वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

चुनाव

ऐकुवाडोर की राजधानी कुइटो का एक दृश्य.
© Unsplash/David Golding

ऐकुआडोर के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की हत्या की निन्दा

संयुक्त राष्ट्र ने ऐकुवाडोर में हो रहे राष्ट्रपति पद के एक चुनावी उम्मीदवार फ़रनांडो विल्लविसेंशियो की हत्या की कड़ी निन्दा की है.

लीबिया के बेनग़ाज़ी शहर का एक दृश्य जहाँ अनेक वर्षों से जारी युद्ध से हुई भारी तबाही नज़र आती है.
© UNOCHA/Giles Clarke

लीबिया: लोक हताशा उच्च, चुनाव संस्था का प्रस्ताव

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी अब्दुलाए बैथिली ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को बताया है कि देश में क्रान्ति के 12 वर्ष बाद भी राजनैतिक तनाव ऊँचा बना हुआ है, और देश के नेताओं के सामने, व्यापक सार्वजनिक हताशा के माहौल में, वैधता का एक संकट दरपेश है. उन्होंने देश में महत्वपूर्ण चुनाव को समर्थन देने के लिए एक नई प्रणाली सृजित करने की घोषणा भी की है.

विकासशील देशों में केनया के नैरोबी जैसे शहर, तेज़ी से प्रगति कर रहे हैं.
UN-Habitat/Julius Mwelu

केनया: चुनाव के शान्तिपूर्ण संचालन व हिंसा की रोकथाम का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र के कुछ स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने केनया में सरकार और राजनैतिक उम्मीदवारों से, अगले महीने के आम चुनाव में मतदान के शान्तिपूर्ण संचालन और हिंसा को रोकने के लिये, एक सक्षम नागरिक स्थान को बढ़ावा देने का आहवान किया.

सोमालिया के लिये यूएन महासचिव के विशेष प्रतिनिधि और देश में यूएन सहायता मिशन के मुखिया जेम्स स्वैन, देश की ताज़ा स्थिति के बारे में, सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.
UN Photo/Manuel Elias

सोमालिया में नई सरकार के लिये अन्तरराष्ट्रीय समर्थन की पुकार

सोमालिया के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि जेम्स स्वैन ने कहा है कि देश में हाल ही में सम्पन्न हुई चुनावी प्रक्रिया, तात्कालिक राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर आगे बढ़ने का अति महत्वपूर्ण अवसर मुहैया कराती है जिसकी लम्बे समय से प्रतीक्षा थी. विशेष प्रतिनिधि जेम्स स्वैन, सोमालिया में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन के अध्यक्ष भी हैं. 

सोमालिया में राष्ट्रपति पद के लिये ताज़ा चुनाव, 15 मई 2022 को हुए.
UNSOM

सोमालिया: राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया पूरी होने का स्वागत, एकता की पुकार

सोमालिया में संयुक्त राष्ट्र ने राष्ट्रपति पद के लिये रविवार को सम्पन्न हुए चुनाव के परिणामों का स्वागत करते हुए, चुनावी प्रक्रिया की सकारात्मक प्रकृति और सत्ता के शान्तिपूर्वक हस्तान्तरण की सराहना की है.

सोमालिया के डोलॉ अस्पताल में एक डॉक्टर कुपोषण से ग्रस्त बच्चे की जाँच कर रहा है.
© UNICEF/Ismail Taxta

सोमालिया में सूखे और बाल कुपोषण का गहराता संकट

सोमालिया में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि और यूएन सहायता मिशन (UNSOM) के प्रमुख जेम्स स्वॉन ने सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को सचेत किया है कि देश में सूखे से गम्भीर हालात उत्पन्न हो गए हैं, जोकि मानवीय त्रासदी में तब्दील हो सकते हैं. इसके मद्देनज़र, उन्होंने मानवीय राहत प्रयासों में तेज़ी पर बल दिया है.

 

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने लेबनान में यूएन मिशन के मुख्यालय का दौरा किया.
UN Photo/Eskinder Debebe

यूएन प्रमुख की लेबनान यात्रा: 2022 में निष्पक्ष चुनाव, आमजन की आवाज़ सुनने का अहम अवसर

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपनी लेबनान यात्रा के दौरान, स्थानीय जनता की पीड़ा का प्रत्यक्ष अनुभव करने के बाद ध्यान दिलाया है कि राजनैतिक नेताओं के पास, समुदायों में दरार पैदा करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने आगाह किया कि इससे, पहले से ही अनेक संकटों में घिरा देश ठप हो जाता है. 

पूर्वी येरूशेलम की पुरानी बस्ती में एक बाज़ार का दृश्य.
Rafique Gangat

फ़लस्तीनी इलाक़ों में, यथाशीघ्र चुनाव कराने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र के तीन स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा है कि इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी इलाक़ों में प्रस्तावित चुनाव यथा शीघ्र फिर से निर्धारित किये जाएँ और पूर्वी येरूशेलम को भी उनमें शामिल किया जाए.

लीबिया के बेनग़ाज़ी शहर में एक ध्वस्त इमारत के पास खड़े बच्चे.
UNOCHA/Giles Clarke

लीबिया: शान्ति व एकता स्थापित करने के प्रयासों के लिये मज़बूत समर्थन

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जर्मनी की राजधानी बर्लिन में लीबिया मुद्दे पर आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए लीबियाई प्रशासन व संस्थाओं से स्थिरता व एकता की ओर, साथ मिलकर क़दम बढ़ाने का आहवान किया है.  

म्याँमार में यंगून शहर का एक दृश्य.
Unsplash/Alexander Schimmeck

म्याँमार: रैली से पहले हिंसा की आशंका, मानवाधिकार विशेषज्ञ की कड़ी चेतावनी

म्याँमार में मानवाधिकारों की स्थिति पर यूएन के विशेष रैपोर्टेयर टॉम एण्ड्रयूज़ ने बुधवार को यंगून में सैन्य शासन के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों से पहले हिंसा की आशंका जताई है. स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने कड़े शब्दों में कहा है कि म्याँमार ऐसे पड़ाव पर है जहाँ सेना, जनता के ख़िलाफ़ पहले से भी बड़े अपराधों को अंजाम दे सकती है. उन्होंने ध्यान दिलाया है कि स्थानीय लोगों की बुनियादी स्वतन्त्रता और मानवाधिकारों के दमन को तुरन्त बन्द किया जाना होगा.