूर्वक हुए चुनाव का स्वागत करते हुए, कुछ ख़ामियों की तरफ़ भी ध्यान आकर्षित किया.

सोमाली लोगों को लोक सभा के लिये, ‘एक व्यक्ति-एक वोट’ के आधार पर मतदान करने का अवसर नहीं मिला है, और निर्वाचित सांसदों (MPs) में केवल 21 प्रतिशत ही महिलाएँ हैं, जबकि उनके लिये 30 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं.

विशेष प्रतिनिधि ने कहा कि पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान, सांसदों के निर्वाचन में भी बहुत सी अनिमितताएँ दर्ज की गईं, जिस दौरान बार-बार हिंसा हुई, और अनेक आम नागरिक हताहत हुए.

राष्ट्रपतीय प्राथमिकताएँ

जेम्स स्वैन ने सोमालिया की नई सरकार के साथ काम करने के लिये संयुक्त राष्ट्र की मुस्तैदी को रेखांकित करते हुए कहा कि उन्हें नई सरकार के तात्कालिक लक्ष्यों के बारे में, नए राष्ट्रपति से प्रत्यक्ष सन्देश मिला है, जिनमें राष्ट्रीय सुलह-सफ़ाई, केन्द्र सरकार और संघीय प्रान्तों के बीच सम्बन्धों में सुधार करना, और चरमपंथी गुट – अल शबाब से दरपेश सुरक्षा ख़तरे का सामना करना शामिल हैं.

अन्य प्राथमिकताओं में संवैधानिक समीक्षा सम्पन्न करना और न्यायिक सुधार करना, चुनाव सम्बन्धी क़ानून की पूर्ति, क़र्ज़ राहत के लिये नियमों का पालन व अन्तरराष्ट्रीय अनिवार्यताएँ पूरी करना, और क्षेत्र के लिये विशाल कठिनाइयाँ पेश कर रहे भीषण सूखे से निपटना भी शामिल हैं.

भीषण मानवीय स्थिति

जेम्स स्वैन ने सोमालिया में बद से बबदतर होती मानवीय स्थिति का सन्दर्भ देते हुए कहा कि सूखे से प्रभावित लोगों की संख्या 61 लाख तक पहुँच गई है.

मानवीय सहायता के अभियानों की गति व दायरा बढ़ाने के बावजूद और इस वर्ष के लिये एक अरब 45 करोड़ डॉलर की सहायता राशि अपील में से, केवल 15 प्रतिशत धनराशि ही हासिल हुई है.

उन्होंने कहा, “मानवीय सहायता अभियानों का दायरा व गति बढ़ाने के लिये, अगर धनराशि तत्काल हासिल नहीं होती है तो आने वाले समय में, हम जीवन की व्यापक हानि के जोखिम की सम्भावना देख रहे हैं.”

”अगर हम इस समय लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने और अकाल को टालने पर ध्यान केन्द्रित करें तो भी सहनक्षमता बढ़ाने, विकास, और जलवायु कार्रवाई की दरकार है ताकि जो लोग बार-बार के संकटों से प्रभावित रहे हैं वो, बदले हुए हालात में ख़ुद को ढाल सकें और भविष्य में ख़ुशहाली में जीवन जी सकें.”

अल शबाब ने फिर सिर उठाया

विशेष प्रतिनिधि जेम्स स्वैन ने सुरक्षा हालात का भी ज़िक्र किया जो बहुत ही विस्फोटक बने हुए हैं. मार्च और अप्रैल में अल शबाब गुट के घातक हमले हुए थे जो, चुनावी प्रक्रिया के अन्तिम चरण में व्यवधान डालने के प्रयास नज़र आते हैं.

उन्होंने सोमाली सुरक्षा बलों और सोमालिया में अफ़्रीकी संघ के बदलाव मिशन (AUTMIS) के बलों की सराहना की जिन्होंने चुनावी प्रक्रिया को सुरक्षा मुहैया कराई और अल शबाब के घातक हमलों का बोझ वहन किया.

मई के आरम्भ में अल शबाब गुट ने मध्य शाबेल्ले क्षेत्र में अफ़्रीकी संघ मिशन के सुरक्षा बलों एक ठिकाने पर एक जटिल हमला किया, जिसमें बुरूण्डी के अनेक शान्तिरक्षक मारे गए.

अफ़्रीकी संघ के प्रतिनिधि फ्रांसेस्को काएतानो होज़े मैडीरिया का कहना था कि इस तरह के हमलों से नज़र आता है कि अल शबाब ने फिर से मज़बूती हासिल कर ली है, जोकि सोमालिया और अफ़्रीकी संघ के मिशन, दोनों के लिये ही अनेक तरह की चुनौतियाँ पेश करता रहेगा. 

उन्होंने इन चुनौतियों का ठोस व सम्पूर्ण जबाव देने की तत्काल ज़रूरत को भी रेखांकित किया.