सोमालिया: लाखों लोगों का जीवन दाँव पर, डेढ़ अरब डॉलर सहायता राशि की अपील

संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों ने वर्ष 2022 में सोमालिया के लिये ‘मानवीय राहत कार्रवाई योजना’ को पेश करते हुए एक अरब 46 करोड़ डॉलर सहायता धनराशि की एक अपील जारी की है. बताया गया है कि सोमालिया में क़रीब 77 लाख लोगों को सहायता व संरक्षण सेवाओं की आवश्यकता है.
पिछले एक वर्ष में ज़रूरतमन्दों की संख्या में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सोमवार को जारी की गई लगभग डेढ़ अरब डॉलर की अपील के ज़रिये, सर्वाधिक 55 लाख निर्बलों के लिये सहारा सुनिश्चित किया जाएगा.
📢The 2022 Humanitarian Response Plan for #Somalia is launched.Humanitarian partners require $US 1.46B to assist 5.5M people out of the 7.7M in need.Find out more ➡️ https://t.co/JS0Q4d0XJ5 pic.twitter.com/T9wrDKUdgG
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सोमालिया में यह लगातार तीसरा साल है जब देश को सूखे की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, पिछले 30 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है.
यूएन ने अपने ‘केंद्रीय आपात जवाबी कार्रवाई कोष’ (Central Emergency Response Fun/CERF) से एक करोड़ 70 लाख डॉलर जारी किये हैं, ताकि सूखा-प्रभावित समुदायों की तात्कालिक ज़रूरतों को पूरा किया जा सके.
इस आबण्टन के बाद, यूएन कोष द्वारा सोमालिया में वर्ष 2021 के दौरान, कुल मिलाकर पाँच करोड़ 20 लाख डॉलर की मदद की जा चुकी है.
इसके समानान्तर, अन्तरराष्ट्रीय दानदाताओं ने ‘सोमालिया मानवीय राहत कोष’ के तहत छह करोड़ डॉलर प्रदान किये हैं.
यूएन मानवीय राहत मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा, “सोमालिया में लोगों का जीवन दाँव पर है, और हमारे पास खोने के लिये समय नहीं है.”
उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्रीय राहत कोष के तहत जारी की गई राशि से अति-महत्वपूर्ण अभियानों के दायरे व स्तर को तत्काल बढ़ाने में मदद मिलेगी.
सोमालिया ने अनेक दशकों से हिंसक संघर्ष, जलवायु व्यवधानों, महामारियों के फैलाव समेत अन्य चुनौतियों का सामना किया है.
कोविड-19 महामारी और उसके सामाजिक-आर्थिक प्रभावों से हालत और भी जटिल हुए हैं. इसके अलावा, टिड्डी झुण्ड के प्रकोप से फ़सलों व आजीविकाओं पर असर पड़ा है.
बताया गया है कि देश में हर 10 में से सात व्यक्ति ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन गुज़ार रहे हैं.
राहत कार्रवाई योजना के तहत, प्रभावितों के लिये जीवनरक्षक सहायता सुनिश्चित किये जाने पर बल दिया गया है.
इस क्रम में, भुखमरी, गम्भीर कुपोषण, सार्वजनिक स्वास्थ्य पर मंडराते जोखिमों, महामारी फैलाव, दुर्व्यवहार, हिंसा व विस्फोट सामग्री की चपेट में आने वाले लोगों की ज़रूरतों को पूरा किया जाएगा.
मानवीय राहत साझीदार, ज़्यादा जोखिम झेल रहे सोमालियाई नागरिकों की आजीविका व अति-आवश्यक सेवाओं तक सुरक्षित, न्यायसंगत व गरिमामय पहुँच सुनिश्चित करने के लिये प्रयासरत हैं.
सोमालिया में हिंसक संघर्ष व असुरक्षा के कारण, इस वर्ष अब तक पाँच लाख 40 हज़ार से ज़्यादा लोग जबरन अपना घर छोड़ने के लिये मजबूर हुए हैं.
सोमालिया में कुल मिलाकर 30 लाख लोग देश के भीतर विस्थापित हो चुके हैं और उन्हें गुज़ारा चलाने के लिये सहारे की आवश्यकता है.
इनमें से आधी संख्या लड़कियों व महिलाओं की है, जिन्हें यौन हिंसा व दुर्व्यवहार का शिकार होने के जोखिम का सामना करना पड़ता है.
एक अनुमान के अनुसार, सूखे की समस्या की वजह से अगले छह महीनों के भीतर, विस्थापितों की संख्या बढ़कर 14 लाख तक पहुँच सकती है.
व्यापक पैमाने पर मवेशियों की मौत होने के समाचार मिल रहे हैं, और भोजन, जल व ईंधन की क़ीमतों में तेज़ उछाल दर्ज किया जा रहा है.
मानवीय राहत साझीदारों ने भय जताया है कि सहायता का स्तर बढ़ाये बिना, 38 लाख लोगों को संकट और बदतरीन स्तर की खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ सकता है.
मई 2022 तक सूखा प्रभावित और खाद्य असुरक्षा से पीड़ित लोगों की संख्य़ा बढ़कर 46 लाख तक पहुँच सकती है.